भारत की EV क्रांति: 2030 तक ₹20 लाख करोड़ का बाज़ार और 5 करोड़ नौकरियाँ! भविष्य का अनावरण!
Overview
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का अनुमान है कि भारत का इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाज़ार 2030 तक ₹20 लाख करोड़ तक पहुँच जाएगा, जिससे पाँच करोड़ नई नौकरियाँ पैदा होंगी। वर्तमान में 57 लाख EV पंजीकृत हैं, जिनकी बिक्री पेट्रोल/डीज़ल वाहनों से काफ़ी तेज़ी से बढ़ रही है। बैटरी की घटती लागत और जम्मू और कश्मीर में महत्वपूर्ण लिथियम भंडार प्रमुख चालक हैं। मंत्री ने हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन बताया, साथ ही ऊर्जा स्वतंत्रता और जीवाश्म ईंधन आयात में कमी पर जोर दिया।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत के इलेक्ट्रिक वाहन (EV) क्षेत्र के लिए एक तेज़ी से बढ़ते दृष्टिकोण का अनावरण किया है, जिसमें 2030 तक ₹20 लाख करोड़ के बाज़ार मूल्य और पाँच करोड़ नई नौकरियाँ पैदा होने का अनुमान है।
EV बाज़ार वृद्धि की परियोजनाएँ
- नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाज़ार तेज़ी से बढ़ेगा, और 2030 तक इसका मूल्यांकन ₹20 लाख करोड़ तक पहुँचने की उम्मीद है।
- इस विस्तार से पर्याप्त रोज़गार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है, जिसमें क्षेत्र में अनुमानित पाँच करोड़ नई नौकरियाँ सृजित होंगी।
- उन्होंने यह भी बताया कि वार्षिक वाहन बिक्री ₹1 करोड़ तक पहुँचने का अनुमान है, जो बाज़ार की क्षमता को और रेखांकित करता है।
भारत में वर्तमान EV अपनाना
- अब तक, भारत में लगभग 57 लाख इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हुए हैं, जो एक महत्वपूर्ण मौजूदा आधार को दर्शाता है।
- EV अपनाने की गति तेज़ हो रही है, जिसमें 2024-25 में बिक्री पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन वाहनों की तुलना में काफ़ी मज़बूत रही है।
- EV कार की बिक्री में 20.8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो पेट्रोल और डीज़ल कार की बिक्री में 4.2 प्रतिशत की वृद्धि से काफी अधिक है।
- दोपहिया EV सेगमेंट में 33 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो पेट्रोल और डीज़ल दोपहिया वाहनों की 14 प्रतिशत वृद्धि से कहीं आगे है।
- तीन-पहिया EV की बिक्री में भी 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि उनके पेट्रोल और डीज़ल समकक्षों में 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- इलेक्ट्रिक दोपहिया बाज़ार में अब 400 से अधिक स्टार्टअप सक्रिय हैं, जिनमें ऐसे स्टार्टअप की संख्या 2024 से 21 प्रतिशत बढ़ी है।
प्रमुख संसाधन और प्रौद्योगिकी
- EV की सामर्थ्य का एक महत्वपूर्ण कारक लिथियम-आयन बैटरी की घटती लागत है। इसकी कीमत $150 प्रति kWh से घटकर $55 प्रति kWh हो गई है।
- यह लागत में कमी देश में EVs के व्यापक रूप से अपनाने के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
- भारत में महत्वपूर्ण लिथियम भंडार हैं, जिनमें जम्मू और कश्मीर में 6 मिलियन टन की पहचान की गई है, जो दुनिया के कुल का छह प्रतिशत है।
- खान मंत्रालय इन भंडारों का पता लगाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
- सोडियम-आयन, एल्यूमीनियम-आयन, और जिंक-आयन जैसी वैकल्पिक बैटरी केमिस्ट्री पर भी शोध चल रहा है, जिसका उद्देश्य लागत में और कमी लाना और प्रदर्शन में सुधार करना है।
भविष्य के ईंधन और ऊर्जा स्वतंत्रता
- हाइड्रोजन को एक भविष्य का ईंधन माना जाता है जिसमें अपार क्षमता है।
- वर्तमान में, भारत ऊर्जा का एक प्रमुख आयातक है, जो जीवाश्म ईंधन के आयात पर सालाना ₹22 लाख करोड़ खर्च करता है।
- मंत्री गडकरी को विश्वास है कि भारत ऊर्जा आयातक से निर्यातक बनेगा, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी पहलों से प्रेरित होगा।
- सरकार जैव ईंधन और वैकल्पिक ईंधनों को प्राथमिकता दे रही है ताकि जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम हो, जो प्रदूषण में भी महत्वपूर्ण योगदान करते हैं।
प्रभाव
- यह खबर भारत के लिए एक बड़े आर्थिक अवसर का संकेत देती है, जो इसके ऑटोमोटिव और ऊर्जा क्षेत्रों को बदल सकती है।
- इससे विनिर्माण, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, बैटरी प्रौद्योगिकी, और संबंधित सेवाओं में महत्वपूर्ण निवेश हो सकता है, जिससे नौकरियाँ बढ़ेंगी और जीडीपी को बढ़ावा मिलेगा।
- आयातित जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम होने से भारत का व्यापार संतुलन और ऊर्जा सुरक्षा सुधरेगी।
- EVs के विकास से वाहनों से होने वाला प्रदूषण कम होने की उम्मीद है, जो शहरी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता में सुधार में योगदान देगा।
- प्रभाव रेटिंग: 9/10
कठिन शब्दों की व्याख्या
- EV (इलेक्ट्रिक वाहन): एक वाहन जो बिजली से चलता है, जो बैटरी में संग्रहीत होती है, न कि गैसोलीन या डीज़ल से।
- kWh: ऊर्जा की एक इकाई, जिसका उपयोग आमतौर पर बिजली की खपत या बैटरी क्षमता को मापने के लिए किया जाता है।
- आत्मनिर्भर भारत: एक हिंदी शब्द जिसका अर्थ है "self-reliant India", भारतीय सरकार द्वारा घरेलू विनिर्माण और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया एक अभियान।
- जीवाश्म ईंधन: प्राकृतिक ईंधन जैसे कोयला, तेल और गैस, जो भूवैज्ञानिक अतीत में जीवित जीवों के अवशेषों से बने हैं।
- लिथियम भंडार: पृथ्वी की पपड़ी में पाए जाने वाले लिथियम के भंडार, जो रिचार्जेबल बैटरी का एक प्रमुख घटक है।

