Logo
Whalesbook
HomeStocksNewsPremiumAbout UsContact Us

RBI का बड़ा झटका! रेपो रेट में कटौती! भारतीय अर्थव्यवस्था 'गोल्डीलॉक्स' ज़ोन में - GDP में उछाल, महंगाई में भारी गिरावट!

Economy|5th December 2025, 6:04 AM
Logo
AuthorAkshat Lakshkar | Whalesbook News Team

Overview

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने नीतिगत रेपो रेट में 25 आधार अंकों (basis points) की कटौती कर इसे 5.25% कर दिया है, साथ ही तटस्थ (neutral) रुख बनाए रखा है। केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए GDP पूर्वानुमान को 6.8% से बढ़ाकर 7.3% कर दिया है और महंगाई (inflation) के पूर्वानुमान को 2.6% से घटाकर 2% कर दिया है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अर्थव्यवस्था को 'दुर्लभ गोल्डीलॉक्स दौर' (rare Goldilocks period) बताया, जहाँ महंगाई नियंत्रण में है और विकास मजबूत है। उन्होंने बॉन्ड बाजार में लिक्विडिटी (liquidity) डालने के उपाय भी घोषित किए।

RBI का बड़ा झटका! रेपो रेट में कटौती! भारतीय अर्थव्यवस्था 'गोल्डीलॉक्स' ज़ोन में - GDP में उछाल, महंगाई में भारी गिरावट!

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, नीतिगत रेपो रेट में 25 आधार अंकों (basis points) की कटौती कर इसे 5.25% कर दिया है। 1 अक्टूबर की नीति समीक्षा के दौरान लिया गया यह निर्णय, फरवरी 2025 के बाद पहली दर कटौती है और इसके साथ तटस्थ मौद्रिक नीति रुख (neutral monetary policy stance) भी बनाए रखा गया है।

मुख्य आंकड़े या डेटा

  • नीतिगत रेपो रेट को 5.50% से घटाकर 5.25% कर दिया गया है।
  • वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पूर्वानुमान को पिछली 6.8% की भविष्यवाणी से बढ़ाकर 7.3% कर दिया गया है।
  • FY26 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति (inflation) के पूर्वानुमान को पहले के 2.6% के अनुमान से घटाकर 2% कर दिया गया है।
  • बॉन्ड बाजार में तरलता (liquidity) डालने के उपायों में 1 लाख करोड़ रुपये के बॉन्ड पुनर्खरीद (bond repurchases) और 5 अरब डॉलर का तीन साल का डॉलर-रुपया स्वैप (dollar–rupee swap) शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत लगभग 1.45 लाख करोड़ रुपये है।
  • भारत की दूसरी तिमाही (Q2) GDP वृद्धि 8.2% रही है।
  • भारतीय रुपये में गिरावट देखी गई है, जो लगभग 89.84–90 प्रति डॉलर पर कारोबार कर रहा है, जबकि विदेशी मुद्रा भंडार 686 अरब डॉलर पर मजबूत बना हुआ है।

पृष्ठभूमि विवरण

यह दर कटौती ऐसे समय में हुई है जब घरेलू मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के 2% से 4% के लक्ष्य बैंड के भीतर स्थिर हो गई है, और वैश्विक व्यापार तनाव के बावजूद समग्र आर्थिक विकास मजबूत बना हुआ है।

सकारात्मक आर्थिक माहौल ने RBI को कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है, जिसमें अंतिम दर कटौती फरवरी 2025 में हुई थी।

प्रबंधन की टिप्पणी

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय अर्थव्यवस्था "दुर्लभ गोल्डीलॉक्स दौर" (rare Goldilocks period) का अनुभव कर रही है, जिसकी विशेषता मध्यम मुद्रास्फीति और मजबूत आर्थिक वृद्धि का संयोजन है। यह अनुकूल वातावरण केंद्रीय बैंक को आर्थिक गति को मजबूत करने वाले कदम उठाने के लिए गुंजाइश प्रदान करता है। गवर्नर मल्होत्रा ने यह भी कहा कि GST युक्तिकरण (GST rationalisation) ने समग्र मांग का प्रभावी ढंग से समर्थन किया है, जबकि अच्छे मानसून की संभावनाओं ने ग्रामीण मांग को बढ़ाया है।

