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कोटक सीईओ का चौंकाने वाला बयान: विदेशी कंपनियों को सहायक कंपनियों को बेचना एक बहुत बड़ी रणनीतिक भूल है!

Banking/Finance|5th December 2025, 1:17 AM
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AuthorSimar Singh | Whalesbook News Team

Overview

कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी और सीईओ अशोक वासवानी ने ज़ोर देकर कहा है कि बड़ी भारतीय बैंकों ने अपनी वित्तीय सेवा सहायक कंपनियों में हिस्सेदारी बेचकर, अक्सर विदेशी निवेशकों को, लंबी अवधि में काफी मूल्य का नुकसान उठाया है। वह कोटक की अपनी 19 सहायक कंपनियों में 100% स्वामित्व बनाए रखने की रणनीति को गहरा अंतर्निहित मूल्य (embedded value) बनाने और व्यापक क्रॉस-सेलिंग (cross-selling) को सक्षम करने के लिए एक प्रमुख लाभ के रूप में देखते हैं।

कोटक सीईओ का चौंकाने वाला बयान: विदेशी कंपनियों को सहायक कंपनियों को बेचना एक बहुत बड़ी रणनीतिक भूल है!

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Kotak Mahindra Bank Limited

कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अशोक वासवानी ने बड़ी भारतीय बैंकों द्वारा अपनी वित्तीय सेवा सहायक कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने की प्रथा का गंभीर मूल्यांकन किया है, खासकर विदेशी निवेशकों को। वासवानी का तर्क है कि ऐसे विनिवेश से मूल बैंकिंग समूहों के लिए काफी दीर्घकालिक मूल्य का क्षरण होता है।

एक मीडिया कार्यक्रम में बोलते हुए, वासवानी ने पिछली वित्तीय रणनीतियों की समीक्षा को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, "हर बार जब किसी बड़े समूह ने अपने कुछ हिस्से बेचे, तो उन्होंने आम तौर पर उन्हें किसी विदेशी को बेचा। और फिर उस समूह की कीमत पर उस विदेशी ने कितना पैसा कमाया," जो एक ऐसे पैटर्न का सुझाव देता है जिसमें विदेशी संस्थाओं ने मूल भारतीय समूहों की कीमत पर महत्वपूर्ण लाभ कमाया है।

कई भारतीय बैंकों ने पहले अपने म्यूचुअल फंड (mutual fund), बीमा (insurance) और प्रतिभूति (securities) शाखाओं में हिस्सेदारी बेची थी ताकि वे अपने निवेशों का मुद्रीकरण (monetise) कर सकें और पूंजी उत्पन्न कर सकें। इन विनिवेशित व्यवसायों ने बाद में पर्याप्त वृद्धि देखी है।

वासवानी ने कोटक महिंद्रा बैंक के विशिष्ट दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला, जिसमें वह अपनी सभी उन्नीस वित्तीय सेवा सहायक कंपनियों में पूर्ण स्वामित्व बनाए रखता है। उन्होंने कोटक को भारत का सबसे व्यापक वित्तीय समूह (financial conglomerate) बताया, जो उपलब्ध हर वित्तीय उत्पाद का निर्माण करने में सक्षम है। वासवानी का तर्क है कि यह पूर्ण स्वामित्व एक रणनीतिक लाभ है जो दीर्घकालिक अंतर्निहित मूल्य (embedded value) बनाने में मदद करता है।

उन्होंने इस एकीकृत मॉडल के लाभों पर विस्तार से बताया, विशेष रूप से संस्थागत बैंकिंग (institutional banking) के भीतर व्यावसायिक रेखाओं में क्रॉस-सेलिंग (cross-selling) के महत्वपूर्ण लाभों पर जोर दिया। वासवानी ने उदाहरण दिया कि कैसे एक कॉर्पोरेट बैंकर का एक परिचय, निवेश बैंक को आईपीओ (IPO) पर काम करने, शोध रिपोर्ट तैयार करने, ट्रेजरी (treasury) द्वारा विदेशी मुद्रा का प्रबंधन करने और उपभोक्ता बैंक द्वारा शेष राशि (balances) का अधिग्रहण करने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे ग्राहक को व्यापक रूप से सेवा दी जा सके।

वासवानी ने संकेत दिया कि पिछले दो वर्षों में कोटक महिंद्रा बैंक की रणनीति दृढ़ता से ग्राहक-केंद्रित (customer focus) रही है, एकीकृत वित्तीय समाधान (integrated financial solutions) पेश करने के लिए अपनी पूर्ण स्वामित्व संरचना का लाभ उठाया गया है।

प्रभाव:
एक प्रमुख बैंक सीईओ की यह टिप्पणी वित्तीय सेवा सहायक कंपनियों की स्वामित्व संरचनाओं के संबंध में निवेशक की भावना को प्रभावित कर सकती है और अन्य बैंकों को अपनी विनिवेश रणनीतियों (divestment strategies) का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए प्रेरित कर सकती है। यह कोटक महिंद्रा बैंक की एक व्यापक वित्तीय समूह के रूप में अनूठी स्थिति और उसकी रणनीतिक दूरदर्शिता को सुदृढ़ करता है।
प्रभाव रेटिंग: 7/10

कठिन शब्दों की व्याख्या:

  • सहायक कंपनियां (Subsidiaries): वे कंपनियाँ जिनका स्वामित्व या नियंत्रण मूल कंपनी के पास होता है।
  • मुद्रीकरण (Monetise): किसी संपत्ति या व्यवसाय को नकद या तरल संपत्ति में परिवर्तित करना।
  • वित्तीय समूह (Financial conglomerate): एक बड़ी वित्तीय संस्था जो वित्तीय सेवा उद्योग के कई क्षेत्रों में व्यवसायों का स्वामित्व रखती है और उनका संचालन करती है, जैसे बैंकिंग, बीमा और निवेश।
  • अंतर्निहित मूल्य (Embedded value): इस संदर्भ में भविष्य के लाभों का वर्तमान मूल्य का अनुमान लगाने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक माप, जो पूर्ण स्वामित्व बनाए रखने से बनाए गए छिपे हुए दीर्घकालिक मूल्य को संदर्भित करता है।
  • क्रॉस-सेलिंग (Cross-selling): किसी मौजूदा ग्राहक को अतिरिक्त उत्पाद या सेवा बेचने की प्रथा।

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