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चौंकाने वाला खुलासा: एलआईसी का ₹48,000 करोड़ का अडानी दांव - क्या आपका पैसा सुरक्षित है?

Insurance|5th December 2025, 12:40 AM
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AuthorSatyam Jha | Whalesbook News Team

Overview

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने अडानी समूह में ₹48,284 करोड़ से अधिक का निवेश किया है, जिसमें इक्विटी और ऋण दोनों शामिल हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में इसका खुलासा किया। एलआईसी का कहना है कि उसके निवेश निर्णय स्वतंत्र रूप से, कड़े उचित परिश्रम का पालन करते हुए लिए जाते हैं, जबकि पहले की मीडिया रिपोर्टों में बाहरी प्रभाव का सुझाव दिया गया था।

चौंकाने वाला खुलासा: एलआईसी का ₹48,000 करोड़ का अडानी दांव - क्या आपका पैसा सुरक्षित है?

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Adani Ports and Special Economic Zone LimitedLife Insurance Corporation Of India

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने अडानी समूह की विभिन्न कंपनियों में इक्विटी और ऋण साधनों दोनों को मिलाकर ₹48,284 करोड़ से अधिक का महत्वपूर्ण निवेश किया है। यह महत्वपूर्ण वित्तीय प्रतिबद्धता हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा सत्र के दौरान प्रकट की गई थी।

पृष्ठभूमि विवरण

  • यह खुलासा संसद सदस्यों मोहम्मद जावेद और महुआ मोइत्रा के सवालों के बाद आया है।
  • यह हालिया वाशिंगटन पोस्ट रिपोर्ट के संदर्भ में है, जिसमें सरकारी अधिकारियों द्वारा एलआईसी के अडानी समूह में निवेश को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया था, जिसका एलआईसी ने पहले खंडन किया था।

मुख्य संख्याएँ या डेटा

  • 30 सितंबर तक, सूचीबद्ध अडानी फर्मों में एलआईसी की इक्विटी होल्डिंग्स का बुक वैल्यू ₹38,658.85 करोड़ था।
  • इक्विटी के अलावा, एलआईसी के पास अडानी समूह की कंपनियों में ₹9,625.77 करोड़ का ऋण निवेश भी है।
  • विशेष रूप से, एलआईसी ने मई 2025 में अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड के सुरक्षित गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर में ₹5,000 करोड़ का निवेश किया (नोट: स्रोत में वर्ष टाइपो हो सकता है, संभवतः परिपक्वता या प्रस्ताव तिथि को संदर्भित करता है)।

प्रतिक्रियाएँ या आधिकारिक बयान

  • केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक लिखित जवाब में कहा कि वित्त मंत्रालय निवेश निर्णयों के संबंध में एलआईसी को कोई सलाह या निर्देश जारी नहीं करता है।
  • उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एलआईसी के निवेश विकल्प पूरी तरह से निगम द्वारा लिए जाते हैं, जो कठोर उचित परिश्रम, जोखिम मूल्यांकन और फिड्यूशियरी अनुपालन का पालन करते हैं।
  • ये निर्णय बीमा अधिनियम, 1938 के प्रावधानों और IRDAI, RBI, और SEBI के नियमों (जहां लागू हो) द्वारा शासित होते हैं।

घटना का महत्व

  • यह खुलासा अडानी समूह में एलआईसी के महत्वपूर्ण वित्तीय जोखिम को पारदर्शिता प्रदान करता है।
  • निवेशकों के लिए, यह बड़े कॉर्पोरेट निवेशों में सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी के पैमाने और इसमें शामिल निरीक्षण तंत्र को उजागर करता है।
  • एलआईसी के पोर्टफोलियो को समझना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत के सबसे बड़े संस्थागत निवेशकों में से एक है।

बाजार प्रतिक्रिया

  • इस खबर ने खुलासे के दिन कोई महत्वपूर्ण, सीधी बाजार प्रतिक्रिया नहीं दी, क्योंकि यह जानकारी संसदीय बयान का हिस्सा थी।
  • हालांकि, ऐसे खुलासे मध्यम से लंबी अवधि में एलआईसी और अडानी समूह की कंपनियों दोनों के लिए निवेशक भावना को प्रभावित कर सकते हैं।

प्रभाव

  • इस खुलासे से उन कंपनियों के प्रति LIC के जोखिम के पैमाने को दर्शाकर निवेशक के विश्वास पर प्रभाव पड़ा है, जिनका समूह जांच के दायरे में रहा है।
  • यह बीमा निवेशों को नियंत्रित करने वाले नियामक ढांचे को मजबूत करता है, उचित परिश्रम और जोखिम प्रबंधन के अनुपालन को सुनिश्चित करता है।
  • एलआईसी की प्रतिबद्धता महत्वपूर्ण है, जो रणनीतिक दीर्घकालिक वित्तीय योजना का संकेत देती है।

Impact rating: 8/10

कठिन शब्दों की व्याख्या

  • बुक वैल्यू (Book Value): किसी संपत्ति का वह मूल्य जो कंपनी की बैलेंस शीट पर दर्ज किया जाता है, अक्सर ऐतिहासिक लागत या समायोजित लागत पर आधारित होता है, न कि उसके वर्तमान बाजार मूल्य पर।
  • इक्विटी होल्डिंग्स (Equity Holdings): किसी कंपनी में स्वामित्व शेयर, जो उसकी संपत्ति और आय पर दावे का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • ऋण निवेश (Debt Investment): किसी कंपनी या सरकारी इकाई को पैसा उधार देना, आम तौर पर ब्याज भुगतान और मूलधन की वापसी के बदले में। इसमें बॉन्ड और डिबेंचर शामिल हैं।
  • सुरक्षित गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (Secured Non-Convertible Debentures - NCDs): ये ऋण साधन हैं जो विशिष्ट संपत्तियों (सुरक्षित) द्वारा समर्थित होते हैं और जारीकर्ता कंपनी के शेयरों में परिवर्तित नहीं किए जा सकते (गैर-परिवर्तनीय)। ये एक निश्चित ब्याज दर प्रदान करते हैं।
  • उचित परिश्रम (Due Diligence): संभावित निवेश या व्यावसायिक लेनदेन की एक व्यापक जांच या ऑडिट, ताकि सभी तथ्यों की पुष्टि हो सके और जोखिमों का आकलन किया जा सके।
  • फिड्यूशियरी अनुपालन (Fiduciary Compliance): दूसरों की ओर से संपत्ति या धन का प्रबंधन करते समय कानूनी और नैतिक दायित्वों का पालन करना, उनके सर्वोत्तम हित में कार्य करना।

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