भारत के टीबी युद्ध में शानदार 21% की गिरावट! कैसे तकनीक और समुदाय एक राष्ट्र को ठीक कर रहे हैं!
Overview
भारत ने 2015 से 2024 के बीच तपेदिक (टीबी) की घटनाओं में 21% की उल्लेखनीय गिरावट हासिल की है, जो वैश्विक औसत से लगभग दोगुनी है। स्वास्थ्य सेवा वित्तपोषण में वृद्धि, साक्ष्य-आधारित नीतियों और एक प्रौद्योगिकी-संचालित सामुदायिक अभियान से प्रेरित होकर, "टीबी मुक्त भारत अभियान" ने 19 करोड़ से अधिक लोगों की जांच की है, जिससे महत्वपूर्ण स्पर्शोन्मुख (asymptomatic) मामलों की पहचान हुई है। एआई-सक्षम एक्स-रे उपकरणों और एक विशाल प्रयोगशाला नेटवर्क जैसे नवाचारों से पता लगाने और उपचार में तेजी आ रही है, जिससे भारत टीबी उन्मूलन में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित हो गया है।
Background Details
- "टीबी मुक्त भारत अभियान" (Tuberculosis-Free India Campaign) का लक्ष्य 2025 तक तपेदिक का उन्मूलन करना है, जो वैश्विक सतत विकास लक्ष्यों के साथ संरेखित है।
- इसका एक मुख्य ध्यान सबक्लिनिकल, स्पर्शोन्मुख टीबी का पता लगाने और उपचार करने पर रहा है, जो शोध के अनुसार रोग के प्रसार का एक प्रमुख चालक है।
Key Numbers or Data
- 2015 से 2024 तक टीबी की घटनाओं में 21% की गिरावट आई।
- 19 करोड़ से अधिक लोगों की टीबी के लिए जांच की गई है।
- 7 दिसंबर, 2024 से अब तक निदान किए गए 24.5 लाख कुल टीबी रोगियों में से 8.61 लाख से अधिक स्पर्शोन्मुख टीबी मामलों का पता चला।
- "नि-क्षय पोषण योजना" के माध्यम से 1.37 करोड़ लाभार्थियों को ₹4,406 करोड़ से अधिक राशि वितरित की गई।
- "नि-क्षय पोषण योजना" के तहत मासिक पोषण सहायता 2024 में ₹500 से बढ़ाकर ₹1,000 कर दी गई।
- "नि-क्षय मित्र" स्वयंसेवकों द्वारा 45 लाख से अधिक पौष्टिक खाद्य टोकरियों का वितरण किया गया।
Latest Updates
- अभियान ने प्रौद्योगिकी को अपनाया है, जिसमें विभिन्न सेटिंग्स में तेजी से, बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग के लिए एआई-सक्षम हैंडहेल्ड एक्स-रे डिवाइस शामिल हैं।
- भारत के व्यापक टीबी प्रयोगशाला नेटवर्क से समय पर और सटीक निदान सुनिश्चित होता है, जिसमें दवा-प्रतिरोधी उपभेदों (strains) के लिए भी शामिल है।
- सामुदायिक भागीदारी को 2 लाख से अधिक युवा स्वयंसेवकों और 6.77 लाख "नि-क्षय मित्रों" के माध्यम से बढ़ाया गया है जो रोगी सहायता प्रदान कर रहे हैं।
Importance of the Event
- यह उपलब्धि नवाचारी माध्यमों से प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में भारत की क्षमता को प्रदर्शित करती है।
- यह सक्रिय, प्रौद्योगिकी-संचालित दृष्टिकोण टीबी से जूझ रहे अन्य राष्ट्रों के लिए एक स्केलेबल मॉडल प्रदान करता है।
- टीबी की घटनाओं को कम करने में सफलता के सार्वजनिक स्वास्थ्य, आर्थिक उत्पादकता और स्वास्थ्य देखभाल के बोझ को कम करने पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ते हैं।
Future Expectations
- भारत का लक्ष्य रैपिड टेस्टिंग तक पहुंच का विस्तार करके और स्क्रीनिंग क्षमताओं को बढ़ाकर इन लाभों को और मजबूत करना है।
