पेमेंट्स दिग्गज वीज़ा अगले साल की शुरुआत तक एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 'एजेंटिक कॉमर्स' के लिए पायलट प्रोग्राम लॉन्च करने की योजना बना रहा है। यह खरीदारी का एक नया रूप है जहाँ AI-संचालित एजेंट उपयोगकर्ताओं की ओर से खरीदारी और भुगतान करते हैं। वीज़ा की इस पहल में इसका वीज़ा इंटेलिजेंट कॉमर्स (VIC) प्रोग्राम भी शामिल है, जो टोकनाइजेशन और एडवांस्ड ऑथेंटिकेशन जैसी सुरक्षा सुविधाओं को एकीकृत करता है। भारत में, लॉन्च भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से आवश्यक नियामक अनुमोदन प्राप्त करने पर निर्भर करेगा। वीज़ा के एशिया-प्रशांत के लिए उत्पाद और समाधान प्रमुख, टी. आर. रामचंद्रन ने भारत की तीव्र ई-कॉमर्स वृद्धि और इस उन्नत तकनीक के जिम्मेदार, नियंत्रित रोलआउट की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
वीज़ा अगले साल की शुरुआत तक एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एजेंटिक कॉमर्स के पायलट परीक्षण शुरू करने के लिए तैयार है। एजेंटिक कॉमर्स ऑनलाइन लेनदेन में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है, जहाँ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एजेंट उपभोक्ताओं की ओर से स्वायत्त रूप से खरीदारी और भुगतान निष्पादित करेंगे।
वीज़ा की रणनीति उसके वीज़ा इंटेलिजेंट कॉमर्स (VIC) प्रोग्राम पर आधारित है, जो सुरक्षित और कुशल संचालन सुनिश्चित करने के लिए टोकनाइजेशन, ऑथेंटिकेशन प्रोटोकॉल, भुगतान निर्देश और लेनदेन डेटा सिग्नल जैसी महत्वपूर्ण कार्यात्मकताओं को बंडल करता है।
भारत के लिए, VIC का परिचय भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से आवश्यक नियामक अनुमतियाँ प्राप्त करने के बाद ही नियोजित है। वीज़ा के एशिया-प्रशांत के लिए उत्पाद और समाधान प्रमुख, टी. आर. रामचंद्रन ने कहा कि भारत का मौजूदा नियामक ढांचा, जिसमें टोकनाइजेशन और RBI के नए ऑथेंटिकेशन दिशानिर्देश शामिल हैं, एजेंटिक कॉमर्स के लिए अनुकूल है। वीज़ा सभी आवश्यक अनुमतियों के साथ एक जिम्मेदार परिनियोजन सुनिश्चित करने के लिए RBI को अपनी तकनीक प्रस्तुत करने का इरादा रखता है।
रामचंद्रन ने ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स में भारत की प्रभावशाली वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि पर जोर दिया, और कहा कि ऑनलाइन शॉपिंग बड़े महानगरीय क्षेत्रों से परे भी फैल रही है। उन्होंने अनुमान लगाया कि लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) की तीव्र प्रगति ऑनलाइन खुदरा को और तेज करेगी। वीज़ा दुरुपयोग को रोकने के लिए मजबूत गार्डरेल्स, नियंत्रण और बाधाओं के साथ एजेंटिक कॉमर्स को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसके अतिरिक्त, वीज़ा धोखाधड़ी के खिलाफ भारत की वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को सक्रिय रूप से मजबूत कर रहा है। कंपनी ने 'वीज़ा एडवांस्ड ऑथराइजेशन' और 'वीज़ा रिस्क मैनेजर' सहित AI-संचालित जोखिम प्रबंधन समाधान तैनात किए हैं, जिन्हें अधिकांश बैंकिंग भागीदारों और फिनटेक फर्मों के साथ एकीकृत किया गया है। ये उपकरण वास्तविक समय में धोखाधड़ी का पता लगाने की क्षमताओं को बढ़ाते हैं और समग्र पारिस्थितिकी तंत्र लचीलापन को मजबूत करते हैं।
प्रभाव:
यह विकास स्वचालित वाणिज्य की ओर एक बड़ा कदम है, जो अधिक सुविधा और वैयक्तिकरण प्रदान करके ऑनलाइन शॉपिंग में क्रांति ला सकता है। इससे लेनदेन की मात्रा बढ़ सकती है और भुगतान प्रौद्योगिकियों में और नवाचार हो सकता है, जो उपभोक्ता व्यवहार और ई-कॉमर्स रणनीतियों को प्रभावित करेगा। नियामक अनुमोदन और AI-संचालित सुरक्षा पर जोर डिजिटल लेनदेन में विश्वास और सुरक्षा के बढ़ते महत्व को भी उजागर करता है। रेटिंग: 7/10।
कठिन शब्द:
एजेंटिक कॉमर्स: एक नया युग जहाँ AI-संचालित डिजिटल सहायक (एजेंट) उपयोगकर्ताओं की ओर से खरीदारी और भुगतान कार्य करते हैं।
टोकेनाइजेशन: एक सुरक्षा प्रक्रिया जो संवेदनशील भुगतान कार्ड डेटा को एक अद्वितीय, गैर-संवेदनशील पहचानकर्ता (टोकन) से बदल देती है ताकि लेनदेन के दौरान जानकारी की सुरक्षा की जा सके।
ऑथेंटिकेशन: किसी उपयोगकर्ता या डिवाइस की पहचान सत्यापित करने की प्रक्रिया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पहुंच प्रदान करने या लेनदेन पूरा करने से पहले वह वैध है।
LLMs (लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स): उन्नत AI प्रोग्राम जो मानव-जैसी टेक्स्ट को समझने और उत्पन्न करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण और सामग्री निर्माण जैसे कार्य कर सकते हैं।
ई-कॉमर्स: इंटरनेट का उपयोग करके वस्तुओं और सेवाओं की खरीद और बिक्री।
क्विक कॉमर्स: ई-कॉमर्स का एक उपसमूह जो वस्तुओं की अत्यंत तेज़ डिलीवरी पर केंद्रित है, अक्सर मिनटों से लेकर कुछ घंटों के भीतर।
फिनटेक: फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी का संक्षिप्त रूप; ऐसी कंपनियाँ जो अभिनव वित्तीय सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करती हैं।
RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक): भारत का केंद्रीय बैंक, जो देश की बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार है।