ट्रेंट स्टॉक 52-हफ्ते के निचले स्तर पर गिरा: टाटा रिटेल दिग्गज की बड़ी गिरावट - खरीदने का संकेत या चेतावनी?
Overview
ट्रेंट के शेयर ₹4,165.05 के 52-हफ्ते के निचले स्तर पर आ गए हैं, जो पिछले महीने 12% और साल-दर-तारीख (YTD) में 41% की गिरावट दर्शाता है, जो BSE Sensex से काफी कमजोर प्रदर्शन है। इस कमजोर प्रदर्शन का श्रेय राजस्व वृद्धि में कमी और मांग में सुस्ती को दिया जा रहा है। इन चुनौतियों के बावजूद, ICICI सिक्योरिटीज और मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों ने ट्रेंट के मजबूत बिजनेस मॉडल और विस्तार की संभावनाओं का हवाला देते हुए 'खरीदें' (Buy) रेटिंग बनाए रखी है, जिनके मूल्य लक्ष्य ₹5,255 से ₹6,000 के बीच निर्धारित हैं।
Stocks Mentioned
ट्रेंट लिमिटेड, टाटा ग्रुप की एक प्रमुख रिटेल कंपनी, का शेयर मूल्य बीएसई पर ₹4,165.05 के नए 52-सप्ताह के निचले स्तर पर आ गया है। यह बुधवार को इंट्राडे ट्रेड में 1.5 प्रतिशत की भारी गिरावट को दर्शाता है, जो एक महीने की 12 प्रतिशत की गिरावट और कैलेंडर वर्ष 2025 में साल-दर-तारीख 41 प्रतिशत की तेज गिरावट को जारी रखता है।
स्टॉक प्रदर्शन: एक तेज गिरावट
- वर्तमान मूल्य अप्रैल 2024 के बाद ट्रेंट शेयरों के लिए सबसे निचला स्तर है।
- इस साल का प्रदर्शन बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स के विपरीत है, जो इसी अवधि में 8 प्रतिशत बढ़ा है।
- ट्रेंट अब 12 वर्षों में पहली बार कैलेंडर वर्ष में गिरावट की राह पर है, जो 2023 और 2024 के मजबूत प्रदर्शन से एक महत्वपूर्ण बदलाव है जब इसके शेयरों ने निवेशकों की संपत्ति को दोगुना से अधिक कर दिया था।
- स्टॉक का सर्वकालिक उच्च स्तर 14 अक्टूबर 2024 को ₹8,345.85 पर दर्ज किया गया था।
वित्तीय स्नैपशॉट: मिश्रित संकेत
- वित्तीय वर्ष 2025-26 (H1FY26) की पहली छमाही में, ट्रेंट का समेकित राजस्व साल-दर-साल 18.4 प्रतिशत बढ़कर ₹9,505.3 करोड़ हो गया।
- सकल मार्जिन में साल-दर-साल 97 आधार अंकों की गिरावट देखी गई, जो 44.2 प्रतिशत पर स्थिर हो गया।
- हालांकि, ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई (Ebitda) मार्जिन 178 आधार अंकों से बढ़कर 17.4 प्रतिशत हो गया, जिसमें Ebitda साल-दर-साल 32 प्रतिशत बढ़कर ₹1,651 करोड़ हो गया।
- समायोजित कर पश्चात लाभ (PAT) साल-दर-साल 14 प्रतिशत बढ़कर ₹873.4 करोड़ हो गया, जो कर्मचारी और किराये की लागतों में लागत दक्षता से मदद मिली, हालांकि यह उच्च मूल्यह्रास और कम अन्य आय से ऑफसेट हो गया।
बिकवाली के पीछे के कारण
- दलाल स्ट्रीट पर लगातार बिकवाली का दबाव मुख्य रूप से पिछले कुछ तिमाहियों में राजस्व वृद्धि का बाजार की उम्मीदों से लगातार पीछे रहना है।
- टॉपलाइन मंदी में योगदान देने वाले कारकों में मांग का धीमा माहौल, नए स्टोर जोड़ने से धीमी वृद्धि और टियर 2/3 शहरों में सुस्त विस्तार शामिल हैं।
विश्लेषक के दृष्टिकोण: सतर्क आशावाद
- ICICI सिक्योरिटीज और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज जैसी ब्रोकरेज फर्म हालिया गिरावट के बावजूद ट्रेंट शेयरों पर 'खरीदें' की सलाह देना जारी रखती हैं।
- ICICI सिक्योरिटीज ने कम लाइक-फॉर-लाइक (LFL) ग्रोथ और उच्च मूल्यह्रास का हवाला देते हुए FY26 और FY27 के लिए अपनी आय अनुमानों को क्रमशः 5 प्रतिशत और 10 प्रतिशत कम कर दिया है।
- मोतीलाल ओसवाल ट्रेंट के मजबूत फुटप्रिंट जोड़, विकास के लिए लंबी राह और उभरती श्रेणियों में क्षमता को उजागर करता है।
