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एनएसई प्रमुख आशीष चौहान: एआई तेज़ी से लोकतांत्रिक हो रहा है, भारत प्रमुख लाभार्थी बनने की राह पर

Tech

|

Updated on 08 Nov 2025, 06:38 am

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Reviewed By

Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team

Short Description:

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के एमडी और सीईओ आशीष चौहान का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक परिवर्तनकारी शक्ति है जो जीवन को फिर से परिभाषित करने और वैश्विक स्तर पर उत्पादकता बढ़ाने वाली है। वे अमेरिकी निगमों और सरकार की आलोचना करते हैं कि वे AI को एक विशिष्ट, भारी निवेश वाली दौड़ के रूप में बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे छोटे देशों को बाहर रखा जा सकता है। चौहान AI के तेजी से लोकतंत्रीकरण और प्रभावी ओपन-वेट मॉडल के उद्भव पर प्रकाश डालते हैं जो अमेरिकी प्रभुत्व को चुनौती दे रहे हैं। वे AI युग में भारत के एक महत्वपूर्ण विजेता बनने की प्रबल आशा व्यक्त करते हैं, ठीक वैसे ही जैसे इसके आईटी में सफलता मिली थी, और AI-संचालित रोबोटिक्स जैसी भविष्य की दौड़ के लिए समन्वित प्रयासों का आग्रह करते हैं।
एनएसई प्रमुख आशीष चौहान: एआई तेज़ी से लोकतांत्रिक हो रहा है, भारत प्रमुख लाभार्थी बनने की राह पर

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Detailed Coverage:

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के प्रबंध निदेशक और सीईओ आशीष चौहान ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के विकसित परिदृश्य पर एक विस्तृत दृष्टिकोण साझा किया है, इसे एक गहरा प्रभाव डालने वाली शक्ति बताया है जो मानव अस्तित्व को नया आकार देगी। उन्होंने भविष्यवाणी की है कि AI विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा, जो बिजली और दूरसंचार जैसी पिछली तकनीकी क्रांतियों के बराबर होगा।

चौहान ने प्रमुख अमेरिकी निगमों और अमेरिकी सरकार द्वारा AI के बारे में कही गई बातों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने सुझाव दिया कि अमेरिकी संस्थाओं द्वारा 'अत्यधिक महंगा हार्डवेयर, खरबों डॉलर के मॉडल' पर जोर देना 'प्रचार, विस्मय और सदमा' की रणनीति हो सकती है, जिसका उद्देश्य नियंत्रण बनाए रखना और छोटे देशों और कंपनियों को नई तकनीकों से बाहर रखना हो सकता है।

उन्होंने नोट किया कि चैटजीपीटी (ChatGPT) के लॉन्च के बाद से, विशेष रूप से अमेरिका और चीन के बीच AI को एक महाशक्ति प्रतियोगिता के रूप में चित्रित करने का एक संगठित प्रयास किया गया है, जबकि भारत जैसे देशों को उनकी आर्थिक बाधाओं के कारण पिछड़ने वाला दिखाया गया है।

हालांकि, चौहान ने तर्क दिया कि AI का क्षेत्र तेजी से लोकतांत्रिक हो रहा है, जिसमें तकनीक की लागत तेजी से घट रही है। AI विकास की गति इतनी तेज हो रही है कि कोई भी एकल इकाई इसे आसानी से नियंत्रित या अपने अधीन नहीं कर सकती। उन्होंने चीन और अन्य देशों से हाल ही में सामने आए सैकड़ों अत्यधिक प्रभावी 'ओपन-वेट AI मॉडल' का उल्लेख किया, जिनके लिए भारी कंप्यूटिंग शक्ति की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे अमेरिकी-नेतृत्व वाली AI से जुड़े 'प्रचार, सदमा और विस्मय' को चुनौती मिली है।

आगे बढ़ते हुए, चौहान ने भारत की संभावनाओं के बारे में काफी आशावाद व्यक्त किया। उनका मानना है कि भारत, जिसे मूलभूत प्रौद्योगिकियों का आविष्कार किए बिना आईटी क्रांति से लाभ हुआ था, AI युग में एक प्रमुख विजेता होगा। उन्होंने भारतीय नीति निर्माताओं, संगठनों और व्यक्तियों के लिए इस तेजी से विकसित हो रही स्थिति का लाभ उठाने के लिए सहयोग और अनुकूलन करने की आवश्यकता पर जोर दिया। चौहान ने AI के साथ रोबोटिक्स को अमेरिका और चीन के बीच अगली महत्वपूर्ण तकनीकी दौड़ के रूप में भी पहचाना, और इसके लिए तैयार रहने का आग्रह किया।

Impact: इस खबर का भारतीय शेयर बाजार पर उच्च प्रभाव है। एनएसई के प्रमुख आशीष चौहान के विचारों का महत्वपूर्ण वजन है, जो AI के वैश्विक विकास से उत्पन्न होने वाले संभावित रणनीतिक बदलावों और अवसरों का संकेत देते हैं। निवेशकों को भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियों, आईटी सेवा प्रदाताओं और AI अनुसंधान और विकास में लगी फर्मों पर बारीकी से नजर रखनी चाहिए, साथ ही उन कंपनियों पर भी जो बढ़ी हुई उत्पादकता के लिए AI को अपना सकती हैं। भारत के संभावित 'सबसे बड़े विजेता' के रूप में उल्लेख भारतीय टेक और संबंधित क्षेत्रों के लिए एक तेजी के दृष्टिकोण का सुझाव देता है। लोकतांत्रिक AI के उद्भव से छोटे भारतीय उद्यमों के बीच नवाचार को भी बढ़ावा मिल सकता है। AI द्वारा संचालित आसन्न रोबोटिक्स दौड़ आगे चलकर और भी दीर्घकालिक निवेश के अवसर प्रस्तुत करेगी।


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