Telecom
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29th October 2025, 11:38 AM

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दूरसंचार विभाग (DoT) ने, संचार मंत्रालय के तहत, एक मशीन-टू-मशीन (M2M) सर्विस प्रोवाइडर या लाइसेंसधारी से दूसरे में मशीन-टू-मशीन (M2M) सिम कार्ड की ओनरशिप ट्रांसफर की सुविधा के लिए एक नया फ्रेमवर्क जारी किया है। पहले, M2M सिम ओनरशिप बदलने का कोई प्रावधान नहीं था, जिससे अंतिम उपभोक्ताओं के लिए सेवा व्यवधान का जोखिम था यदि प्रदाता बदलना आवश्यक हो जाता। यह नया फ्रेमवर्क सभी M2M सर्विस प्रोवाइडर्स या लाइसेंसधारियों पर लागू होने वाली, बिना सेवा में रुकावट के सुचारू, अनुपालन योग्य परिवर्तनों को सुनिश्चित करने के लिए एक औपचारिक प्रक्रिया स्थापित करता है। प्रक्रिया M2M सेवा उपयोगकर्ता द्वारा वर्तमान प्रदाता को लिखित अनुरोध प्रस्तुत करने से शुरू होती है, जिसमें सिम और इच्छित नए प्रदाता का विवरण दिया जाता है। 15 दिनों के भीतर, यदि कोई बकाया राशि नहीं है तो ट्रांसफर करने वाले को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करना होगा। इसके बाद ट्रांसफर करने वाले प्रदाता को एक्सेस सर्विस प्रोवाइडर (ASP) को एक उपक्रम (undertaking) प्रस्तुत करना होगा जिसमें ट्रांसफर किए गए सिम की सभी जिम्मेदारियों को स्वीकार किया गया हो। ASP अनुरोध, NOC और उपक्रम की पुष्टि करता है, KYC को पुनः सत्यापित करता है, और नई ओनरशिप को दर्शाने के लिए सब्सक्राइबर रिकॉर्ड को अपडेट करता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रत्येक M2M सिम को एक प्रदाता से जुड़ा रहना चाहिए, जो निर्बाध सेवा सुनिश्चित करता है। प्रभाव: यह फ्रेमवर्क अंतिम उपयोगकर्ताओं के हितों की रक्षा करने और सेवा प्रदाताओं को अधिक लचीलेपन के साथ काम करने में सक्षम बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह भारत की M2M और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) सेवाओं की विश्वसनीयता और भविष्य की तैयारी को बढ़ाता है, जिससे इस क्षेत्र में व्यावसायिक निरंतरता और दक्षता को बढ़ावा मिलता है। रेटिंग: 6/10।