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लॉजिस्टिक्स और रेलवे पर CAG की रिपोर्ट संसद में पेश होगी, दक्षता और लागत में कमी पर ध्यान

Transportation

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Updated on 06 Nov 2025, 01:28 pm

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Reviewed By

Simar Singh | Whalesbook News Team

Short Description:

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) IIM मुंबई के साथ मिलकर 'मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स इनिशिएटिव्स' पर एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। यह रिपोर्ट 2026 के मानसून सत्र में संसद में पेश की जाएगी और इसमें रेलवे, बंदरगाहों और शिपिंग की जांच की जाएगी। इसका उद्देश्य 'फर्स्ट माइल लास्ट माइल' कनेक्टिविटी को बढ़ाना, माल ढुलाई के लिए राष्ट्रीय रेल योजना 2030 के लक्ष्यों को बढ़ावा देना और व्यापार करने में आसानी के लिए लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने के तरीके सुझाना है। भारतीय रेलवे की ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली और स्थिरता प्रथाओं का ऑडिट भी चल रहा है।
लॉजिस्टिक्स और रेलवे पर CAG की रिपोर्ट संसद में पेश होगी, दक्षता और लागत में कमी पर ध्यान

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Detailed Coverage:

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) 2026 के मानसून सत्र के दौरान संसद में 'मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स इनिशिएटिव्स' पर एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं। IIM मुंबई को ज्ञान भागीदार के रूप में सहयोग से तैयार की जा रही इस रिपोर्ट में, इंटीग्रेटेड ऑडिट ग्रुप (IAG) द्वारा रेलवे, बुनियादी ढांचे, बंदरगाहों, शिपिंग और जलमार्ग सहित प्रमुख क्षेत्रों में समन्वित ऑडिट शामिल होंगे।

ऑडिट विशेष रूप से लॉजिस्टिक्स हब के साथ 'फर्स्ट माइल लास्ट माइल' कनेक्टिविटी को बढ़ाने और ओरिजिन-डेस्टिनेशन (O-D) पेयर्स को अनुकूलित करने पर केंद्रित है, जो राष्ट्रीय रेल योजना (NRP) 2030 के लक्ष्यों के अनुरूप है। NRP का लक्ष्य 2030 तक रेलवे का माल ढुलाई में मोडल शेयर 45% तक बढ़ाना और मालगाड़ियों की गति में सुधार करना है। भारत में वर्तमान लॉजिस्टिक्स लागत सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो ऐसे पहलों के महत्व को रेखांकित करता है। CAG की रिपोर्ट में नियामक ढांचे, लॉजिस्टिक्स संचालन, डिजिटलीकरण और व्यापार करने में आसानी को शामिल करने की उम्मीद है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं को भी शामिल किया जाएगा। संभावित सिफारिशें लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने, निर्बाध माल परिवहन की सुविधा प्रदान करने और डिजिटल सिस्टम को एकीकृत करने पर लक्षित हो सकती हैं।

इसके अतिरिक्त, भारतीय रेलवे की ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली (IREPS) का एक व्यापक आईटी ऑडिट चल रहा है, जिसमें इसके शासन, नियंत्रण और अनुपालन का आकलन किया जा रहा है, जिसमें संभावित रूप से शासन की कमियां और आईटी सुरक्षा कमजोरियां शामिल हो सकती हैं। CAG टिकाऊ रेल परिवहन (ESGs और ग्रीन एनर्जी) और उपनगरीय ट्रेन सेवाओं के प्रदर्शन पर भी ऑडिट कर रहा है।

प्रभाव यह ऑडिट और बाद की रिपोर्ट भारत के विशाल लॉजिस्टिक्स और परिवहन नेटवर्क में महत्वपूर्ण नीति सुधार और परिचालन सुधार ला सकती है। सुव्यवस्थित लॉजिस्टिक्स संचालन, कम लागत और बेहतर कनेक्टिविटी आर्थिक विकास और प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए महत्वपूर्ण हैं। परिवहन, लॉजिस्टिक्स, भंडारण और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में लगी कंपनियों को इन संभावित परिवर्तनों से लाभ मिल सकता है, जिससे दक्षता और लाभप्रदता में सुधार होगा। रेटिंग: 7/10।


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