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Updated on 05 Nov 2025, 05:27 am
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की वैश्विक दौड़ AI इंफ्रास्ट्रक्चर, विशेष रूप से डेटा सेंटर की मांग को बढ़ा रही है। $254.5 बिलियन मूल्य का AI बाज़ार, अगले पांच वर्षों में $1.68 ट्रिलियन तक पहुँचने का अनुमान है। इसमें, AI डेटा सेंटर $17.73 बिलियन का अवसर प्रस्तुत करते हैं, जो सालाना लगभग 27% की दर से बढ़ रहा है। भारत इस वृद्धि में सबसे आगे है, जहाँ डेवलपर्स की एक तेजी से बढ़ती आबादी है और दुनिया का 16% AI टैलेंट यहीं है। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और अमेज़ॅन जैसी वैश्विक टेक दिग्गज स्थानीय मांग और 'ग्लोबल साउथ' को पूरा करने के लिए भारत में अपने डेटा सेंटर फुटप्रिंट का विस्तार कर रही हैं। इनके साथ योटा इंफ्रास्ट्रक्चर सॉल्यूशंस, अडानीकॉनएक्स, रिलायंस और हिरा नंदानी ग्रुप जैसी स्वदेशी कंपनियाँ भी भारत को एक रणनीतिक AI इंफ्रास्ट्रक्चर हब के रूप में स्थापित करने के लिए भारी निवेश कर रही हैं। भारत के AI परिदृश्य के 2030 तक दस गुना से अधिक बढ़कर $17 बिलियन तक पहुँचने की उम्मीद है। देश की परिचालन डेटा सेंटर क्षमता 2027 तक दोगुनी और 2030 तक पाँच गुना होने का अनुमान है, जिसके लिए अनुमानित $30 बिलियन से $45 बिलियन के पूंजीगत व्यय (CapEx) की आवश्यकता होगी। इस विस्तार के लिए 2030 तक अतिरिक्त 45-50 मिलियन वर्ग फुट रियल एस्टेट और 50 टेरावाट घंटे (TWH) से अधिक अतिरिक्त बिजली की आवश्यकता होगी, जो बिजली की मांग में तीन गुना वृद्धि है। यह बिजली वितरकों और उपयोगिताओं के लिए अवसर पैदा करता है। को-लोकेशन डेटा सेंटर और उभरते 'GPU-एज़-ए-सर्विस' (GPU-as-a-Service) मॉडल में भी वृद्धि देखी जा रही है, जो संगठनों को क्लाउड के माध्यम से शक्तिशाली ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPUs) तक पहुँचने की सुविधा देता है। प्रमुख निवेश पहले से ही चल रहे हैं: गूगल, अडानीकॉनएक्स और एयरटेल के साथ विशाखापत्तनम में $15 बिलियन की AI और डेटा सेंटर परियोजना की योजना बना रहा है। OpenAI भी अपनी '$500 बिलियन स्टारगेट' परियोजना के हिस्से के रूप में कम से कम 1 GW क्षमता वाले डेटा सेंटर पर विचार कर रहा है। माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में अपनी एज़्योर क्लाउड और AI क्षमता का विस्तार करने के लिए $3 बिलियन के निवेश की घोषणा की है।
Impact इस खबर का भारत के प्रौद्योगिकी, रियल एस्टेट और ऊर्जा क्षेत्रों पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। डेटा सेंटर विकास, निर्माण, बिजली उत्पादन और संबंधित सेवाओं में शामिल कंपनियाँ पर्याप्त वृद्धि के लिए तैयार हैं। यह भारत की वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थिति को मजबूत करता है। टेक क्षेत्र में रोजगार सृजन की काफी संभावना है, हालांकि AI-संचालित नौकरी विस्थापन और डेटा केंद्रों के पर्यावरणीय पदचिह्न, विशेष रूप से बिजली की खपत और पानी के उपयोग के संबंध में चिंताएँ भी हैं।