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Updated on 05 Nov 2025, 02:17 am
Reviewed By
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team
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प्यू रिसर्च सेंटर के एक हालिया सर्वेक्षण ने भारतीयों के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जागरूकता में एक महत्वपूर्ण अंतर को उजागर किया है, जिसमें केवल 46% ने इसके बारे में सुना है, जिससे भारत वैश्विक मध्यिका से नीचे आ गया है। यह कम जागरूकता शीघ्र AI शिक्षा के महत्व पर राष्ट्रीय चर्चा को प्रेरित करती है। भारतीय सरकार कक्षा III से ही पाठ्यक्रम में AI अवधारणाओं को पेश करने पर विचार कर रही है। लक्ष्य बच्चों को AI क्या है, यह उनके जीवन को कैसे प्रभावित करता है, और केवल तकनीकी प्रोग्रामिंग पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय इसके परिणामों का आलोचनात्मक मूल्यांकन करने की आवश्यकता की एक मूलभूत समझ से लैस करना है।
हालांकि, राष्ट्रव्यापी AI पाठ्यक्रम को लागू करने में महत्वपूर्ण बाधाएं हैं। आलोचक भारत में लगातार मौजूद डिजिटल विभाजन की ओर इशारा करते हैं, जहाँ कई स्कूलों में अभी भी बिजली और कंप्यूटर जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। युवा छात्रों से व्यावहारिक उपकरणों के बिना AI को समझने की उम्मीद करना एक "शहरी कल्पना" मानी जाती है। इसके अलावा, कई शिक्षकों के पास AI अवधारणाओं को प्रभावी ढंग से पढ़ाने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण नहीं है, कुछ तो एक साथ कई कक्षाओं का प्रबंधन भी करते हैं।
Impact: AI शिक्षा की ओर यह रणनीतिक कदम उभरती प्रौद्योगिकियों में कुशल भविष्य की कार्यबल को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है, जिससे नवाचार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है। यह भारत में एडटेक समाधानों, AI सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, और डिजिटल बुनियादी ढांचा प्रदाताओं की मांग को बढ़ा सकता है। AI विकास, शैक्षिक प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर हार्डवेयर में शामिल कंपनियों को बढ़ी हुई अवसर मिल सकते हैं यदि पहल को सफलतापूर्वक लागू किया जाता है। हालांकि, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचागत और प्रशिक्षण संबंधी चुनौतियां इच्छित प्रभाव में देरी या उसे कमजोर कर सकती हैं, जिससे तकनीकी अपनाने की गति और प्रतिभा विकास प्रभावित होगा। Rating: 6/10
Heading: Kathin Shabd * Artificial Intelligence (AI): Computer vigyan ka ek kshetr jo aise system banane par kendrit hai jo aam taur par manav buddhi ki avashyakta wale karya kar sakte hain, jaise ki seekhna, samasya-samadhan aur nirnay lena. * Digital Divide: Jin logon ke paas aadhunik soochana aur sanchar praudyogiki (jaise computer aur internet) tak pahunch hai aur jinake paas nahin hai, unake beech ka antar. * Pew Research Center: Ek gair-paksapati American think tank jo lokmat polling, samajik vigyan anusandhan aur janasankhyiki vishleshan karta hai.