घटना का महत्व

इस निर्णय से वित्तीय प्रणाली में तरलता की स्थिति में सुधार होने और विशेष रूप से चालू वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में निवेश को और समर्थन मिलने की उम्मीद है। उधार लागत को कम करके और तरलता डालकर, RBI का लक्ष्य चल रहे आर्थिक विस्तार को बनाए रखना और बढ़ाना है।

भविष्य की उम्मीदें

जबकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व और ईसीबी (ECB) जैसे प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने अपनी हालिया बैठकों में दरों को बनाए रखा है, 2026 में नीतिगत ढील (policy easing) की उम्मीदें विश्व स्तर पर बढ़ रही हैं।

भारत के लिए, इस कटौती का समय रणनीतिक है, क्योंकि यह कम आधार से बढ़ती मुद्रास्फीति के संभावित भविष्य के दबावों को संबोधित करता है।

प्रभाव

  • इस दर कटौती से व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए उधार लेना सस्ता हो जाएगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की संभावना है, और संभावित रूप से निवेश और खर्च बढ़ सकता है।
  • कम उधार लागत कॉर्पोरेट लाभप्रदता में सुधार कर सकती है और निवेशक भावना को बढ़ा सकती है, जिससे स्टॉक मार्केट के प्रदर्शन में वृद्धि हो सकती है।
  • बॉन्ड बाजार में बढ़ी हुई तरलता से यील्ड (yields) कम हो सकते हैं, जिससे निश्चित-आय निवेश (fixed-income investments) अधिक आकर्षक हो सकते हैं।
  • सकारात्मक विकास दृष्टिकोण और कम मुद्रास्फीति पूर्वानुमान एक स्थिर आर्थिक वातावरण का संकेत देते हैं, जो आम तौर पर दीर्घकालिक निवेश के लिए अनुकूल है।
  • प्रभाव रेटिंग: 9/10

कठिन शब्दों की व्याख्या

  • मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee - MPC): भारतीय रिजर्व बैंक के भीतर एक समिति जो मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और आर्थिक विकास को प्रबंधित करने के लिए बेंचमार्क ब्याज दर (रेपो रेट) निर्धारित करने के लिए जिम्मेदार है।
  • नीति रेपो दर (Policy repo rate): वह दर जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पावधि के लिए पैसा उधार देता है। इस दर में कटौती से आमतौर पर अर्थव्यवस्था में ब्याज दरें कम हो जाती हैं।
  • आधार अंक (basis points - bps): वित्त में उपयोग की जाने वाली एक इकाई जो किसी वित्तीय साधन में प्रतिशत परिवर्तन को दर्शाती है। एक आधार अंक 0.01% या प्रतिशत का 1/100वां हिस्सा होता है।
  • GDP (सकल घरेलू उत्पाद): किसी विशेष समयावधि में देश की सीमाओं के भीतर उत्पादित सभी तैयार माल और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य। यह आर्थिक स्वास्थ्य का एक प्रमुख संकेतक है।
  • तरलता (Liquidity): वह आसानी जिससे किसी संपत्ति को उसके बाजार मूल्य को प्रभावित किए बिना नकदी में परिवर्तित किया जा सकता है। अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, यह खर्च और निवेश के लिए उपलब्ध धन को संदर्भित करता है।
  • बॉन्ड पुनर्खरीद (Bond repurchases): जिसे ओपन मार्केट ऑपरेशंस (OMOs) भी कहा जाता है, यह तब होता है जब केंद्रीय बैंक धन आपूर्ति बढ़ाने और ब्याज दरों को कम करने के लिए खुले बाजार से सरकारी प्रतिभूतियाँ खरीदता है।
  • डॉलर-रुपया स्वैप (Dollar–rupee swap): एक वित्तीय लेनदेन जिसमें RBI बैंकों के साथ डॉलर का रुपया के बदले विनिमय करता है और साथ ही बाद में लेनदेन को उलटने के लिए सहमत होता है। यह तरलता का प्रबंधन करने और रुपये को स्थिर करने में मदद करता है।
  • गोल्डीलॉक्स अवधि (Goldilocks period): एक आर्थिक स्थिति जो न तो बहुत गर्म होती है और न ही बहुत ठंडी - मध्यम मुद्रास्फीति और मजबूत आर्थिक वृद्धि की विशेषता। इसे अर्थव्यवस्था के लिए एक आदर्श स्थिति माना जाता है।
  • CPI (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) मुद्रास्फीति: एक माप जो उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं की एक टोकरी के भारित औसत कीमतों की जांच करता है, जैसे परिवहन, भोजन और चिकित्सा देखभाल। इसका उपयोग मुद्रास्फीति को मापने के लिए किया जाता है।
  • GST (वस्तु एवं सेवा कर): अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री पर लगाया जाने वाला उपभोग कर। युक्तिकरण (Rationalisation) का अर्थ कर संरचना को सरल या बेहतर बनाना है।
  • FII (विदेशी संस्थागत निवेशक): एक इकाई जो दूसरे देश की प्रतिभूतियों, जैसे स्टॉक और बॉन्ड में निवेश करती है। बहिर्वाह (Outflows) का मतलब है कि वे इन प्रतिभूतियों को बेच रहे हैं।
  • ECB (यूरोपीय सेंट्रल बैंक): यूरोजोन देशों के लिए केंद्रीय बैंक, जो मौद्रिक नीति के लिए जिम्मेदार है।
  • फेडरल रिजर्व: संयुक्त राज्य अमेरिका की केंद्रीय बैंकिंग प्रणाली।

