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Updated on 11 Nov 2025, 03:11 pm
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
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प्रमुख भारतीय परिधान निर्यातक, पर्ल ग्लोबल इंडस्ट्रीज ने वित्तीय वर्ष 2026 की पहली छमाही के लिए प्रभावशाली वित्तीय परिणाम घोषित किए हैं। राजस्व 12.7% साल-दर-साल बढ़कर 2,541 करोड़ रुपये हो गया, जबकि शुद्ध लाभ में 17.0% की महत्वपूर्ण वृद्धि हुई, जो 138 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। कंपनी ने दूसरी तिमाही के लिए अब तक के सबसे अधिक शिपमेंट भी दर्ज किए, जिसमें 19.9 मिलियन पीस शिप किए गए। यह सफलता वियतनाम और इंडोनेशिया में स्थित विदेशी विनिर्माण केंद्रों से उच्च-मूल्य वर्धित उत्पाद बिक्री से मिली, जिसने दोहरे अंकों में मात्रा विस्तार और मजबूत परिचालन प्रदर्शन का प्रदर्शन किया। अमेरिकी टैरिफ के खतरे के बावजूद, पर्ल ग्लोबल इंडस्ट्रीज ने रणनीतिक रूप से अमेरिकी बाजार पर अपनी निर्भरता कम की है, जो अब 2020-21 में 86% की तुलना में राजस्व का लगभग 50% है। कंपनी ऑस्ट्रेलिया, जापान, यूके और यूरोपीय संघ जैसे बाजारों में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है, और घरेलू ग्राहकों को भी जोड़ रही है। पर्ल ग्लोबल इंडस्ट्रीज अपनी भारतीय और बांग्लादेशी इकाइयों में भारी निवेश जारी रखे हुए है, जिसमें 250 करोड़ रुपये की पूंजीगत व्यय योजना क्षमता विस्तार, स्थिरता पहलों और दक्षता सुधारों के लिए समर्पित है। इसमें उत्पादन क्षमता का विस्तार करना और पारदर्शिता, चपलता और मापनीयता बढ़ाने के लिए अपनी आपूर्ति श्रृंखला को डिजिटाइज़ करना शामिल है। प्रभाव यह खबर अस्थिर वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक वातावरण में पर्ल ग्लोबल इंडस्ट्रीज, एक भारतीय निर्यातक के मजबूत लचीलेपन और रणनीतिक अनुकूलन क्षमता को दर्शाती है। यह बताता है कि विविध विनिर्माण और बाजार रणनीतियाँ बाहरी दबावों का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकती हैं, जिससे कंपनी के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण मिलता है और संभावित रूप से भारतीय कपड़ा निर्यात क्षेत्र में निवेशकों के विश्वास को प्रभावित किया जा सकता है।