विशाल इंडिया स्टील डील: जापान की JFE स्टील ₹15,750 करोड़ का JSW JV में निवेश, बाज़ार पर छाने को तैयार!
Overview
जापान की JFE स्टील कॉर्पोरेशन और भारत की JSW स्टील लिमिटेड ने भुषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (BPSL) को भारत में संचालित करने के लिए एक बड़ा संयुक्त उद्यम (joint venture) बनाया है। JFE स्टील 50% हिस्सेदारी के लिए ₹15,750 करोड़ का निवेश कर रहा है, जो भारत के स्टील क्षेत्र में अब तक के सबसे बड़े विदेशी निवेशों में से एक है। इस साझेदारी का लक्ष्य 2030 तक BPSL की क्षमता को 4.5 मिलियन टन से बढ़ाकर 10 मिलियन टन करना है, जिससे भारत की बढ़ती स्टील मांग और JSW के महत्वाकांक्षी विस्तार लक्ष्यों को पूरा किया जा सके।
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JFE स्टील और JSW स्टील ने भारत में बड़ा स्टील संयुक्त उद्यम (Joint Venture) बनाया
जापान की JFE स्टील कॉर्पोरेशन और भारत की JSW स्टील लिमिटेड ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण संयुक्त उद्यम की घोषणा की है, जिसके तहत भुषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (BPSL) के स्टील व्यवसाय को मिलकर संचालित किया जाएगा। यह ऐतिहासिक समझौता भारत के तेजी से बढ़ते स्टील उद्योग में अब तक के सबसे बड़े विदेशी निवेशों में से एक है, जो देश की आर्थिक वृद्धि और औद्योगिक क्षमता में मजबूत विश्वास को दर्शाता है।
प्रमुख निवेश विवरण
- संयुक्त उद्यम समझौते के तहत, जिस पर 3 दिसंबर, 2025 को हस्ताक्षर किए गए, JFE स्टील 50% हिस्सेदारी हासिल करने के लिए ₹15,750 करोड़ का निवेश करेगी। यह निवेश भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) सहित आवश्यक नियामक अनुमोदनों (regulatory approvals) को प्राप्त करने पर निर्भर है।
- BPSL के स्टील व्यवसाय को एक नई इकाई, JSW Sambalpur Steel Limited, को ₹24,483 करोड़ में एकमुश्त बिक्री (slump sale) के माध्यम से हस्तांतरित किया जाएगा।
भुषण पावर एंड स्टील लिमिटेड की पृष्ठभूमि
- JSW स्टील ने पहले 2019 में दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) के माध्यम से भुषण पावर एंड स्टील लिमिटेड को ₹19,700 करोड़ में अधिग्रहित (acquire) किया था। जबसे BPSL अक्टूबर 2021 में सहायक कंपनी बनी, JSW स्टील ने विकास और रखरखाव से संबंधित पूंजीगत व्यय (capital expenditure) के लिए लगभग ₹3,500-₹4,500 करोड़ का निवेश किया है।
- भुषण पावर एंड स्टील लिमिटेड वर्तमान में ओडिशा में एक एकीकृत स्टील प्लांट और लौह अयस्क खदान (iron ore mine) का संचालन करती है, जिसकी वार्षिक कच्चे स्टील (crude steel) की क्षमता 4.5 मिलियन टन है।
रणनीतिक लक्ष्य और भविष्य का दृष्टिकोण
- संयुक्त उद्यम के साझेदार 2030 तक BPSL की क्षमता को बढ़ाकर 10 मिलियन टन प्रति वर्ष करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें 15 मिलियन टन तक बढ़ाने की और भी गुंजाइश है। इससे यह संयंत्र भारत की सबसे बड़ी स्टील उत्पादन सुविधाओं में से एक बन जाएगा।
- यह साझेदारी भारत की तेजी से बढ़ती स्टील मांग को पूरा करने के साथ-साथ मूल्य वर्धित (value-added) स्टील उत्पादों के उत्पादन को बढ़ाने का लक्ष्य रखती है, जो बाजार के रुझानों और ग्राहकों की जरूरतों के अनुरूप है।
