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Updated on 08 Nov 2025, 10:35 am
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
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भारत के डेटा सेंटर उद्योग में भारी विस्तार का अनुमान है, जिसका लक्ष्य 2030 तक कुल क्षमता को पांच गुना बढ़ाकर 8 गीगावाट (Gigawatt) करना है। इस विकास को $30 बिलियन के अनुमानित निवेश का समर्थन प्राप्त है। इस विस्तार को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारकों में डेटा की बढ़ती मांग, क्लाउड सेवाओं का व्यापक रूप से अपनाया जाना, भारत के भीतर डेटा स्थानीयकरण (data localization) के लिए नियामक आदेश, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अनुप्रयोगों का बढ़ता उपयोग शामिल है। इस महत्वपूर्ण निवेश से डेटा सेंटर लीजिंग राजस्व (leasing revenues) में पांच गुना वृद्धि होने की उम्मीद है, जो 2030 तक लगभग $8 बिलियन तक पहुंच जाएगा। क्षेत्र वर्तमान में बहुत अधिक मांग का अनुभव कर रहा है, लगभग पूरी क्षमता पर काम कर रहा है और अधिभोग दर (occupancy rates) औसतन 97 प्रतिशत है। को-लोकेशन क्षमता (Colocation capacity), जहां व्यवसाय बुनियादी ढांचे को किराए पर लेते हैं, पहले से ही पांच गुना बढ़कर 1.7 गीगावाट (Gigawatt) हो गई है। मुंबई और चेन्नई प्राथमिक केंद्र हैं, जो कुल स्थापित क्षमता का लगभग 70 प्रतिशत हैं, जिसमें मुंबई अकेले लगभग आधा हिस्सा रखता है क्योंकि यह अंडरसी केबल लैंडिंग स्टेशनों (undersea cable landing stations) के करीब है और वित्तीय सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण है। 2030 तक, भारती एयरटेल लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (अदानीकॉननेक्स (AdaniConneX) के माध्यम से) भारत की डेटा सेंटर क्षमता का 35-40 प्रतिशत नियंत्रित करने की उम्मीद है। अदानीकॉननेक्स (AdaniConneX) और रिलायंस नई क्षमता वृद्धि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि AI सर्वर काफी अधिक बिजली की खपत करते हैं और उन्नत लिक्विड कूलिंग सिस्टम (liquid cooling systems) की आवश्यकता होती है, जिससे भविष्य की मांग तेज हो जाती है। डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 (Digital Personal Data Protection Act, 2023), जैसे नियामक विकास, और भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के डेटा स्थानीयकरण दिशानिर्देश (data localization guidelines) भी कंपनियों को भारत के भीतर डेटा संग्रहीत करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। $30 बिलियन के पूंजीगत व्यय (capital expenditure) से विभिन्न उप-क्षेत्रों में अवसर पैदा होने की उम्मीद है, जिनमें इलेक्ट्रिकल और पावर सिस्टम ($10 बिलियन), रैक और फिट-आउट ($7 बिलियन), रियल एस्टेट ($6 बिलियन), कूलिंग सिस्टम ($4 बिलियन), और नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर ($1 बिलियन) शामिल हैं। प्रभाव: यह खबर भारतीय शेयर बाजार के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जो प्रौद्योगिकी अवसंरचना क्षेत्र (technology infrastructure sector) में महत्वपूर्ण विकास के अवसरों का संकेत देती है। यह AI तैयारी (AI readiness), क्लाउड कंप्यूटिंग (cloud computing), और डिजिटल संप्रभुता (digital sovereignty) जैसे प्रमुख निवेश विषयों (investment themes) पर प्रकाश डालती है, जो डेटा सेंटर और संबंधित बुनियादी ढांचे में शामिल सूचीबद्ध कंपनियों के मूल्यांकन (valuations) और विकास की संभावनाओं को बढ़ावा दे सकता है। प्रभाव रेटिंग: 9/10।