Zepto की स्टॉक मार्केट में एंट्री की तैयारी! यूनिकॉर्न बोर्ड ने पब्लिक कन्वर्जन को मंजूरी दी - क्या अब IPO आएगा?
Overview
क्विक कॉमर्स यूनिकॉर्न Zepto को प्राइवेट से पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदलने के लिए बोर्ड की मंजूरी मिल गई है, जो इसके इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की ओर एक अहम कदम है। सूत्रों के अनुसार, Zepto जल्द ही SEBI के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल करने की योजना बना रहा है और इसका लक्ष्य जून 2026 तक पब्लिक लिस्टिंग है। यह कदम महत्वपूर्ण राजस्व वृद्धि के बाद आया है, हालांकि घाटा अभी भी बना हुआ है, और यह तब हुआ जब Zepto ने अपना डोमिसाइल भारत में शिफ्ट किया।
Zepto की IPO योजनाओं को बोर्ड की मंजूरी से मिली रफ्तार
क्विक कॉमर्स स्टार्टअप Zepto ने सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कंपनी के बोर्ड ने कथित तौर पर इसे प्राइवेट लिमिटेड से पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदलने की मंजूरी दे दी है, जो इसके इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की यात्रा में एक बड़ा संकेत है।
IPO तैयारी में मुख्य विकास
- समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, शेयरधारकों ने 21 नवंबर को कन्वर्जन के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। हालांकि कंपनी रजिस्ट्रार की वेबसाइट पर विनियामक फाइलिंग तुरंत नहीं मिली, यह कन्वर्जन किसी भी IPO फाइलिंग से पहले एक अनिवार्य पहला कदम है।
- सूत्रों का संकेत है कि Zepto इस महीने के बाद भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल करने का इरादा रखता है।
- कंपनी कथित तौर पर जून 2026 तक सार्वजनिक लिस्टिंग का लक्ष्य बना रही है, ताकि स्टॉक एक्सचेंज पर भारत के बढ़ते हुए यूनिकॉर्न की सूची में शामिल हो सके।
विकास और वित्तीय गति
Zepto के एक प्रवक्ता ने कंपनी की मजबूत विकास गति को उजागर करते हुए कहा, "हम हर तिमाही ऑर्डर वॉल्यूम पर 20-25% बढ़ रहे हैं, और बर्न कम हो रहा है।" उन्होंने 100% से अधिक साल-दर-साल वृद्धि के लिए बेहतर पूंजी दक्षता पर जोर दिया।
- वित्त वर्ष 2025 में Zepto का राजस्व प्रभावशाली रूप से 149% बढ़कर 11,100 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष के 4,454 करोड़ रुपये से अधिक है।
- हालांकि, कंपनी ने FY24 में 1,248.64 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया, FY25 के लिए बॉटम-लाइन आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं।
फंडिंग और रणनीतिक कदम
यह संभावित IPO महत्वपूर्ण फंडिंग के बाद आया है। अक्टूबर में, Zepto ने 7 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन पर 450 मिलियन डॉलर (लगभग 3,955 करोड़ रुपये) जुटाए थे। साल की शुरुआत में, इसने मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल से 400 करोड़ रुपये (लगभग 45.7 मिलियन डॉलर) सुरक्षित किए थे।
- लिस्टिंग नियमों का पालन करने और घरेलू स्वामित्व बढ़ाने के लिए, Zepto ने इस साल की शुरुआत में अपना डोमिसाइल सिंगापुर से भारत स्थानांतरित कर दिया था।
- इसकी पंजीकृत इकाई का नाम बदलकर किरानाकॉर्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड से Zepto Pvt Ltd कर दिया गया था।
कंपनी की पृष्ठभूमि
2021 में आदित पलिचा और कैवल्य वोहरा द्वारा स्थापित, Zepto एक क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म संचालित करता है जो 10 मिनट में किराना और अन्य आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी का वादा करता है। सितंबर 2025 तक, कंपनी कथित तौर पर अपने नेटवर्क में 900 से अधिक डार्क स्टोर संचालित कर रही थी।
बाजार संदर्भ
Zepto ने पहले 2025 या 2026 की शुरुआत में IPO पर विचार किया था, लेकिन विकास, लाभप्रदता और घरेलू स्वामित्व बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए योजनाओं को टाल दिया था। यह नवीनतम कदम सार्वजनिक बाजारों के लिए नए आत्मविश्वास और तत्परता का सुझाव देता है।
प्रभाव
- Zepto का सफल IPO भारतीय एक्सचेंजों पर एक नया, उच्च-विकास वाला टेक स्टॉक ला सकता है, जो निवेशकों को बढ़ते क्विक कॉमर्स क्षेत्र में एक्सपोजर प्रदान करेगा।
- यह क्विक कॉमर्स और व्यापक ई-कॉमर्स क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ा सकता है क्योंकि कंपनी विस्तार के लिए सार्वजनिक पूंजी तक पहुंच प्राप्त करेगी।
- यह कदम भारतीय स्टार्टअप्स और टेक IPOs की क्षमता के प्रति निवेशक भावना को बढ़ावा दे सकता है।
Impact Rating: 8/10
कठिन शब्दों की व्याख्या
- यूनिकॉर्न: एक निजी स्वामित्व वाली स्टार्टअप कंपनी जिसका मूल्यांकन 1 बिलियन डॉलर से अधिक हो।
- इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO): वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक निजी कंपनी पहली बार अपने शेयर जनता को प्रदान करती है, जिससे वह सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी बन जाती है।
- पब्लिक लिमिटेड कंपनी: एक कंपनी जिसके शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर जनता के लिए व्यापार हेतु उपलब्ध होते हैं।
- प्राइवेट लिमिटेड कंपनी: एक कंपनी जिसकी स्वामित्व प्रतिबंधित होती है और शेयर जनता को पेश नहीं किए जाते हैं।
- ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP): IPO से पहले कंपनी द्वारा प्रतिभूति नियामक के पास दायर किया गया एक प्रारंभिक पंजीकरण दस्तावेज।
- SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया): भारत का प्रतिभूति बाजारों के लिए नियामक निकाय।
- ऑफर फॉर सेल (OFS): एक प्रक्रिया जिसमें मौजूदा शेयरधारक आमतौर पर IPO के दौरान नए निवेशकों को कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचते हैं।
- डार्क स्टोर्स: ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा तेजी से डिलीवरी के लिए उपयोग की जाने वाली छोटी, गोदाम जैसी सुविधाएं, जो आमतौर पर जनता के लिए खुली नहीं होती हैं।
- डोमिसाइल: एक कंपनी का कानूनी घर, आमतौर पर जहां वह पंजीकृत होती है।

