Transportation
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Updated on 05 Nov 2025, 12:03 pm
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
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प्रमुख लॉजिस्टिक्स कंपनी डेल्हीवरी ने वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही (Q2 FY26) के लिए 50.5 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा (नेट लॉस) दर्ज किया है। यह पिछले वित्तीय वर्ष की समान तिमाही (Q2 FY25) में दर्ज 10.2 करोड़ रुपये के मुनाफे और तुरंत पिछली तिमाही (Q1 FY26) में हासिल 91.1 करोड़ रुपये के मुनाफे की तुलना में एक महत्वपूर्ण गिरावट है। कंपनी के ऑपरेटिंग रेवेन्यू में अच्छी वृद्धि देखी गई, जो साल-दर-साल 17% और तिमाही-दर-तिमाही 12% बढ़कर 2,559.3 करोड़ रुपये हो गया। 92.2 करोड़ रुपये की अन्य आय को मिलाकर, तिमाही की कुल आय 2,651.5 करोड़ रुपये रही। हालांकि, कुल खर्च साल-दर-साल 18% बढ़कर 2,708.1 करोड़ रुपये हो गए, जिसने लाभप्रदता को काफी कम कर दिया। बॉटम लाइन में इस गिरावट का मुख्य कारण ईकॉम एक्सप्रेस का चल रहा इंटीग्रेशन है, जिसने कंपनी की लागत और परिचालन जटिलताओं को बढ़ा दिया है। प्रभाव इस वित्तीय झटके से डेल्हीवरी के स्टॉक पर नकारात्मक बाजार प्रतिक्रिया हो सकती है। निवेशक मुनाफे की अवधि के बाद, दर्ज किए गए घाटे के कारण सतर्क हो सकते हैं। ईकॉम एक्सप्रेस को एकीकृत करने की चुनौतियाँ संभावित परिचालन बाधाओं और उनके वित्तीय परिणामों को उजागर करती हैं, जो भविष्य के विकास की संभावनाओं और निवेशक भावना को प्रभावित कर सकती हैं। रेटिंग: 7/10
कठिन शब्द नेट लॉस (Net Loss): एक कंपनी को तब शुद्ध घाटा होता है जब किसी अवधि के लिए उसके कुल खर्च उसकी कुल आय से अधिक हो जाते हैं। ऑपरेटिंग रेवेन्यू (Operating Revenue): कंपनी अपने मुख्य व्यावसायिक कार्यों से जो आय उत्पन्न करती है, खर्चों को घटाने से पहले। YoY (Year-over-Year): दो लगातार वर्षों में, समान अवधि के लिए वित्तीय डेटा की तुलना करने की विधि (जैसे, Q2 FY26 बनाम Q2 FY25)। QoQ (Quarter-over-Quarter): दो लगातार तिमाहियों के बीच वित्तीय डेटा की तुलना करने की विधि (जैसे, Q2 FY26 बनाम Q1 FY26)। FY26 (Fiscal Year 2026): वित्तीय लेखांकन अवधि जो 1 अप्रैल, 2025 से 31 मार्च, 2026 तक चलती है। बॉटम लाइन (Bottom line): सभी राजस्व और व्यय का हिसाब-किताब होने के बाद, कंपनी के शुद्ध लाभ या शुद्ध घाटे को संदर्भित करता है। इंटीग्रेशन (Integration): विभिन्न कंपनियों या व्यावसायिक इकाइयों को एक एकल, एकीकृत इकाई या ऑपरेशन में संयोजित करने की प्रक्रिया।