कोर्ट का मारुति सुजुकी को झटका: वारंटी अवधि में कार की खराबी के लिए अब निर्माता भी समान रूप से उत्तरदायी!
Overview
उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी जीत, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि वाहन निर्माता और उनके डीलर वारंटी अवधि के भीतर बताई गई किसी भी खराबी के लिए संयुक्त और पृथक रूप से उत्तरदायी होंगे। इस ऐतिहासिक निर्णय का मतलब है कि मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड वारंटी के दौरान उत्पन्न होने वाले मुद्दों के लिए जिम्मेदारी से बच नहीं सकती, जिससे बड़ी ऑटो कंपनियों के खिलाफ उपभोक्ता अधिकारों को मजबूती मिलती है।
Stocks Mentioned
जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है जिसमें कहा गया है कि वाहन निर्माता और उनके अधिकृत डीलर, दोनों ही वारंटी अवधि के दौरान रिपोर्ट की गई किसी भी खराबी के लिए संयुक्त और पृथक रूप से उत्तरदायी होंगे। यह निर्णय उपभोक्ता अधिकारों को मजबूत करता है और ऑटोमोटिव बिक्री और सेवा श्रृंखला के भीतर जिम्मेदारियों को स्पष्ट करता है।
Background Details
- मोहम्मद अशरफ खान ने मई 2007 में मारुति सुजुकी एसएक्स-4 मॉडल खरीदा था।
- खरीद के तुरंत बाद, वाहन में लगातार कंपन (vibration) की समस्याएँ आने लगीं, खासकर पहले और रिवर्स गियर में।
- वारंटी के तहत अधिकृत डीलर के पास बार-बार जाने और निरीक्षण के बावजूद, खराबी को ठीक नहीं किया गया।
- वाहन कार्यशाला (workshop) में लंबे समय तक रहा, जिससे ग्राहक ने उपभोक्ता शिकायत दर्ज की।
Key Numbers or Data
- वाहन खरीद तिथि: मई 2007
- उपभोक्ता आयोग का आदेश: 2015
- वापसी राशि का आदेश: ₹7 लाख
- मुकदमेबाजी खर्च का आदेश: ₹5,000
- उच्च न्यायालय के फैसले की तारीख: 27 नवंबर
- अपील दायर की गई: मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड द्वारा
Court's Ruling on Liability
- जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालय ने माना कि वाहन निर्माता और उनके अधिकृत डीलर वारंटी अवधि में रिपोर्ट की गई खराबी के लिए संयुक्त और पृथक रूप से उत्तरदायी हैं।
- वाहन वारंटी को उपभोक्ता, डीलर और निर्माता को जोड़ने वाले एक बाध्यकारी समझौते के रूप में माना जाता है।
- निर्माता दोषारोपण को डीलरों पर डालकर या प्रक्रियात्मक देरी का हवाला देकर जिम्मेदारी से नहीं बच सकते।
Maruti Suzuki's Appeal
- मारुति सुजुकी ने उपभोक्ता आयोग के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी।
- कंपनी ने तर्क दिया कि आयोग के पास उचित विशेषज्ञ साक्ष्य का अभाव था।
- मारुति सुजुकी ने यह भी दावा किया कि उसे उपभोक्ता मामले में देर से चरण में शामिल किया गया था।
- कंपनी ने दावा किया कि उसके इंजीनियरों की रिपोर्ट ने वाहन को सड़क-योग्य (roadworthy) पुष्टि किया था।
High Court's Decision
- उच्च न्यायालय ने मारुति सुजुकी के तर्कों को खारिज कर दिया और अपील को खारिज कर दिया।
- न्यायालय ने सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रधानाचार्य की विशेषज्ञ रिपोर्ट पर भरोसा किया, जिसमें खराबी की पुष्टि की गई थी और इसे निर्माण (manufacturing) समस्या बताया गया था।
- न्यायालय ने पाया कि मारुति सुजुकी के पास प्रति-सबूत (counter-evidence) प्रस्तुत करने का पर्याप्त अवसर था, लेकिन उसने ऐसा पर्याप्त रूप से नहीं किया।
- इस फैसले ने उपभोक्ता आयोग के निर्णय की पुष्टि की, जिसमें मारुति सुजुकी को उसके डीलर के साथ उत्तरदायी ठहराया गया।
Importance of the Event
- यह निर्णय भारत में ऑटोमोटिव क्षेत्र में उपभोक्ता संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम करता है।
- यह इस बात की पुष्टि करता है कि निर्माता वारंटी के तहत आने वाली खराबी के लिए अपनी जिम्मेदारी से खुद को मुक्त नहीं कर सकते।
- इस निर्णय से ऑटो कंपनियों द्वारा निर्माण प्रक्रियाओं और गुणवत्ता नियंत्रण (quality control) की बढ़ी हुई जाँच हो सकती है।
Investor Sentiment
- इस फैसले से भारत में काम करने वाले वाहन निर्माताओं के लिए वारंटी-संबंधित लागतें बढ़ सकती हैं।
- निवेशक ऑटो कंपनियों की संभावित देनदारियों (liabilities) का पुनर्मूल्यांकन कर सकते हैं, जो संभावित रूप से स्टॉक मूल्यांकन (stock valuations) को प्रभावित कर सकता है।
- कंपनियों को उत्पाद की गुणवत्ता और कुशल वारंटी सेवा सुनिश्चित करने के लिए अधिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
Impact
- इस अदालत के फैसले का भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग पर व्यापक प्रभाव पड़ने की संभावना है, जिससे वाहन खराबी के लिए निर्माताओं की कानूनी जवाबदेही बढ़ जाएगी। उपभोक्ताओं को वारंटी अवधि के दौरान उत्पन्न होने वाले मुद्दों के लिए डीलर और निर्माता दोनों के खिलाफ अधिक मजबूत उपाय मिलेंगे। इससे ऑटोमोटिव कंपनियों द्वारा गुणवत्ता नियंत्रण और ग्राहक सेवा में सुधार हो सकता है।
- Impact Rating: 7/10
Difficult Terms Explained
- Warranty Period (वारंटी अवधि): निर्माता द्वारा निर्दिष्ट अवधि जिसके दौरान वे किसी उत्पाद के खराब हिस्सों की मरम्मत या उसे मुफ्त में बदलने का वादा करते हैं।
- Jointly and Severally Liable (संयुक्त और पृथक रूप से उत्तरदायी): एक कानूनी शब्द जिसका अर्थ है कि कई पक्षों को समान ऋण या क्षति के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। एक वादी क्षति की पूरी राशि के लिए किसी भी एक पक्ष, कुछ पक्षों या सभी पक्षों से वसूल कर सकता है।
- Deficiency in Service (सेवा में कमी): अनुबंध या अपेक्षित मानकों के अनुसार सेवा प्रदान करने में विफलता या सेवा में कोई दोष।
- Consumer Complaint (उपभोक्ता शिकायत): एक उपभोक्ता द्वारा उपभोक्ता फोरम या आयोग के साथ दर्ज की गई एक औपचारिक शिकायत, जिसमें सेवा में कमी या माल में खराबी का आरोप लगाया गया हो।
- Appeal (अपील): उच्च न्यायालय से किया गया एक अनुरोध, जिसमें निचली अदालत द्वारा दिए गए निर्णय की समीक्षा और परिवर्तन का आग्रह किया जाता है।

