Tech
|
Updated on 13th November 2025, 5:48 PM
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
कर्नाटक ने अपनी महत्वाकांक्षी ड्राफ्ट IT पॉलिसी 2025-30 पेश की है, जो भारत में राज्य-स्तरीय रिसर्च-लिंक्ड इंसेंटिव्स में से एक है। कंपनियां ₹50 करोड़ तक प्राप्त कर सकती हैं, जो योग्य R&D खर्च का 40% है, जो पिछली ₹1 करोड़ की सीमा से एक महत्वपूर्ण छलांग है। इस नीति का उद्देश्य AI और साइबर सुरक्षा जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में डीप इनोवेशन को बढ़ावा देना, कर्नाटक को एक वैश्विक डीप-टेक हब में बदलना और राज्य के IT क्षेत्र को सेवाओं से उत्पाद-आधारित नवाचार की ओर स्थानांतरित करना है।
▶
कर्नाटक ने 2025-30 के लिए एक दूरदर्शी ड्राफ्ट IT पॉलिसी लॉन्च की है, जिसका लक्ष्य भारत के प्रमुख डीप-टेक नवाचार केंद्र के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करना है। इस नीति का एक मुख्य आधार अभूतपूर्व रिसर्च-लिंक्ड इंसेंटिव है, जो कंपनियों को उन्नत नवाचार और R&D खर्च पर ₹50 करोड़ तक की प्रतिपूर्ति (reimbursement) प्रदान करता है। यह योग्य व्यय का 40% है, जो भारत में प्रौद्योगिकी अनुसंधान के लिए उच्चतम राज्य-स्तरीय समर्थन का प्रतिनिधित्व करता है और पिछली ₹1 करोड़ की सीमा से एक बड़ा इजाफा है। पांच वर्षों में नीति का कुल परिव्यय ₹445 करोड़ है, जिसमें से ₹125 करोड़ विशेष रूप से R&D इंसेंटिव के लिए निर्धारित हैं।
इस नीति का उद्देश्य भारत को सेवा-उन्मुख अर्थव्यवस्था से उच्च-मूल्य वाली प्रौद्योगिकी नवाचार द्वारा संचालित अर्थव्यवस्था में परिवर्तन को तेज करना है, जिससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, एक्सटेंडेड रियलिटी और ब्लॉकचेन जैसे क्षेत्रों में वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। यह सेवा-आधारित मॉडल से उत्पाद-केंद्रित नवाचार की ओर बदलाव को भी प्रोत्साहित करता है और डीप टेक स्टार्टअप्स का समर्थन करता है, जिससे उन्हें सरकारी विभागों के साथ समाधानों का पायलट करने की अनुमति मिलती है, जिसके सफल पायलटों को राज्य की मंजूरी और व्यापक रूप से अपनाने का मौका मिलता है। यह पहल ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) और इंजीनियरिंग R&D निवेशों के लिए कर्नाटक की अपील को मजबूत करती है, जो सकल राज्य मूल्य वर्धित (GSVA) में IT के योगदान को 26% से 36% तक बढ़ाने के राज्य के लक्ष्य के अनुरूप है। नीति अभी राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार कर रही है।
प्रभाव (Impact) यह नीति भारतीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देगी, नवाचार और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देगी। यह R&D निवेशों को प्रोत्साहित करेगी, जिससे टेक कंपनियों के लिए उच्च विकास होगा और महत्वपूर्ण विदेशी और घरेलू पूंजी आकर्षित होगी। डीप टेक पर ध्यान वैश्विक रुझानों के अनुरूप है, जो भारत को उन्नत प्रौद्योगिकियों में नेतृत्व के लिए स्थापित करता है। रेटिंग: 8/10
कठिन शब्दावली (Difficult Terms) डीप टेक (Deep Tech): स्टार्टअप और प्रौद्योगिकियां जो महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोज या इंजीनियरिंग नवाचार पर आधारित होती हैं, जिनमें अक्सर महत्वपूर्ण अग्रिम R&D और पूंजी की आवश्यकता होती है। उदाहरणों में AI, उन्नत सामग्री और बायोटेक्नोलॉजी शामिल हैं। R&D (Research & Development): कंपनियों द्वारा नए उत्पादों और सेवाओं का आविष्कार करने, या मौजूदा उत्पादों और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए की जाने वाली गतिविधियाँ। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs): बहुराष्ट्रीय निगमों द्वारा स्थापित ऑफशोर्ड केंद्र जो IT सेवाओं, R&D और संचालन जैसे व्यावसायिक कार्यों को करते हैं। सकल राज्य मूल्य वर्धित (GSVA): किसी विशेष राज्य में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य का एक माप, जो राज्य-स्तरीय GDP के समान है। एक्सटेंडेड रियलिटी (XR): वर्चुअल रियलिटी (VR), ऑग्मेंटेड रियलिटी (AR), और मिक्स्ड रियलिटी (MR) अनुभवों को शामिल करने वाला एक व्यापक शब्द।