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फिनो पेमेंट्स बैंक की बड़ी छलांग: RBI से मिली स्मॉल फाइनेंस बैंक में रूपांतरण की सैद्धांतिक मंजूरी!

Banking/Finance|5th December 2025, 1:44 PM
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AuthorSimar Singh | Whalesbook News Team

Overview

फिनो पेमेंट्स बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB) में बदलने के लिए सैद्धांतिक (in-principle) मंजूरी मिल गई है। यह महत्वपूर्ण कदम पांच साल के परिचालन और RBI के 'ऑन-टैप' लाइसेंसिंग नियमों के तहत पात्रता के बाद उठाया गया है। अंतिम लाइसेंस सभी नियामक आवश्यकताओं को पूरा करने पर निर्भर करेगा, और बैंक ने पिछले साल जनवरी में इस रूपांतरण के लिए आवेदन किया था। यह खबर हाल की अनुपालन कार्रवाइयों और Q2 FY26 में शुद्ध लाभ में गिरावट के बीच आई है, हालांकि ब्याज आय में वृद्धि देखी गई।

फिनो पेमेंट्स बैंक की बड़ी छलांग: RBI से मिली स्मॉल फाइनेंस बैंक में रूपांतरण की सैद्धांतिक मंजूरी!

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Fino Payments Bank Limited

फिनो पेमेंट्स बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB) में रूपांतरित होने के लिए सैद्धांतिक (in-principle) मंजूरी प्राप्त कर ली है। यह विकास कंपनी के लिए एक बड़ा बदलाव ला सकता है, जो आगे नियामक清 (clarifications) पर निर्भर करता है।

SFB स्थिति की ओर कदम:

  • फिनो पेमेंट्स बैंक ने पिछले साल जनवरी में स्मॉल फाइनेंस बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन किया था।
  • 'ऑन-टैप' लाइसेंसिंग नियम उन भुगतान बैंकों को SFB स्थिति के लिए आवेदन करने की अनुमति देते हैं जिनके प्रमोटर निवासी हैं और जिनका कम से कम पांच साल का परिचालन अनुभव है।
  • फिनो ने इन पात्रता मानदंडों को पूरा किया, और इसके आवेदन का मूल्यांकन मानक RBI दिशानिर्देशों के तहत किया गया।
  • हालांकि, यह केवल एक सैद्धांतिक मंजूरी है; फिनो को अब अंतिम बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए शेष सभी नियामक आवश्यकताओं को पूरा करना होगा।

नियामक जांच और अनुपालन:

  • यह मंजूरी उस अवधि के बाद आई है जब फिनो पेमेंट्स बैंक को कई अनुपालन संबंधी कार्रवाइयों का सामना करना पड़ा था।
  • अक्टूबर 2025 में, बैंक ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ प्रकटीकरण-चूक (disclosure-lapse) मामले को 5.89 लाख रुपये में निपटाया।
  • यह मामला महत्वपूर्ण घटनाओं की समय पर और पर्याप्त रिपोर्टिंग में मुद्दों से उत्पन्न हुआ था।
  • SEBI ने पहले फिनो कर्मचारियों द्वारा चलाए जा रहे धोखाधड़ी वाले निवेश योजनाओं के संबंध में शिकायतों को उजागर किया था, जिससे एक KPMG जांच हुई थी जिसमें 19 कर्मचारियों को अनधिकृत योजनाओं में शामिल पाया गया था।
  • इस साल की शुरुआत में, RBI ने भी फिनो पर 29.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था क्योंकि वह अपने भुगतान बैंक लाइसेंस से संबंधित निर्देशों का पालन नहीं कर रहा था।

वित्तीय प्रदर्शन का संक्षिप्त विवरण:

  • FY26 की दूसरी तिमाही में, फिनो पेमेंट्स बैंक ने शुद्ध लाभ में 27.5% की गिरावट दर्ज की, जो 15.3 करोड़ रुपये हो गया।
  • लाभ में यह गिरावट मुख्य रूप से उच्च कर व्यय और उसके पारंपरिक लेनदेन व्यवसायों से होने वाली आय में मंदी के कारण थी।
  • लाभ में गिरावट के बावजूद, ब्याज से होने वाली आय में साल-दर-साल 26% की स्वस्थ वृद्धि देखी गई, जो 60.1 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।
  • अन्य आय में, हालांकि, साल-दर-साल 16.6% की गिरावट आई, जो 407.6 करोड़ रुपये रही।

बाजार की प्रतिक्रिया:

  • सैद्धांतिक मंजूरी की खबर के बाद, फिनो पेमेंट्स बैंक के शेयरों में तेजी देखी गई।
  • BSE पर स्टॉक ने ट्रेडिंग सत्र 3.88% की बढ़ोतरी के साथ 314.65 रुपये पर बंद किया।

यह रूपांतरण, यदि अंतिम रूप दिया जाता है, तो फिनो की परिचालन क्षमताओं का काफी विस्तार करेगा, जिससे वह ऋण सहित वित्तीय उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला पेश कर सकेगा, जो स्मॉल फाइनेंस बैंकिंग सेगमेंट में राजस्व और बाजार हिस्सेदारी को बढ़ा सकता है। हालांकि, नियामक अपेक्षाओं को पूरी तरह से पूरा करने की उसकी क्षमता एक प्रमुख कारक बनी रहेगी।

कठिन शब्दों की व्याख्या:

  • पेमेंट्स बैंक (Payments Bank): एक प्रकार का बैंक जो जमा और प्रेषण (remittances) जैसी सीमित बैंकिंग सेवाएं प्रदान करता है, लेकिन ऋण या क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर सकता।
  • स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB): RBI द्वारा लाइसेंस प्राप्त एक वित्तीय संस्थान जो बैंकिंग सेवाएं प्रदान करता है, जिसमें छोटे व्यवसायों, बैंक रहितों और अल्प-सेवा वाले वर्गों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, और सबसे महत्वपूर्ण, यह ऋण देने की अनुमति है।
  • सैद्धांतिक मंजूरी (In-principle approval): नियामक निकाय द्वारा एक सशर्त मंजूरी या प्रारंभिक सहमति, जो बताती है कि इकाई ने प्रारंभिक आवश्यकताओं को पूरा किया है लेकिन अंतिम मंजूरी आगे की शर्तों के अनुपालन पर लंबित है।
  • ऑन-टैप लाइसेंसिंग (On-tap licensing): एक ऐसी प्रणाली जहां नियामक लाइसेंस मांग पर उपलब्ध होते हैं, जिससे पात्र संस्थाओं को आवेदन करने और लाइसेंस प्राप्त करने की अनुमति मिलती है जब वे निर्दिष्ट मानदंडों को पूरा करते हैं, न कि समय-समय पर आवेदन खिड़कियों के बजाय।
  • SEBI (Securities and Exchange Board of India): भारत का प्रतिभूति बाजार नियामक।
  • RBI (Reserve Bank of India): भारत की केंद्रीय बैंकिंग संस्था, जो देश के बैंकों और वित्तीय प्रणाली को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार है।

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