Transportation
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Updated on 15th November 2025, 10:13 AM
Author
Satyam Jha | Whalesbook News Team
एयरबस अगले दो दशकों में एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए 19,560 नए विमानों की भारी मांग का अनुमान लगाता है, जिसमें भारत और चीन वैश्विक मांग का 46% होंगे। यह वृद्धि यात्री यातायात में वृद्धि और भारतीय एयरलाइनों द्वारा बेड़े के विस्तार से प्रेरित है, जो यात्री यातायात में 4.4% वार्षिक वृद्धि की उम्मीद कर रही हैं।
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एयरबस ने अपनी दीर्घकालिक बाजार पूर्वानुमान जारी की है, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि अगले 20 वर्षों में एशिया प्रशांत क्षेत्र को लगभग 19,560 नए विमानों की आवश्यकता होगी। यह मांग 42,520 नए विमानों की वैश्विक आवश्यकता का 46% है। भारत और चीन इस विस्तार के लिए प्राथमिक विकास इंजन के रूप में पहचाने गए हैं। आनंद स्टेनली, एयरबस एशिया पैसिफिक के अध्यक्ष, ने बताया कि भारत का नागरिक उड्डयन बाजार विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाले बाजारों में से एक है, जिससे एयरलाइंस घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रा दोनों के लिए अपने बेड़े को बढ़ाने हेतु पर्याप्त ऑर्डर दे रही हैं। पूर्वानुमान इंगित करता है कि एशिया प्रशांत के वाहकों को लगभग 3,500 वाइड-बॉडी विमान और लगभग 16,100 सिंगल-आइसल विमानों की आवश्यकता होगी। इन वितरणों का लगभग 68% बेड़े के विस्तार का समर्थन करेगा, जबकि शेष 32% पुराने, कम ईंधन-कुशल मॉडल को बदलने के लिए उपयोग किया जाएगा। एयरबस ने इस बात पर जोर दिया कि उनके अगली पीढ़ी के वाइड-बॉडी विमान ईंधन दक्षता में 25% महत्वपूर्ण सुधार और कार्बन उत्सर्जन में इसी तरह की कमी प्रदान करते हैं।
प्रभाव: इस खबर का भारतीय शेयर बाजार पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, विशेष रूप से एयरलाइनों, पुर्जे बनाने वाले विमान निर्माताओं और संबंधित विमानन सेवा प्रदाताओं के लिए। यह भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए मजबूत विकास क्षमता का संकेत देता है, जिससे सूचीबद्ध कंपनियों के राजस्व और मुनाफे में वृद्धि हो सकती है। ईंधन दक्षता पर ध्यान केंद्रित करने से विमानन प्रौद्योगिकी और स्थिरता में लगी कंपनियों को भी लाभ होता है। यह पूर्वानुमान क्षेत्र के लिए अत्यधिक बुलिश है। रेटिंग: 9/10
शब्दों की व्याख्या: वाइड-बॉडी विमान: बड़े वाणिज्यिक यात्री विमान, जिनमें आमतौर पर दो गलियारे (aisles) होते हैं, लंबी दूरी की उड़ानों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं (जैसे, बोइंग 777, एयरबस A380)। सिंगल-आइसल प्लेन: इन्हें नैरो-बॉडी विमान भी कहा जाता है, ये छोटे वाणिज्यिक जेट होते हैं जिनमें एक गलियारा होता है, आमतौर पर छोटी से मध्यम दूरी की उड़ानों के लिए उपयोग किए जाते हैं (जैसे, बोइंग 737, एयरबस A320)। बेड़े का विस्तार: एक एयरलाइन द्वारा संचालित विमानों की संख्या बढ़ाना। कम लागत वाले वाहक (LCCs): ऐसी एयरलाइनें जो सुविधाओं और सेवाओं को कम करके कम किराए की पेशकश करती हैं।