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एयर इंडिया एक्सप्रेस अगले साल 20-24 विमान शामिल करेगी, घरेलू उड़ान पर बढ़ेगा फोकस

Transportation

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28th October 2025, 10:56 AM

एयर इंडिया एक्सप्रेस अगले साल 20-24 विमान शामिल करेगी, घरेलू उड़ान पर बढ़ेगा फोकस

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Short Description :

एयर इंडिया की लो-कॉस्ट एयरलाइन, एयर इंडिया एक्सप्रेस, आगामी कैलेंडर वर्ष में अपने बेड़े में 20 से 24 नए विमान जोड़ने की योजना बना रही है, जो सप्लाई चेन और उत्पादन की समय-सीमा पर निर्भर करेगा। एयरलाइन रणनीतिक रूप से भारतीय घरेलू बाजार पर अपना ध्यान बढ़ा रही है, जो पहले मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर केंद्रित था, उसे अब 50-50 के संतुलित विभाजन में बदल रही है। भविष्य में घरेलू स्तर पर, विशेष रूप से बड़े शहरों से टियर 2 और टियर 3 स्थानों तक, तेजी से विकास की उम्मीद है।

Detailed Coverage :

एयर इंडिया एक्सप्रेस, जो एयर इंडिया का बजट एयरलाइन हिस्सा है, ने घोषणा की है कि वह अगले कैलेंडर वर्ष में लगभग 20 से 24 नए विमान अपने बेड़े में शामिल करने का इरादा रखती है। यह विस्तार वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं (supply chains) की दक्षता और बोइंग जैसे विमान निर्माताओं की उत्पादन गति पर निर्भर करेगा। एयरलाइन के कार्यकारी, आलोक सिंह, ने भारतीय घरेलू बाजार में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बदलाव पर प्रकाश डाला है। ऐतिहासिक रूप से, एयर इंडिया एक्सप्रेस के नेटवर्क का लगभग 60 प्रतिशत शॉर्ट-हॉल अंतरराष्ट्रीय मार्गों के लिए समर्पित था, और शेष 40 प्रतिशत घरेलू था। अब यह अनुपात 50-50 के बराबर हो गया है। कंपनी का अनुमान है कि उसके अंतरराष्ट्रीय खंड की तुलना में घरेलू मार्गों पर विकास की गति तेज रहेगी। घरेलू विकास के लिए इस रणनीति को डेप्थ बिफोर स्प्रेड (depth before spread) कहा जाता है, जिसका लक्ष्य प्रमुख शहरों के मार्गों पर एक महत्वपूर्ण उपस्थिति बनाना है। मुख्य ध्यान महानगरीय क्षेत्रों को टियर 2 और टियर 3 शहरों से जोड़ना होगा, जो भारतीय विमानन बाजार का सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ने वाला खंड है। वर्तमान घरेलू क्षमता का लगभग 80 प्रतिशत इन मेट्रो-टू-नॉन-मेट्रो मार्गों पर आवंटित है। एयरलाइन अवकाश बाजारों (leisure markets) और मूल्य-सजग यात्रियों को भी लक्षित करती है। प्रभाव: इस विस्तार और घरेलू मार्गों पर रणनीतिक फोकस से भारतीय विमानन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है, जिससे यात्रियों के लिए टिकट की कीमतें और सेवा प्रस्तावों पर प्रभाव पड़ सकता है। यह भारत की अर्थव्यवस्था और यात्रा की मांग, विशेषकर छोटे शहरों में, निरंतर विकास में विश्वास भी दर्शाता है।