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सेंसेक्स और निफ्टी सपाट, पर इसे मिस न करें! RBI कटौती के बाद IT रॉकेट्स, बैंक भी उछले!

Economy|5th December 2025, 10:12 AM
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AuthorAditi Singh | Whalesbook News Team

Overview

भारतीय इक्विटीज़ हफ्ते भर में अधिकतर सपाट रहीं, जिसमें निफ्टी आईटी इंडेक्स ने दो महीने में अपनी सबसे बड़ी साप्ताहिक बढ़त दर्ज की, जो विप्रो, टीसीएस और इंफोसिस की वजह से हुई। मिडकैप स्टॉक्स में कमजोरी देखी गई। हालांकि, शुक्रवार को बाज़ार तब तेज़ी के साथ बंद हुआ जब भारतीय रिज़र्व बैंक ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की, जिससे बैंकिंग स्टॉक्स को काफी बढ़ावा मिला और सेंसेक्स व निफ्टी ऊपर गए।

सेंसेक्स और निफ्टी सपाट, पर इसे मिस न करें! RBI कटौती के बाद IT रॉकेट्स, बैंक भी उछले!

मिश्रित क्षेत्र प्रदर्शन के बीच भारतीय इक्विटीज़ हफ्ते भर सपाट रहीं

भारतीय शेयर बाज़ारों ने हफ्ते का समापन मामूली बदलाव के साथ किया, क्योंकि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में हुई मज़बूत बढ़त ने मिडकैप स्टॉक्स में देखी गई कमजोरी को कम करने में मदद की। वित्तीय क्षेत्र का प्रदर्शन ट्रेडिंग अवधि के दौरान मिला-जुला रहा।

आईटी सेक्टर शाइन्स ब्राइट (IT Sector Shines Bright)

  • निफ्टी आईटी इंडेक्स इस हफ्ते का सबसे शानदार प्रदर्शन करने वाला इंडेक्स बनकर उभरा, जिसने लगभग दो महीनों में अपनी सबसे बड़ी साप्ताहिक बढ़त दर्ज की।
  • निफ्टी इंडेक्स के शीर्ष छह गेनर्स में से पांच आईटी क्षेत्र से थे, जिनमें विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इंफोसिस, टेक महिंद्रा और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसे प्रमुख नाम शामिल थे।
  • एचसीएल टेक्नोलॉजीज और एफसिस जैसे व्यक्तिगत आईटी स्टॉक्स ने हफ्ते के दौरान लगभग 2% की बढ़त देखी, जो लगातार तीसरे सत्र के लिए उनकी सकारात्मक गति को बढ़ा रहे थे।

मिडकैप मिक्स्ड बैग (Midcap Mixed Bag)

  • जहां व्यापक मिडकैप इंडेक्स ने हफ्ते के लिए 1% की गिरावट दर्ज की, वहीं कुछ व्यक्तिगत मिडकैप स्टॉक्स ने मज़बूती और अच्छी बढ़त दिखाई।
  • एफसिस, पीबी फिनटेक, इंडस टावर्स और बालकृष्ण इंडस्ट्रीज जैसे आउटलायर्स ने उल्लेखनीय बढ़त दर्ज की।
  • हालांकि, इंडियन बैंक, बंधन बैंक, आईआरईडीए, हुडको और डिक्सन टेक्नोलॉजीज सहित कई अन्य मिडकैप स्टॉक्स पिछड़ गए, जो इस सेगमेंट में विभाजित भावना का संकेत दे रहे थे।

आरबीआय रेट कट बूस्ट्स बैंक्स एंड फ्राइडे रैली (RBI Rate Cut Boosts Banks and Friday Rally)

  • शुक्रवार को भारतीय रिज़र्व बैंक के रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती के फैसले के बाद बाज़ार को एक महत्वपूर्ण बढ़ावा मिला।
  • इस मौद्रिक नीति कार्रवाई ने बैंकिंग स्टॉक्स में तेज़ी लाई, जिससे निफ्टी बैंक इंडेक्स 489 अंक चढ़कर 59,777 पर बंद हुआ।
  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी प्रमुख बैंकिंग संस्थाएं शुक्रवार को शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में से थीं।
  • व्यापक बाज़ार सूचकांक (indices) भी शुक्रवार को तेज़ी के साथ बंद हुए, सेंसेक्स 447 अंक बढ़कर 85,712 पर और निफ्टी 153 अंक बढ़कर 26,186 पर पहुंच गया।
  • शुक्रवार की बढ़त में श्रीराम फाइनेंस, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बजाज फाइनेंस जैसी कंपनियों ने नेतृत्व किया।

मार्केट ब्रेथ सिग्नल्स कॉशन (Market Breadth Signals Caution)

  • शुक्रवार की सकारात्मक क्लोजिंग और प्रमुख सूचकांकों में बढ़त के बावजूद, बाज़ार की चौड़ाई (market breadth) गिरावट के पक्ष में रही।
  • एनएसई एडवांस-डिक्लाइन रेशियो 2:3 रहा, जो दर्शाता है कि एक्सचेंज पर गिरने वाले स्टॉक्स की संख्या बढ़ने वाले स्टॉक्स से ज़्यादा थी, जिससे अंतर्निहित सावधानी का संकेत मिलता है।

