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Updated on 11 Nov 2025, 04:21 pm
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
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फिनटेक फर्म पाइन लैब्स ने अपना ₹3,900 करोड़ का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) पूरा कर लिया है, जिसमें मुख्य रूप से संस्थागत निवेशकों की ओर से भारी मांग देखी गई। बोली बंद होने तक यह इश्यू कुल 2.5 गुना सब्सक्राइब हुआ। क्वालीफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) का हिस्सा विशेष रूप से मजबूत रहा, जिसे लगभग 4 गुना सब्सक्राइब किया गया, जो बड़े वित्तीय संस्थानों के महत्वपूर्ण विश्वास को दर्शाता है। हालांकि, खुदरा निवेशकों की भागीदारी अधिक धीमी रही, खुदरा श्रेणी केवल 1.2 गुना सब्सक्राइब हुई। नॉन-इंस्टीट्यूशनल निवेशकों ने अपने आवंटन का लगभग 0.3 गुना सब्सक्राइब किया।
इस IPO में ₹2,080 करोड़ का फ्रेश इश्यू शामिल था, जिसका उद्देश्य कंपनी के विकास को वित्तपोषित करना है, और ₹1,820 करोड़ का ऑफर फॉर सेल (OFS) था, जो मौजूदा शेयरधारकों को अपनी हिस्सेदारी बेचने की अनुमति देता है। शेयर के ऊपरी मूल्य बैंड ₹221 पर, पाइन लैब्स ने लगभग ₹25,377 करोड़ (लगभग $2.9 बिलियन) का मूल्यांकन हासिल किया।
संस्थागत समर्थन इतना मजबूत होने के बावजूद, खुदरा भागीदारी कंपनी के मूल्यांकन और उसके वित्तीय प्रदर्शन से संबंधित चिंताओं के कारण सीमित रही। पाइन लैब्स ने वित्तीय वर्ष 2025 (FY25) के लिए ₹2,274 करोड़ के राजस्व पर ₹145 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया।
1998 में स्थापित, पाइन लैब्स सीकोइया कैपिटल और टेमासेक होल्डिंग्स समर्थित एक कंपनी है जो भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में मर्चेंट भुगतान और वित्तपोषण समाधान प्रदान करती है, जिसमें पेपाल और मास्टरकार्ड जैसे प्रमुख निवेशक भी शामिल हैं।
प्रभाव यह मजबूत संस्थागत सब्सक्रिप्शन भारत के डिजिटल भुगतान क्षेत्र की क्षमता में बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। हालांकि, खुदरा प्रतिक्रिया की सावधानी नई-युग की फिनटेक फर्मों की लगातार लाभप्रदता चुनौतियों को उजागर करती है, जिन पर कंपनी के लिस्टिंग की ओर बढ़ने पर निवेशक बारीकी से नजर रखेंगे।
प्रभाव रेटिंग: 7/10
परिभाषाएँ: IPO (Initial Public Offering): वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक निजी कंपनी पहली बार जनता को शेयर पेश करती है। QIBs (Qualified Institutional Buyers): परिष्कृत संस्थागत निवेशक जैसे म्यूचुअल फंड और विदेशी संस्थागत निवेशक। Retail Investors: व्यक्तिगत निवेशक जो छोटी रकम से निवेश करते हैं। Non-Institutional Investors (NIIs): वे निवेशक जो QIBs नहीं हैं और आमतौर पर खुदरा निवेशकों से बड़ी राशि का निवेश करते हैं। Fresh Issue: जब कोई कंपनी पूंजी जुटाने के लिए नए शेयर जारी करती है। Offer for Sale (OFS): जब मौजूदा शेयरधारक अपने शेयर नए निवेशकों को बेचते हैं। Valuation: कंपनी का अनुमानित वित्तीय मूल्य। FY25: वित्तीय वर्ष 2025 (भारत में आमतौर पर 1 अप्रैल, 2024 से 31 मार्च, 2025)।