रैपिडो अगले साल के अंत तक पब्लिक लिस्टिंग की तैयारी करेगा, 100% ग्रोथ बनाए रखने का लक्ष्य
Transportation
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Updated on 09 Nov 2025, 12:25 pm
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
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बाइक टैक्सी एग्रीगेटर रैपिडो अगले साल के अंत तक अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की तैयारी शुरू करने पर विचार कर रहा है। कंपनी के सह-संस्थापक, अरविंद संका ने बताया कि रैपिडो का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों तक अपनी प्रभावशाली 100% सालाना ग्रोथ दर बनाए रखना है, ताकि वह मार्केट में डेब्यू करने से पहले अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में काफी बड़ा खिलाड़ी बन सके। संका ने कहा कि फर्म मार्केट में उतरने से पहले आगे की ग्रोथ पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि रैपिडो चालू वित्तीय वर्ष में परिचालन लाभ हासिल करने के करीब है, पिछले साल एक तिमाही में लाभदायक रहा था और वर्तमान में कई प्रतिद्वंद्वियों के विपरीत, कोई महत्वपूर्ण कैश बर्न नहीं हो रहा है। रैपिडो ब्रांड अभियानों (brand campaigns) में अपने मुख्य ग्रोथ खर्च के रूप में निवेश कर रहा है। हालिया सौदे में, स्विगी ने सितंबर 2025 में रैपिडो में अपनी लगभग 12% हिस्सेदारी लगभग 270 मिलियन अमेरिकी डॉलर (2,400 करोड़ रुपये) में बेची थी, जिससे रैपिडो का मूल्यांकन 2.3 अरब अमेरिकी डॉलर था। इस सेकेंडरी सेल का उद्देश्य निवेशकों को एग्जिट (exit) प्रदान करना था। शुरुआती निवेशक स्काईकैचर, एलएलसी (Skycatcher, LLC) ने रैपिडो के रणनीतिक चरण का उल्लेख किया, जिसमें वह फूड डिलीवरी और कम सेवा वाले शहरों में राइड-शेयरिंग जैसी नई श्रेणियों में प्रवेश और विस्तार कर रहा है, जिसमें सामर्थ्य (affordability) पर जोर दिया गया है। प्रभाव: यह घोषणा भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम (startup ecosystem) और परिवहन क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक प्रमुख खिलाड़ी के सार्वजनिक होने के इरादे का संकेत देती है, जो निवेशक विश्वास (investor confidence) को बढ़ावा दे सकता है, आगे धन आकर्षित कर सकता है, और संभावित रूप से लिस्टेड मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ा सकता है। रेटिंग: 7/10। कठिन शब्द: IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग): वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक निजी कंपनी पहली बार जनता को अपने शेयर बेचती है, आमतौर पर पूंजी जुटाने के लिए। सेकेंडरी सेल (Secondary Sale): एक प्रकार का लेनदेन जिसमें मौजूदा शेयरधारक कंपनी द्वारा नए शेयर जारी करने के बजाय अपने शेयर किसी अन्य पक्ष को बेचता है। यह मौजूदा निवेशकों को नकदी (cash out) निकालने की अनुमति देता है। परिचालन लाभ (Operational Profit): कंपनी के मुख्य व्यावसायिक कार्यों से उत्पन्न लाभ, परिचालन व्यय घटाने के बाद। इसमें गैर-मुख्य गतिविधियों, ब्याज और करों से आय और व्यय शामिल नहीं हैं।