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इंफोसिस ने ₹18,000 करोड़ की अब तक की सबसे बड़ी शेयर बायबैक की घोषणा की; रिकॉर्ड डेट 14 नवंबर 2025 तय

Tech

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Updated on 07 Nov 2025, 01:55 am

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Reviewed By

Aditi Singh | Whalesbook News Team

Short Description:

Infosys ने ₹18,000 करोड़ के अपने अब तक के सबसे बड़े शेयर बायबैक प्रोग्राम का ऐलान किया है। कंपनी ने इस बायबैक के लिए रिकॉर्ड डेट 14 नवंबर 2025 तय की है। शेयर ₹1,800 प्रति शेयर की दर से टेंडर ऑफर के जरिए वापस खरीदे जाएंगे, जो कि 13 नवंबर 2025 के क्लोजिंग प्राइस से 23% अधिक है। प्रमोटर्स इसमें भाग नहीं लेंगे, जिससे खुदरा निवेशकों के लिए स्वीकृति अनुपात (acceptance ratio) बढ़ सकता है।
इंफोसिस ने ₹18,000 करोड़ की अब तक की सबसे बड़ी शेयर बायबैक की घोषणा की; रिकॉर्ड डेट 14 नवंबर 2025 तय

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Stocks Mentioned:

Infosys Ltd.

Detailed Coverage:

Infosys, भारत की दूसरी सबसे बड़ी IT सेवा कंपनी, ने अपनी पांचवीं और अब तक की सबसे बड़ी शेयर बायबैक योजना की घोषणा की है, जिसका मूल्य ₹18,000 करोड़ है।

कंपनी ने इस महत्वपूर्ण बायबैक के लिए योग्य शेयरधारकों का निर्धारण करने हेतु शुक्रवार, 14 नवंबर 2025 को रिकॉर्ड डेट के रूप में नामित किया है।

बायबैक टेंडर ऑफर रूट के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें Infosys ₹1,800 प्रति शेयर की निश्चित कीमत पर शेयर वापस खरीदेगी। यह कीमत गुरुवार, 13 नवंबर 2025 को शेयर के ₹1,466.5 के क्लोजिंग प्राइस की तुलना में 23% अधिक है।

एक महत्वपूर्ण बात यह है कि Infosys के प्रमोटर्स ने पुष्टि की है कि वे इस बायबैक में भाग नहीं लेंगे। इसे अक्सर अन्य शेयरधारकों के लिए सकारात्मक रूप से देखा जाता है क्योंकि इससे उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए शेयरों के लिए स्वीकृति अनुपात (acceptance ratio) बढ़ सकता है।

जिन शेयरधारकों के नाम शुक्रवार, 14 नवंबर 2025 को व्यावसायिक घंटों के अंत तक कंपनी के सदस्य रजिस्टर में दर्ज होंगे, वे अपने शेयर टेंडर करने के पात्र होंगे।

Infosys के शेयर गुरुवार, 13 नवंबर 2025 को ₹1,466.5 पर लगभग अपरिवर्तित बंद हुए थे। शेयर पिछले महीने से सपाट (flat) रहा है और साल-दर-तारीख (year-to-date) 22% नीचे है।

"प्रभाव" (Impact) शीर्षक: यह घोषणा आम तौर पर Infosys के शेयरधारकों के लिए सकारात्मक मानी जा रही है। यह प्रीमियम मूल्य पर बाहर निकलने का एक स्पष्ट अवसर प्रदान करती है और निवेशकों को पूंजी वापस करने की कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। प्रमोटर की भागीदारी न होना एक रणनीतिक कदम है जो खुदरा निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जिससे बायबैक में उनके प्रस्तुत शेयरों की स्वीकृति की संभावना बढ़ जाती है। इस खबर से स्टॉक पर अल्पकालिक सकारात्मक भावना (short-term positive sentiment) आ सकती है। रेटिंग: 8/10

"कठिन शर्तें" (Difficult Terms) शीर्षक: शेयर बायबैक (Share Buyback): एक कॉर्पोरेट कार्रवाई जिसमें एक कंपनी बाजार से अपने बकाया शेयरों को वापस खरीदती है। यह बकाया शेयरों की संख्या को कम करता है, जिससे प्रति शेयर आय (earnings per share) बढ़ सकती है और शेयरधारकों को पूंजी वापस मिल सकती है। रिकॉर्ड डेट (Record Date): कंपनी द्वारा निर्धारित एक विशिष्ट तिथि जो यह तय करती है कि कौन से शेयरधारक लाभांश प्राप्त करने, स्टॉक विभाजन में भाग लेने, या इस मामले में, शेयर बायबैक के पात्र हैं। टेंडर ऑफर रूट (Tender Offer Route): एक विधि जिसके द्वारा एक कंपनी शेयरधारकों से एक निर्दिष्ट मूल्य पर और एक निर्दिष्ट अवधि के लिए सीधे अपने शेयर वापस खरीदने की पेशकश करती है। शेयरधारक तय करते हैं कि वे अपने शेयरों को बिक्री के लिए "टेंडर" करेंगे या नहीं। प्रमोटर्स (Promoters): कंपनी को स्थापित करने या नियंत्रित करने वाले व्यक्ति या संस्थाएं। भारत में, वे आमतौर पर महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखते हैं और अक्सर प्रबंधन या रणनीतिक दिशा में शामिल होते हैं। स्वीकृति अनुपात (Acceptance Ratio): शेयर बायबैक में, यह पात्र शेयरधारकों द्वारा प्रस्तुत किए गए शेयरों का वह अनुपात है जिसे कंपनी वास्तव में वापस खरीदती है। उच्च स्वीकृति अनुपात का मतलब है कि अधिक प्रस्तुत शेयरों का बायबैक होता है। प्रीमियम (Premium): जब बायबैक मूल्य स्टॉक के वर्तमान बाजार मूल्य से अधिक हो।


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