No stocks found.


Commodities Sector

कॉपर की दौड़: अडानी और हिंडाल्को भारत के भविष्य के लिए पेरू की धनी खदानों पर नज़र गड़ाए!

कॉपर की दौड़: अडानी और हिंडाल्को भारत के भविष्य के लिए पेरू की धनी खदानों पर नज़र गड़ाए!

रिकॉर्ड चांदी की बिकवाली! कीमतें आसमान छूने पर भारतीयों ने एक हफ्ते में बेचे 100 टन - क्या यह मुनाफे की होड़ है?

रिकॉर्ड चांदी की बिकवाली! कीमतें आसमान छूने पर भारतीयों ने एक हफ्ते में बेचे 100 टन - क्या यह मुनाफे की होड़ है?

चांदी की कीमत में बड़ा झटका: भारत में ₹1.8 लाख से नीचे! विशेषज्ञ ने अस्थिरता की चेतावनी दी, क्या $60 की रैली संभव?

चांदी की कीमत में बड़ा झटका: भारत में ₹1.8 लाख से नीचे! विशेषज्ञ ने अस्थिरता की चेतावनी दी, क्या $60 की रैली संभव?

गोल्ड प्राइस अलर्ट: एक्सपर्ट्स ने कमजोरी की चेतावनी दी! क्या निवेशकों को अभी बेचना चाहिए?

गोल्ड प्राइस अलर्ट: एक्सपर्ट्स ने कमजोरी की चेतावनी दी! क्या निवेशकों को अभी बेचना चाहिए?


Startups/VC Sector

भारत के स्टार्टअप्स में 2025 का बड़ा झटका: प्रमुख संस्थापक क्यों छोड़ रहे हैं अपनी भूमिका!

भारत के स्टार्टअप्स में 2025 का बड़ा झटका: प्रमुख संस्थापक क्यों छोड़ रहे हैं अपनी भूमिका!

GET INSTANT STOCK ALERTS ON WHATSAPP FOR YOUR PORTFOLIO STOCKS
applegoogle
applegoogle

More from Economy

RBI नीति निर्णय का दिन! ग्लोबल झटकों के बीच भारतीय बाज़ार रेट कॉल का इंतज़ार कर रहे हैं, रुपया सुधरा और भारत-रूस शिखर सम्मेलन पर फोकस!

Economy

RBI नीति निर्णय का दिन! ग्लोबल झटकों के बीच भारतीय बाज़ार रेट कॉल का इंतज़ार कर रहे हैं, रुपया सुधरा और भारत-रूस शिखर सम्मेलन पर फोकस!