- रोगी-केंद्रित प्रौद्योगिकियों और समुदाय-आधारित देखभाल पर निरंतर ध्यान केंद्रित रहने की उम्मीद है।
- लक्ष्य एक टीबी-मुक्त भारत है, जो वैश्विक टीबी उन्मूलन प्रयासों में योगदान देगा।
Impact
- रेटिंग (0-10): 7
- "टीबी मुक्त भारत अभियान" की सफलता भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लागू करने की इसकी क्षमता में विश्वास बढ़ाती है।
- यह भारत के भीतर निदान, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरणों और स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकी में शामिल कंपनियों के लिए संभावित विकास अवसरों का संकेत देता है।
- बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणाम लंबे समय में कार्यबल उत्पादकता में वृद्धि और स्वास्थ्य देखभाल व्यय में कमी ला सकते हैं।
Difficult Terms Explained
- TB incidence (टीबी घटनाओं): एक विशिष्ट अवधि में किसी जनसंख्या में होने वाले तपेदिक के नए मामलों की दर।
- Asymptomatic TB (स्पर्शोन्मुख टीबी): तपेदिक संक्रमण जिसमें कोई बाहरी लक्षण दिखाई नहीं देते, जिससे इसका पता लगाना कठिन हो जाता है लेकिन फिर भी यह संचरणीय (transmissible) होती है।
- AI-enabled X-ray devices (एआई-सक्षम एक्स-रे डिवाइस): मेडिकल इमेजिंग डिवाइस जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके एक्स-रे छवियों का विश्लेषण करने में मदद करते हैं, ताकि टीबी जैसी बीमारियों का तेजी से और अधिक सटीक पता लगाया जा सके।
- Molecular testing (आणविक परीक्षण): एक प्रकार का नैदानिक परीक्षण जो टीबी पैदा करने वाले बैक्टीरिया जैसे रोगजनकों की उपस्थिति का पता लगाने के लिए किसी व्यक्ति की आनुवंशिक सामग्री (डीएनए या आरएनए) का विश्लेषण करता है।
- Drug susceptibility coverage (दवा संवेदनशीलता कवरेज): वह सीमा जिस तक नैदानिक परीक्षण यह निर्धारित कर सकते हैं कि टीबी बैक्टीरिया विभिन्न एंटी-टीबी दवाओं के प्रतिरोधी हैं या नहीं।
- Jan Bhagidari (जन भागीदारी): एक हिंदी शब्द जिसका अर्थ है "लोगों की भागीदारी" या सामुदायिक जुड़ाव।
- Ni-kshay Mitra (नि-क्षय मित्र): सामुदायिक स्वयंसेवक जो टीबी रोगियों का समर्थन करते हैं, अक्सर पोषण और मनोसामाजिक सहायता प्रदान करते हैं।
- Ni-kshay Shivirs (नि-क्षय शिविर): टीबी स्क्रीनिंग और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए आयोजित सामुदायिक स्वास्थ्य शिविर या सभाएं।
- Ni-kshay Poshan Yojana (नि-क्षय पोषण योजना): एक सरकारी योजना जो टीबी रोगियों को उनके उपचार के दौरान पोषण संबंधी सहायता प्रदान करती है।
- Direct benefit transfer (DBT) (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण): एक प्रणाली जिसका उपयोग बिचौलियों को समाप्त करते हुए, नागरिकों के बैंक खातों में सीधे सब्सिडी और लाभ स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है।
- TB Vijetas (टीबी विजेता): टीबी सर्वाइवर जो चैंपियन बनते हैं, कलंक को कम करने और दूसरों को प्रोत्साहित करने के लिए अपने अनुभव साझा करते हैं।

