World Affairs
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1st November 2025, 4:51 AM
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भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में एक प्रस्ताव पेश किया है जिसमें ई-कॉमर्स के संदर्भ में सुरक्षित और इंटरऑपरेबल डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) सिस्टम को बढ़ावा देने पर चर्चा की वकालत की गई है। इसके प्राथमिक उद्देश्य बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा एकाधिकारवादी प्रथाओं का मुकाबला करना, निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) की वैश्विक डिजिटल बाजार में भागीदारी बढ़ाना है।
मुख्य प्रस्ताव: भारत ने चर्चा का सुझाव दिया कि कैसे WTO सदस्य DPI को बढ़ावा दे सकते हैं और बड़ी टेक फर्मों द्वारा बाजार विभाजन को रोकने के लिए इस दृष्टिकोण को अपना सकते हैं। इसने मौजूदा डिजिटल बुनियादी ढांचे के अंतर और तकनीकी पहुंच की बाधाओं की जांच का भी प्रस्ताव रखा जो विकासशील और सबसे कम विकसित देशों को बाधित करते हैं, और कैसे WTO या TRIPS परिषद (बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार-संबंधित पहलू) इन मुद्दों को संबोधित कर सकती है।
भारत के उदाहरण: भारत ने अपनी सफल DPI पहलों को प्रदर्शित किया, जिसमें इसकी अनूठी डिजिटल पहचान प्रणाली AADHAAR, डिजिटल भुगतानों के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI), और ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) प्लेटफॉर्म शामिल हैं, जिन्हें स्केलेबल, समावेशी और इंटरऑपरेबल ई-कॉमर्स के लिए मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया गया।
प्रभाव यह प्रस्ताव ई-कॉमर्स में डिजिटल बुनियादी ढांचे के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानक स्थापित कर सकता है, जिससे छोटे व्यवसायों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक समान अवसर पैदा हो सकता है, साथ ही नवाचार को भी बढ़ावा मिल सकता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वैश्विक ई-कॉमर्स वृद्धि समावेशी हो और कुछ बड़े खिलाड़ियों के प्रभुत्व की ओर न ले जाए।