Transportation
|
Updated on 12 Nov 2025, 06:40 am
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team

▶
भारत अपनी कम उपयोग की जाने वाली हवाई अड्डों को पुनर्जीवित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना बना रहा है। इसके तहत, इन "भूतिया परियोजनाओं" पर उड़ानें संचालित करने वाली एयरलाइनों को सब्सिडी की पेशकश की जाएगी। यह पहल, मौजूदा यूडीएन (उड़े देश के आम नागरिक) योजना पर आधारित है, जिसका उद्देश्य अरबों के निवेश को उचित ठहराना है, जहां यात्री यातायात बहुत कम या बिल्कुल नहीं रहा है। एयरलाइनों को चुनिंदा मार्गों पर नियमित और रियायती किराए के बीच के अंतर को पाटने के लिए मासिक सब्सिडी प्राप्त होगी, और भुगतान सीट की अधिभोग दर से भी प्रभावित होंगे। इस संशोधित कार्यक्रम का लक्ष्य हाल ही में उद्घाटन किए गए हवाई अड्डों के उपयोग को बढ़ावा देना है, जिनमें से कुछ में पूरी हवाई और नागरिक-पक्ष की सुविधाओं के बावजूद शून्य यात्रियों का रिकॉर्ड है। सरकार एयरलाइन भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए नीलामी-आधारित और प्रत्यक्ष प्रोत्साहन के विकल्प तलाश रही है। यह रणनीति भीड़भाड़ वाले शहरी केंद्रों और शांत ग्रामीण केंद्रों के बीच असंतुलन को दूर करने का लक्ष्य रखती है, लेकिन इसकी सफलता सटीक मांग आकलन, बेहतर कनेक्टिविटी और एक नए संघीय परिवहन योजना प्राधिकरण के माध्यम से बेहतर समन्वय पर निर्भर करेगी।
**प्रभाव**: यह खबर भारतीय विमानन क्षेत्र को नई राजस्व धाराओं और मार्ग विस्तार के अवसरों के साथ सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। इसमें इन हवाई अड्डों के आसपास क्षेत्रीय आर्थिक विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने की भी क्षमता है। हालांकि, सरकार को सब्सिडी भुगतान से वित्तीय निहितार्थों का सामना करना पड़ेगा, और अंतिम सफलता यथार्थवादी मांग पूर्वानुमान और अवसंरचना समन्वय पर टिकी हुई है। रेटिंग: 7/10
**कठिन शब्द**: * **निष्क्रिय हवाई अड्डे (Dormant airports)**: ऐसे हवाई अड्डे जिनका निर्माण हो चुका है लेकिन वर्तमान में वाणिज्यिक उड़ान संचालन के लिए उपयोग नहीं किया जा रहा है। * **यूडीएन (Ude Desh Ke Aam Nagrik)**: 2016 में लॉन्च की गई एक सरकारी योजना जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी में सुधार करना और आम नागरिक के लिए हवाई यात्रा को वहनीय बनाना है। * **हवाई-पक्ष की सुविधाएं (Air-side facilities)**: विमान संचालन से संबंधित अवसंरचना, जैसे रनवे, टैक्सीवे और एप्रन। * **नागरिक-पक्ष की सुविधाएं (City-side facilities)**: यात्रियों की सेवा करने वाली अवसंरचना, जैसे टर्मिनल, बैगेज क्लेम और चेक-इन क्षेत्र।