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Updated on 14th November 2025, 4:41 AM
Author
Simar Singh | Whalesbook News Team
कर्नाटक की ड्राफ्ट आईटी पॉलिसी 2025-30 का लक्ष्य बेंगलुरु के बाहर टेक ग्रोथ को बढ़ावा देना है। टियर II और टियर III शहरों में स्थापित होने वाली कंपनियों को किराया (50% तक), प्रॉपर्टी टैक्स (30%), बिजली शुल्क (100% छूट), और टेलीकॉम/इंटरनेट शुल्क (25%) में महत्वपूर्ण लागत प्रोत्साहन (cost incentives) मिलेंगे। इसका उद्देश्य बेंगलुरु पर बुनियादी ढांचे का दबाव कम करना और व्यापक प्रतिभा पूल का लाभ उठाना है।
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कर्नाटक ने अपनी ड्राफ्ट आईटी पॉलिसी 2025-30 पेश की है, जिसे राजधानी बेंगलुरु से परे प्रौद्योगिकी निवेशों को विकेंद्रीकृत करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह नीति मैसूरु, मंगलुरु और हुबली-धारवाड़ जैसे टियर II और टियर III शहरों में सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और IT-सक्षम सेवाओं (ITES) कंपनियों के लिए परिचालन स्थापित करने हेतु महत्वपूर्ण लागत-कटौती प्रोत्साहन (cost-reduction incentives) प्रदान करती है।
मुख्य प्रोत्साहनों में ₹2 करोड़ तक के किराए पर 50% की प्रतिपूर्ति (reimbursement), तीन साल के लिए 30% प्रॉपर्टी टैक्स प्रतिपूर्ति, और पांच साल के लिए बिजली शुल्क पर 100% की पूर्ण छूट शामिल है। इसके अतिरिक्त, कंपनियां टेलीकॉम और इंटरनेट खर्चों पर ₹12 लाख तक की सीमा के साथ 25% प्रतिपूर्ति का दावा कर सकती हैं, जो विशेष रूप से छोटी और मध्यम आकार की फर्मों का समर्थन करने के लिए एक अनूठा लाभ है। पांच वर्षों में कुल नीति परिव्यय (total policy outlay) ₹445 करोड़ है, जिसमें से ₹345 करोड़ राजकोषीय प्रोत्साहनों (fiscal incentives) के लिए आवंटित किए गए हैं।
इस पहल का उद्देश्य बेंगलुरु की उच्च मांग के कारण सामना की जा रही गंभीर बुनियादी ढांचा चुनौतियों का समाधान करना और अन्य शहरों में उपलब्ध प्रतिभा का लाभ उठाना है। यह पिछली आईटी नीतियों से एक महत्वपूर्ण प्रस्थान है जो भारी रूप से बेंगलुरु पर केंद्रित थीं। नीति पूरे राज्य में हायरिंग सपोर्ट, इंटर्नशिप प्रतिपूर्ति, प्रतिभा स्थानांतरण सहायता और आर एंड डी प्रोत्साहन भी प्रदान करती है। प्रस्तावों को अनुमोदन के लिए राज्य मंत्रिमंडल में प्रस्तुत किया जाएगा।
प्रभाव इस नीति से कर्नाटक के छोटे शहरों में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने, नए रोजगार के अवसर पैदा होने और राज्य के आईटी परिदृश्य में विविधता आने की उम्मीद है। इससे उभरते हुए टेक हब में निवेश भी बढ़ सकता है, जिससे सहायक व्यवसायों और बुनियादी ढांचे के विकास को लाभ होगा।