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भारती एयरटेल बोर्ड ने इंडस टावर्स में 5% तक अतिरिक्त हिस्सेदारी के अधिग्रहण को मंजूरी दी

Telecom

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Updated on 03 Nov 2025, 05:40 pm

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Reviewed By

Aditi Singh | Whalesbook News Team

Short Description :

भारती एयरटेल के बोर्ड ने अपनी दूरसंचार अवसंरचना सहायक कंपनी, इंडस टावर्स में 5% तक की अतिरिक्त हिस्सेदारी हासिल करने के लिए मंजूरी दे दी है। भारती एयरटेल वर्तमान में इंडस टावर्स में 51% से अधिक हिस्सेदारी रखती है। वर्तमान बाजार मूल्यों के आधार पर 5,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का यह अधिग्रहण किश्तों (tranches) में किया जाएगा और यह बाजार की स्थितियों और नियामक अनुपालन के अधीन होगा।
भारती एयरटेल बोर्ड ने इंडस टावर्स में 5% तक अतिरिक्त हिस्सेदारी के अधिग्रहण को मंजूरी दी

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Stocks Mentioned :

Bharti Airtel Limited
Indus Towers Limited

Detailed Coverage :

भारती एयरटेल ने घोषणा की है कि उसके बोर्ड ने निदेशकों की विशेष समिति को अपनी सहायक कंपनी, इंडस टावर्स लिमिटेड में 5% तक अतिरिक्त हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक सक्षमकारी (enabling) मंजूरी दे दी है। यह अधिग्रहण समय के साथ कई किश्तों (tranches) में होगा और मौजूदा बाजार स्थितियों, जिसमें तरलता (liquidity) और मूल्य शामिल हैं, के साथ-साथ सभी लागू कानूनों के अनुपालन पर निर्भर करेगा। 30 सितंबर तक, भारती एयरटेल इंडस टावर्स में 51.03% हिस्सेदारी रखती थी। सोमवार को बीएसई पर इंडस टावर्स के 382.70 रुपये के समापन मूल्य के आधार पर, इस 5% हिस्सेदारी का संभावित मूल्य 5,000 करोड़ रुपये से अधिक है। सार्वजनिक शेयरधारक, जिनमें भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और म्यूचुअल फंड शामिल हैं, सामूहिक रूप से शेष 48.93% हिस्सेदारी रखते हैं। उल्लेखनीय है कि वोडाफोन ने पहले दिसंबर 2024 में इंडस टावर्स में अपनी 3% हिस्सेदारी बेच दी थी, जिसे लगभग 2,800 करोड़ रुपये में बेचा गया था। भारती एयरटेल का यह कदम अपनी प्रमुख दूरसंचार अवसंरचना इकाई में अपनी स्थिति को और मजबूत करने का लक्ष्य रखता है। Impact: यह खबर भारतीय शेयर बाजार के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें आवश्यक दूरसंचार क्षेत्र की दो प्रमुख सूचीबद्ध संस्थाएं शामिल हैं। यह महत्वपूर्ण वित्तीय लेनदेन और संभावित हिस्सेदारी वृद्धि दोनों कंपनियों और व्यापक दूरसंचार अवसंरचना क्षेत्र के प्रति निवेशक भावना को प्रभावित कर सकती है। रेटिंग: 7/10। Difficult Terms: * Subsidiary company (सहायक कंपनी): एक ऐसी कंपनी जिसका स्वामित्व या नियंत्रण किसी अन्य कंपनी (मूल कंपनी) के पास होता है। * Enabling approval (सक्षमकारी मंजूरी): एक प्रारंभिक मंजूरी जो भविष्य की कार्रवाइयों की अनुमति देती है, लेकिन अंतिम निर्णय की पुष्टि नहीं करती। * Tranches (किश्तें): किसी बड़ी राशि या लेनदेन के हिस्से या किश्तें। * Prevailing market conditions (मौजूदा बाजार स्थितियां): वित्तीय बाजारों की वर्तमान स्थिति, जिसमें स्टॉक की कीमतें, ब्याज दरें और निवेशक भावना जैसे कारक शामिल हैं। * Liquidity (तरलता): वह आसानी जिससे किसी संपत्ति को उसके मूल्य पर महत्वपूर्ण रूप से प्रभाव डाले बिना बाजार में खरीदा या बेचा जा सकता है। * Related party transaction(s) (संबंधित पक्ष लेनदेन): ऐसे पक्ष जो एक-दूसरे से संबंधित हों, जैसे कि मूल कंपनी और उसकी सहायक कंपनी के बीच, के बीच वित्तीय लेनदेन, जिसमें विशेष प्रकटीकरण और मंजूरी की आवश्यकता हो सकती है। भारती एयरटेल ने कहा कि यह अधिग्रहण संबंधित पक्ष लेनदेन नहीं है।

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