Telecom
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Updated on 13 Nov 2025, 02:45 pm
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
रिलायंस जियो ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) से नेट न्यूट्रैलिटी पर अधिक लचीला रुख अपनाने का आग्रह किया है, उनका तर्क है कि बाजार और तकनीकी प्रगति के साथ यह सिद्धांत विश्व स्तर पर विकसित हो रहा है। कंपनी ने खुलासा किया कि उन्हें 5G स्टैंडअलोन (SA) नेटवर्क स्लाइसिंग तकनीक पर आधारित टैरिफ उत्पाद लॉन्च करने के प्रस्ताव मिल रहे हैं। इन संभावित उत्पादों के उदाहरणों में परिभाषित अपलोड स्पीड के लिए एक समर्पित स्लाइस और कम-विलंबता (low-latency) गेमिंग के लिए अनुकूलित दूसरा स्लाइस शामिल है। जियो ने यूके में ऑफकॉम (Ofcom) और अमेरिका के फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन (FCC) जैसे नियामकों के रुख का हवाला दिया, जिन्होंने बाजार की गतिशीलता के आधार पर नेट न्यूट्रैलिटी नियमों को निरस्त कर दिया था। जियो का मानना है कि TRAI को एक ही भौतिक ब्रॉडबैंड अवसंरचना के भीतर नेटवर्क स्लाइसिंग और विशेष सेवाओं जैसे ट्रैफिक प्रबंधन और प्रौद्योगिकी-केंद्रित नवाचारों को पहचानना चाहिए। ये टिप्पणियां 2018 में नेट न्यूट्रैलिटी सिद्धांतों पर DoT के पूर्व निर्देशों के बाद स्पेक्ट्रम नीलामी पर TRAI के परामर्श का हिस्सा हैं।
Impact इस विकास से भारतीय टेलीकॉम बाजार में काफी बदलाव आ सकता है। यदि TRAI एक लचीला दृष्टिकोण अपनाता है, तो रिलायंस जियो और अन्य ऑपरेटर विशेष नेटवर्क सेवाएं प्रदान करके नए, टियर वाले राजस्व स्रोत बना सकते हैं। इससे विशिष्ट अनुप्रयोगों के लिए अधिक नवाचार और संभावित रूप से बेहतर सेवा गुणवत्ता प्राप्त हो सकती है, लेकिन इसमें समान इंटरनेट पहुंच और उपभोक्ताओं के लिए मूल्य भेदभाव की संभावनाएं भी चिंता का विषय हैं। नियामक निर्णय भारत में इंटरनेट सेवाओं के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा। Impact Rating: 8/10