- यह उद्यम JSW स्टील के वितीय वर्ष 2031 (FY31) तक 50 मिलियन टन प्रति वर्ष स्टील बनाने की क्षमता हासिल करने के रणनीतिक लक्ष्य का समर्थन करता है।
प्रबंधन की टिप्पणी
- JFE स्टील के प्रेसिडेंट और सीईओ, मासायुकी हिरोसे (Masayuki Hirose) ने 2009 से JSW के साथ चले आ रहे लंबे गठबंधन पर प्रकाश डाला, जिसमें पूंजी भागीदारी और प्रौद्योगिकी लाइसेंसिंग जैसे विभिन्न सहयोग शामिल हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि JFE की तकनीकी शक्तियों का लाभ उठाने और भारतीय संयंत्र के संयुक्त संचालन से दोनों कंपनियों के लिए विकास को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय इस्पात उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
- JSW स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक और सीईओ, जयंत आचार्य (Jayant Acharya) ने कहा कि यह साझेदारी JSW की भारत में विशेषज्ञता को JFE की तकनीकी क्षमता के साथ पूरक बनाती है, जिससे संयुक्त उद्यम विकास क्षमता को अनलॉक कर सकेगा और मूल्य वर्धित स्टील का उत्पादन कर सकेगा। उन्होंने भारत को विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था और स्टील बाजार के रूप में जोर दिया, जिससे JSW को विवेकपूर्ण तरीके से विकास में तेजी लाने का अवसर मिलेगा।
शेयर प्रदर्शन
- JSW स्टील के शेयरों में गिरावट देखी गई, बुधवार दोपहर को BSE पर शेयर ₹1134.75 पर 2.3% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था।
प्रभाव
- इस संयुक्त उद्यम से भारत की स्टील उत्पादन क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होने, पर्याप्त प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित होने और क्षेत्र में तकनीकी प्रगति को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जो संभावित रूप से उपभोक्ताओं के लिए बेहतर उत्पाद गुणवत्ता और मूल्य निर्धारण की ओर ले जा सकती है। विस्तार योजनाओं से भारत के औद्योगिक क्षेत्र के लिए सकारात्मक आर्थिक विकास संकेत भी मिलते हैं, जिससे रोजगार सृजित होंगे और सहायक उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। बढ़ी हुई क्षमता अवसंरचना विकास और विनिर्माण वृद्धि का समर्थन करेगी। प्रभाव रेटिंग: 9/10।
कठिन शब्दों की व्याख्या
- संयुक्त उद्यम (Joint Venture): एक व्यावसायिक व्यवस्था जिसमें दो या दो से अधिक पक्ष किसी विशिष्ट कार्य को पूरा करने के उद्देश्य से अपने संसाधनों को पूल करने के लिए सहमत होते हैं। यह कार्य कोई नया प्रोजेक्ट या कोई अन्य व्यावसायिक गतिविधि हो सकती है।
- कच्चा इस्पात (Crude Steel): इस्पात उत्पादन का पहला चरण, जिसे निर्माण या विनिर्माण में उपयोग के लिए और प्रसंस्करण की आवश्यकता होती है।
- एकमुश्त बिक्री (Slump Sale): एक व्यावसायिक उपक्रम या उसके एक हिस्से को हस्तांतरित करने की विधि, जिसमें संपूर्ण व्यवसाय को संपत्तियों और देनदारियों को अलग-अलग सूचीबद्ध किए बिना एकमुश्त प्रतिफल (lump sum consideration) के लिए बेचा जाता है।
- दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC): भारत का एक कानून जो कॉर्पोरेट व्यक्तियों, साझेदारी फर्मों और व्यक्तियों के पुनर्गठन और दिवालियापन समाधान से संबंधित कानूनों को समेकित और संशोधित करता है, ताकि ऐसे व्यक्तियों की संपत्तियों के मूल्य को अधिकतम किया जा सके।