- ICICI सिक्योरिटीज ने ₹5,255 प्रति शेयर का मूल्य लक्ष्य निर्धारित किया है, जबकि मोतीलाल ओसवाल का लक्ष्य ₹6,000 है, जो मौजूदा स्तरों से संभावित वृद्धि का संकेत देता है।
घटना का महत्व
- ट्रेंट जैसे प्रमुख टाटा ग्रुप के रिटेल स्टॉक में महत्वपूर्ण गिरावट और अंडरपरफॉरमेंस खुदरा क्षेत्र के प्रति समग्र निवेशक भावना को प्रभावित कर सकती है।
- विश्लेषकों के संशोधित अनुमान और मूल्य लक्ष्य ट्रेंट में अपनी स्थिति का मूल्यांकन करने वाले निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।
भविष्य की उम्मीदें
- विश्लेषकों का मानना है कि ट्रेंट का मजबूत बिजनेस मॉडल, कुशल आपूर्ति श्रृंखला और लीन बैलेंस शीट इसे दीर्घकालिक विकास के लिए अच्छी स्थिति में रखते हैं।
- भविष्य के प्रदर्शन के लिए मुख्य उत्प्रेरक राजस्व वृद्धि में तेजी, विशेष रूप से वेस्टसाइड और जूडियो जैसे ब्रांडों से, और स्टार ग्रोसरी सेगमेंट और उभरती श्रेणियों में सफल विस्तार शामिल हैं।
प्रभाव
- यह खबर सीधे ट्रेंट लिमिटेड के शेयरधारकों को प्रभावित करती है, जिससे उच्च स्तर पर खरीदने वालों के लिए महत्वपूर्ण पेपर लॉस हो सकता है।
- यह व्यापक भारतीय खुदरा क्षेत्र के प्रति निवेशक भावना को प्रभावित करता है, जिससे विकास की संभावनाओं और मूल्यांकन का पुनर्मूल्यांकन होता है।
- स्टॉक का अंडरपरफॉरमेंस वर्तमान आर्थिक माहौल में उपभोक्ता खर्च और खुदरा विस्तार रणनीतियों में चुनौतियों का संकेत देता है।
- प्रभाव रेटिंग: 7/10
कठिन शब्दों की व्याख्या
- 52-हफ्ते का निम्नतम स्तर (52-week low): एक स्टॉक का वह सबसे कम मूल्य जिस पर उसने पिछले 52 हफ्तों (एक वर्ष) के दौरान कारोबार किया हो।
- BSE Sensex: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर सूचीबद्ध 30 सुस्थापित कंपनियों का एक बेंचमार्क सूचकांक, जो भारतीय शेयर बाजार के समग्र स्वास्थ्य का प्रतिनिधित्व करता है।
- अंडरपरफॉर्म (Underperform): जब किसी निवेश का रिटर्न उसके बेंचमार्क सूचकांक या तुलनीय निवेश से कम होता है।
- समेकित राजस्व (Consolidated Revenue): किसी कंपनी और उसकी सभी सहायक कंपनियों द्वारा उत्पन्न कुल आय।
- साल-दर-साल (Year-on-year - Y-o-Y): एक वित्तीय मीट्रिक की पिछले वर्ष की समान अवधि से तुलना।
- सकल मार्जिन (Gross Margins): बेचे गए माल की लागत (COGS) घटाने के बाद बची हुई राजस्व का प्रतिशत।
- Ebitda: ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई - कंपनी के परिचालन प्रदर्शन का एक माप।
- Ebitda मार्जिन (Ebitda Margins): राजस्व के प्रतिशत के रूप में Ebitda, जो परिचालन लाभप्रदता को इंगित करता है।
- आधार अंक (Basis points - bps): एक प्रतिशत बिंदु का सौवां हिस्सा (0.01%). 97 bps 0.97% के बराबर है।
- मूल्यह्रास (Depreciation): समय के साथ टूट-फूट या अप्रचलन के कारण किसी संपत्ति के पुस्तक मूल्य में कमी।
- समायोजित PAT (Adjusted PAT): कर पश्चात लाभ (Profit After Tax) जिसे कुछ गैर-आवर्ती या असामान्य मदों के लिए समायोजित किया गया हो।
- ब्रोकरेज फर्म (Brokerage Firm): एक कंपनी जो अपने ग्राहकों के लिए प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री की सुविधा प्रदान करती है।
- लाइक-फॉर-लाइक (LFL) ग्रोथ: मौजूदा स्टोर या संचालन से राजस्व वृद्धि, जिसमें नए उद्घाटन या अधिग्रहण से हुई बिक्री शामिल नहीं होती।
- लीन बैलेंस शीट (Lean Balance Sheet): कम ऋण और कुशल परिसंपत्ति उपयोग वाली बैलेंस शीट को लीन बैलेंस शीट कहा जाता है।