इंडिविजुअल स्टॉक मूवर्स (Individual Stock Movers)

  • काइन्स टेक्नोलॉजी में असंगत खुलासों (inconsistent disclosures) से जुड़ी चिंताओं के कारण लगभग 13% की गिरावट आई।
  • आईटीसी होटल्स के शेयरों में ₹3,856 करोड़ के एक बड़े ब्लॉक डील के बाद लगभग 1% की गिरावट आई।
  • इंडिगो सत्र के निचले स्तरों से सुधरने के बाद भी कम पर बंद हुआ, यह तब हुआ जब विमानन नियामकों ने पायलटों के लिए FDTL मानदंडों में ढील दी।
  • डायमंड पावर को अडानी ग्रीन एनर्जी से ₹747 करोड़ का ऑर्डर मिलने के बाद 2% की बढ़त दर्ज की गई।
  • डेल्टा कॉर्प ने प्रमोटरों द्वारा ब्लॉक डील के ज़रिए 14 लाख शेयर खरीदने के बाद 2% से ज़्यादा की बढ़त हासिल की।
  • श्याम मेटालिक्स ने अपने नवंबर के बिज़नेस अपडेट के बाद इंट्राडे निम्नतम स्तरों से 2% से ज़्यादा की बढ़त दर्ज की।

इम्पैक्ट (Impact)

  • भारतीय रिज़र्व बैंक की रेपो रेट में कटौती से व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए उधार लेने की लागत कम होने की उम्मीद है, जिससे संभावित रूप से आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा और इक्विटी में निवेशक भावना में सुधार होगा।
  • इस विकास से क्रेडिट की मांग बढ़ सकती है और खपत व निवेश को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में कॉर्पोरेट आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
  • आईटी क्षेत्र का मज़बूत प्रदर्शन वैश्विक मांग और डिजिटल परिवर्तन के रुझानों से प्रेरित होकर इसकी मज़बूती और विकास की संभावनाओं को रेखांकित करता है।
  • मिडकैप स्टॉक्स के मिश्रित प्रदर्शन से पता चलता है कि जहां कुछ कंपनियां विकास के लिए अच्छी स्थिति में हैं, वहीं अन्य को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है या उन्हें विशिष्ट उत्प्रेरकों की आवश्यकता हो सकती है।
  • प्रभाव रेटिंग: 7/10

कठिन शब्दों की व्याख्या (Difficult Terms Explained)

  • सेंसेक्स: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध 30 स्थापित, लार्ज-कैप कंपनियों का एक बेंचमार्क स्टॉक मार्केट इंडेक्स, जो भारतीय शेयर बाज़ार के समग्र स्वास्थ्य का प्रतिनिधित्व करता है।
  • निफ्टी: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क इंडेक्स, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों की 50 सबसे बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं, जो भारतीय इक्विटी बाज़ार के प्रदर्शन का एक प्रमुख संकेतक है।
  • रेपो रेट: वह ब्याज दर जिस पर भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक धनराशि उधार देता है, आमतौर पर सरकारी प्रतिभूतियों के बदले में। रेपो रेट में कमी उधार लेने की लागत को कम करने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक उपकरण है।
  • मिडकैप स्टॉक्स: बाजार पूंजीकरण के मामले में लार्ज-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों के बीच आने वाली कंपनियों के स्टॉक्स। इनमें अक्सर लार्ज-कैप से ज़्यादा विकास की क्षमता देखी जाती है, लेकिन जोखिम भी अधिक होता है।
  • मार्केट ब्रेथ (Market Breadth): एक तकनीकी विश्लेषण उपकरण जो किसी दिए गए ट्रेडिंग दिन पर बढ़त बनाने वाले स्टॉक्स की संख्या की तुलना गिरावट वाले स्टॉक्स की संख्या से करता है। एक सकारात्मक चौड़ाई (अधिक गेनर) एक मज़बूत बाज़ार रैली का संकेत देती है, जबकि एक नकारात्मक चौड़ाई (अधिक लूज़र) अंतर्निहित कमजोरी का सुझाव देती है।
  • ब्लॉक डील: बड़ी मात्रा में प्रतिभूतियों का एक लेनदेन, जिसमें आमतौर पर संस्थागत निवेशक शामिल होते हैं, जो नियमित स्टॉक एक्सचेंज ऑर्डर बुक के बाहर दो पक्षों के बीच पूर्व-निर्धारित मूल्य पर होता है।
  • FDTL नॉर्म्स: फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन्स (Flight Duty Time Limitations)। ये ऐसे नियम हैं जो सुरक्षा सुनिश्चित करने और थकान को रोकने के लिए पायलटों द्वारा उड़ान भरने और ड्यूटी पर रहने के अधिकतम घंटों को नियंत्रित करते हैं।
  • एडवांस-डिक्लाइन रेशियो: एक मार्केट ब्रेथ इंडिकेटर जो किसी दिए गए ट्रेडिंग दिन पर बढ़त बनाने वाले स्टॉक्स की संख्या का गिरावट वाले स्टॉक्स की संख्या से अनुपात दिखाता है। 1 से अधिक का अनुपात अधिक गेनर दर्शाता है, जबकि 1 से कम का अनुपात अधिक लूज़र दर्शाता है।

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