Transportation
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Updated on 12 Nov 2025, 03:30 pm
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
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भारत में सरकारी-नेतृत्व वाले बुनियादी ढांचा निवेश में मजबूत गति देखी जा रही है, जिसमें केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSEs) और प्रमुख केंद्रीय एजेंसियों द्वारा वित्त वर्ष 26 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में 13% की साल-दर-साल वृद्धि हुई है। कुल कैपेक्स 4.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 3.9 लाख करोड़ रुपये था। यह आंकड़ा 7.85 लाख करोड़ रुपये के पूरे वर्ष के लक्ष्य का 56.5% है, जो पिछले वर्ष देखे गए 50% की तुलना में उच्च उपलब्धि दर है। निवेश की गति अक्टूबर 2025 में थोड़ी धीमी हुई, जिसमें साल-दर-साल 6% की वृद्धि देखी गई, जो सितंबर में 60% की महत्वपूर्ण उछाल के बाद आई, जिसका श्रेय परियोजना निष्पादन में तेजी को दिया गया। भारतीय रेलवे और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) प्रमुख चालक हैं, जो कुल कैपेक्स का एक बड़ा हिस्सा रखते हैं। पेट्रोलियम, बिजली, कोयला और इस्पात जैसे अन्य क्षेत्रों से भी मजबूत निवेश स्तर बनाए रखने की उम्मीद है। यह निरंतर सार्वजनिक कैपेक्स को बढ़ावा देना सरकार की एक मुख्य रणनीति है जिसका उद्देश्य निजी निवेश को प्रोत्साहित करना, रोजगार पैदा करना और अर्थव्यवस्था की उत्पादक क्षमता को मजबूत करना है। प्रभाव (Impact): यह खबर बुनियादी ढांचे के विकास, निर्माण, इंजीनियरिंग और पूंजीगत वस्तुओं से संबंधित क्षेत्रों में मजबूत आर्थिक गतिविधि और विकास का संकेत देती है। यह आर्थिक विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो संबंधित उद्योगों में निवेशक भावना और कॉर्पोरेट आय को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है।