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आरबीआई की दर कटौती से बाज़ार सकते में! बैंकिंग, रियलटी स्टॉक्स में उछाल के साथ सेंसेक्स, निफ्टी में तेज़ी - आगे क्या?

Economy|5th December 2025, 8:23 AM
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AuthorSatyam Jha | Whalesbook News Team

Overview

शुक्रवार को भारतीय इक्विटी बाजारों में तेज़ उछाल आया, क्योंकि भारतीय रिज़र्व बैंक ने रेपो रेट को 25 आधार अंकों से घटाकर 5.25% कर दिया। बैंकिंग, रियलटी, ऑटो और एनबीएफसी स्टॉक्स में महत्वपूर्ण लाभ देखा गया, जबकि आईटी में भी तेज़ी आई। हालांकि, बाजार की चौड़ाई (breadth) मिश्रित रही, जिसमें गिरावट वाले शेयरों की संख्या बढ़ने वाले शेयरों से अधिक थी। भविष्य की लिक्विडिटी की स्थितियां, एफआईआई प्रवाह और वैश्विक मैक्रो रुझान प्रमुख आगामी ट्रिगर्स में शामिल हैं।

आरबीआई की दर कटौती से बाज़ार सकते में! बैंकिंग, रियलटी स्टॉक्स में उछाल के साथ सेंसेक्स, निफ्टी में तेज़ी - आगे क्या?

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भारतीय इक्विटी बाजारों ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण उछाल देखा, जिसका मुख्य कारण भारतीय रिज़र्व बैंक का रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती करके उसे 5.25% करना था। मौद्रिक नीति के इस कदम ने नए सिरे से आशावाद जगाया, जिससे कई प्रमुख क्षेत्रों में व्यापक तेज़ी आई।

आरबीआई नीतिगत कार्रवाई

  • भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी प्रमुख उधार दर, रेपो रेट, में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की, जिसे घटाकर 5.25% कर दिया गया है।
  • इस निर्णय का उद्देश्य बैंकों के लिए और परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं व व्यवसायों के लिए उधार को सस्ता बनाकर आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है।

बाज़ार प्रदर्शन

  • बेंचमार्क सेंसेक्स 482.36 अंक या 0.57% बढ़कर 85,747.68 पर बंद हुआ।
  • निफ्टी 50 इंडेक्स में भी 154.85 अंक या 0.59% की वृद्धि हुई, जो 26,188.60 पर बंद हुआ।
  • दोनों सूचकांकों ने सत्र के दौरान अपने इंट्राडे उच्च स्तर को छुआ, जो मज़बूत खरीदारी रुचि को दर्शाता है।

सेक्टर फोकस

  • वित्तीय और बैंकिंग स्टॉक्स प्रमुख लाभप्रद रहे, जिनमें सेक्टर इंडेक्स 1% से अधिक बढ़े।
  • रियलटी, ऑटो और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) स्टॉक्स में तीव्र ऊपर की ओर हलचल देखी गई।
  • सूचना प्रौद्योगिकी (IT) इंडेक्स में भी 1% की वृद्धि हुई।
  • धातु, ऑटो और तेल व गैस स्टॉक्स ने लचीलापन दिखाया।
  • इसके विपरीत, मीडिया, फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG), कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और फार्मास्युटिकल शेयरों में गिरावट आई।

बाज़ार की चौड़ाई और निवेशक भावना

  • प्रमुख सूचकांकों में लाभ के बावजूद, बाजार की चौड़ाई (market breadth) ने अंतर्निहित दबाव का संकेत दिया।
  • नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड हुए 3,033 शेयरों में से, 1,220 बढ़त पर रहे, जबकि 1,712 में गिरावट आई, जो थोड़ी नकारात्मक चौड़ाई दर्शाती है।
  • केवल 30 शेयरों ने अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर को छुआ, जबकि महत्वपूर्ण 201 शेयरों ने नए 52-सप्ताह के निम्न स्तर को हिट किया।
  • यह अंतर यह दर्शाता है कि जहाँ लार्ज-कैप शेयरों को नीति से लाभ हुआ, वहीं व्यापक बाजार की भावना सतर्क बनी रही।

मिडकैप और स्मॉलकैप की हलचल

  • मिडकैप सेगमेंट में, एम एंड एम फाइनेंशियल सर्विसेज, एसबीआई कार्ड्स, इंडस टावर्स, मैरिको और पतंजलि फूड्स प्रमुख गेनर थे।
  • हालांकि, प्रीमियर एनर्जीज, वारी एनर्जीज, आईआरईडीए, हिताची एनर्जी और मोतीलाल ओएफएस को बिकवाली के दबाव का सामना करना पड़ा।
  • स्मॉलकैप गेनर्स में एचएससीएल, वोकहार्ट, जेन टेक, पीएनबी हाउसिंग और एमसीएक्स शामिल थे।
  • कई स्मॉलकैप स्टॉक्स जैसे कायेन्स टेक्नोलॉजी, एम्बर एंटरप्राइजेज इंडिया, रेडिंग्टन इंडिया, सीएएमएस और एस्टर डीएम हेल्थकेयर ने अपने नुकसान को बढ़ाया।

आगामी ट्रिगर्स

  • निवेशकों का ध्यान प्रमुख आगामी कारकों पर बना हुआ है जो बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं।
  • इनमें बैंकिंग प्रणाली में भविष्य की लिक्विडिटी की स्थितियां, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) प्रवाह और बहिर्वाह, मुद्रा में उतार-चढ़ाव और व्यापक वैश्विक मैक्रोइकॉनॉमिक रुझान शामिल हैं।

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