भारत का बाज़ार दहाड़ रहा है: जियो का रिकॉर्ड IPO, TCS और OpenAI के साथ AI बूम, जबकि EV दिग्गजों को चुनौतियों का सामना!

Economy

भारत का बाज़ार दहाड़ रहा है: जियो का रिकॉर्ड IPO, TCS और OpenAI के साथ AI बूम, जबकि EV दिग्गजों को चुनौतियों का सामना!

आरबीआई का अप्रत्याशित संकेत: ब्याज दरें जल्द गिरने वाली नहीं! महंगाई की चिंता से नीति में बदलाव।

Economy

आरबीआई का अप्रत्याशित संकेत: ब्याज दरें जल्द गिरने वाली नहीं! महंगाई की चिंता से नीति में बदलाव।

RBI नीतिगत फैसले का इंतज़ार! भारतीय बाज़ार फ्लैट खुलने की ओर, आज इन प्रमुख स्टॉक्स पर रखें नज़र

Economy

RBI नीतिगत फैसले का इंतज़ार! भारतीय बाज़ार फ्लैट खुलने की ओर, आज इन प्रमुख स्टॉक्स पर रखें नज़र

ट्रंप सलाहकार ने खोले फेड रेट कट प्लान! क्या अगले हफ्ते गिरेंगे ब्याज दरें?

Economy

ट्रंप सलाहकार ने खोले फेड रेट कट प्लान! क्या अगले हफ्ते गिरेंगे ब्याज दरें?

RBI का बड़ा झटका! रेपो रेट में कटौती! भारतीय अर्थव्यवस्था 'गोल्डीलॉक्स' ज़ोन में - GDP में उछाल, महंगाई में भारी गिरावट!

Economy

RBI का बड़ा झटका! रेपो रेट में कटौती! भारतीय अर्थव्यवस्था 'गोल्डीलॉक्स' ज़ोन में - GDP में उछाल, महंगाई में भारी गिरावट!


Latest News

भारत का क्रिप्टो बाज़ार बूम पर: निवेशक रख रहे हैं 5 टोकन, गैर-मेट्रो शहरों में सबसे ज़्यादा उछाल!

Crypto

भारत का क्रिप्टो बाज़ार बूम पर: निवेशक रख रहे हैं 5 टोकन, गैर-मेट्रो शहरों में सबसे ज़्यादा उछाल!

इंडिगो ग्राउंडेड? पायलट नियमों का हंगामा, DGCA की गुहार और विश्लेषकों की चेतावनी से निवेशकों में बड़ा संदेह!

Transportation

इंडिगो ग्राउंडेड? पायलट नियमों का हंगामा, DGCA की गुहार और विश्लेषकों की चेतावनी से निवेशकों में बड़ा संदेह!

काइन्स टेक्नोलॉजी स्टॉक गिरा: मैनेजमेंट ने विश्लेषक रिपोर्ट पर तोड़ी चुप्पी और सुधार का वादा किया!

Industrial Goods/Services

काइन्स टेक्नोलॉजी स्टॉक गिरा: मैनेजमेंट ने विश्लेषक रिपोर्ट पर तोड़ी चुप्पी और सुधार का वादा किया!

अडानी, JSW, वेदांता भी हाइड्रो पावर एसेट के लिए कड़ी बोली में शामिल! बोलियां ₹3000 करोड़ के पार!

Energy

अडानी, JSW, वेदांता भी हाइड्रो पावर एसेट के लिए कड़ी बोली में शामिल! बोलियां ₹3000 करोड़ के पार!

कर्नाटक बैंक स्टॉक: क्या यह वाकई अंडरवैल्यूड है? नवीनतम मूल्यांकन और Q2 परिणाम देखें!

Banking/Finance

कर्नाटक बैंक स्टॉक: क्या यह वाकई अंडरवैल्यूड है? नवीनतम मूल्यांकन और Q2 परिणाम देखें!

यूरोप का ग्रीन टैक्स झटका: भारत के स्टील निर्यात पर संकट, मिल्स नए बाज़ारों की तलाश में!

Industrial Goods/Services

यूरोप का ग्रीन टैक्स झटका: भारत के स्टील निर्यात पर संकट, मिल्स नए बाज़ारों की तलाश में!