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Updated on 07 Nov 2025, 06:02 pm
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
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सीएनबीसी-टीवी18 की ग्लोबल लीडरशिप सीरीज़ 2025 में विशेषज्ञों ने भारत को वैश्विक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में पहचाना। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) के मैनेजिंग डायरेक्टर और पार्टनर, जेफ वाल्टर्स ने कहा कि भारत पहले से ही कई AI मेट्रिक्स में अग्रणी है और महत्वपूर्ण नवाचार चलाने के लिए तैयार है, खासकर जब AI विकास चीन से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने वर्तमान AI चरण को ज्ञान-आधारित कार्यों को बदलने का "अध्याय 1" बताया, जहां मानवीय सरलता आर्थिक उत्पादकता को फिर से परिभाषित करेगी।
लेखक माइकल भास्कर ने "एजेंटिक AI" – ऐसे सिस्टम जो स्वतंत्र रूप से सीख सकते हैं और निर्णय ले सकते हैं – के प्रति बढ़ती सहजता के साथ AI क्रांति के गहरे होने की ओर इशारा किया। उन्होंने भारत के पर्याप्त डेटा भंडार को एक महत्वपूर्ण संपत्ति के रूप में रेखांकित किया, जो देश को AI का बड़े पैमाने पर उपयोग करने के लिए "अविश्वसनीय रूप से अच्छी स्थिति" में रखता है। इस परिवर्तन का मूल स्वयं बुद्धि है, जिसे उन्होंने "दुनिया का वास्तुकार" कहा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत नवाचार के लिए मानव और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के भविष्य के सह-अस्तित्व को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
प्रभाव: यह खबर भारत के प्रौद्योगिकी क्षेत्र और समग्र अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव का संकेत देती है। AI नवाचार के लिए एक केंद्र बिंदु बनकर, भारत और अधिक निवेश आकर्षित कर सकता है, घरेलू तकनीकी विकास को बढ़ावा दे सकता है, और अगली पीढ़ी के AI समाधानों के विकास में संभावित रूप से नेतृत्व कर सकता है, जिससे आर्थिक उत्पादकता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। रेटिंग: 9/10.