तंबाकू पर टैक्स में चौंकाने वाली वृद्धि! संसद ने बिल पास किया – क्या आपके पसंदीदा ब्रांड्स भी प्रभावित होंगे?
Overview
भारत की संसद ने सेंट्रल एक्साइज (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित कर दिया है, जिससे वस्तु एवं सेवा कर (GST) क्षतिपूर्ति उपकर की अवधि समाप्त होने के बाद तंबाकू और संबंधित उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि की जा सकती है। प्रस्तावित दरों में असंसाधित तंबाकू पर 60-70% तक और सिगरेट व चबाने वाले तंबाकू पर विशिष्ट कर शामिल हैं। विपक्षी नेताओं ने चिंता व्यक्त की है और विधेयक के इरादे पर सवाल उठाए हैं, जबकि वित्त मंत्री ने किसानों को अन्य फसलों पर स्थानांतरित करने के प्रयासों पर प्रकाश डाला है।
भारत की संसद ने सेंट्रल एक्साइज (संशोधन) विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी है, जो एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे सरकार को तंबाकू और संबंधित उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में काफी वृद्धि करने की शक्ति मिलेगी। यह विधायी विकास ऐसे समय में हो रहा है जब इन वस्तुओं के लिए वस्तु एवं सेवा कर (GST) क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने वाला है।
राज्यसभा और लोकसभा दोनों द्वारा अनुमोदित होने के बाद, यह विधेयक अब कानून बनने की राह पर है। यह ऐसे उत्पाद वर्ग पर बढ़ी हुई कराधान का मार्ग प्रशस्त करता है जो वर्तमान में 28% GST के साथ-साथ विभिन्न उपकरों के अधीन है।
मुख्य प्रावधान (Key Provisions)
- प्रस्तावित उत्पाद शुल्क दरें उल्लेखनीय रूप से अधिक हैं। असंसाधित तंबाकू के लिए, शुल्क 60% से 70% तक हो सकता है।
- सिगार और चेरूट पर 25% या 1,000 स्टिक पर ₹5,000 का उत्पाद शुल्क लग सकता है।
- सिगरेट पर लंबाई और फिल्टर के आधार पर कर लगाया जाएगा, जिसके लिए 1,000 स्टिक पर ₹2,700 से ₹11,000 के बीच की दरें प्रस्तावित की गई हैं।
- चबाने वाले तंबाकू पर ₹100 प्रति किलोग्राम का कर लगाने की योजना है।
संसदीय बहस और चिंताएँ (Parliamentary Debate and Concerns)
- कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने विधेयक की कड़ी आलोचना की। उनका कहना था कि इसका मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि राजस्व सृजन है।
- कांग्रेस सांसद जेबी मैथर ने कहा कि यह विधेयक GST कार्यान्वयन में मुद्दों को उजागर करता है और इसका कोई वास्तविक स्वास्थ्य प्रभाव नहीं है।
सरकार का रुख (Government's Stance)
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद को आश्वासन दिया कि तंबाकू उत्पादों पर 'डीमेरिट श्रेणी' (demerit category) के तहत 40% GST दर के साथ कर लगता रहेगा।
- उन्होंने आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में तंबाकू की खेती से अन्य नकदी फसलों की ओर स्थानांतरित होने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने की सरकारी पहलों पर भी प्रकाश डाला।
- इन क्षेत्रों में लगभग एक लाख एकड़ भूमि पर तंबाकू की खेती से वैकल्पिक फसलों की ओर बदलाव की खबर है।
भविष्य की अपेक्षाएँ (Future Expectations)
- कानून लागू होने के बाद, सरकार को तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क समायोजित करने के लिए एक नया उपकरण मिल जाएगा।
- इस कदम से क्षेत्र से सरकारी राजस्व संग्रह में महत्वपूर्ण वृद्धि होने की उम्मीद है।
प्रभाव (Impact)
- यह कानून तंबाकू उत्पादों के उपभोक्ताओं के लिए कीमतों में वृद्धि का कारण बनेगा, जिससे खपत कम हो सकती है।
- तंबाकू निर्माण कंपनियों को परिचालन लागत में वृद्धि और लाभ मार्जिन में कमी का सामना करना पड़ सकता है।
- सरकार को इस क्षेत्र से कर राजस्व में महत्वपूर्ण वृद्धि की उम्मीद है।
- तंबाकू की खेती में शामिल किसानों को फसल विविधीकरण की ओर और अधिक प्रेरित किया जाएगा।
Impact Rating: 7/10
कठिन शब्दों की व्याख्या (Difficult Terms Explained)
- सेंट्रल एक्साइज (संशोधन) विधेयक, 2025 (Central Excise (Amendment) Bill, 2025): तंबाकू उत्पादों के संबंध में, मौजूदा केंद्रीय उत्पाद शुल्क नियमों को बदलने के लिए एक प्रस्तावित कानून।
- GST (वस्तु एवं सेवा कर) (Goods and Services Tax): भारत में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाने वाला एक उपभोग कर।
- GST क्षतिपूर्ति उपकर (GST Compensation Cess): GST के कार्यान्वयन से होने वाले राजस्व हानि की भरपाई राज्यों को करने के लिए लगाया गया एक अस्थायी कर। यह उपकर कुछ उत्पादों के लिए समाप्त हो रहा है।
- उत्पाद शुल्क (Excise Duty): किसी देश के भीतर विशिष्ट वस्तुओं के उत्पादन या बिक्री पर लगाया जाने वाला कर।
- डीमेरिट श्रेणी (Demerit Category): हानिकारक या अवांछनीय मानी जाने वाली वस्तुओं के लिए एक वर्गीकरण, जिन पर GST व्यवस्था के तहत आमतौर पर अधिक कर लगाया जाता है।

