Whalesbook Logo

Whalesbook

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • News

स्विगी ने फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स में मजबूत ग्रोथ दर्ज की, घाटा कम किया

Tech

|

31st October 2025, 4:36 AM

स्विगी ने फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स में मजबूत ग्रोथ दर्ज की, घाटा कम किया

▶

Stocks Mentioned :

Swiggy

Short Description :

स्विगी के राजस्व में साल-दर-साल 53% की वृद्धि हुई, जो 5,911 करोड़ रुपये रहा। यह वृद्धि मुख्य रूप से फूड डिलीवरी (FD) और क्विक कॉमर्स (QC) सेगमेंट के मजबूत प्रदर्शन के कारण हुई। ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई (EBITDA) में घाटा क्रमिक रूप से कम हुआ। कंपनी ने तिमाही के अंत में 4,605 करोड़ रुपये के नकदी भंडार के साथ समाप्ति की, और रैपिडो में अपनी हिस्सेदारी बेचने के बाद प्रो फॉर्मा तरलता 7,000 करोड़ रुपये तक बढ़ गई। कंपनी विकास को संतुलित करते हुए लाभप्रदता पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

Detailed Coverage :

स्विगी ने महत्वपूर्ण वित्तीय वृद्धि दर्ज की है, जिसमें समेकित राजस्व साल-दर-साल 53% बढ़कर 5,911 करोड़ रुपये हो गया है। इस मजबूत प्रदर्शन का मुख्य कारण इसके फूड डिलीवरी (FD) और क्विक कॉमर्स (QC) सेगमेंट रहे, जिनमें ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (GOV) में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। महत्वपूर्ण बात यह है कि कंपनी ने ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई (EBITDA) के घाटे को क्रमिक रूप से सफलतापूर्वक कम किया है, जो परिचालन दक्षता और लागत प्रबंधन में प्रगति को दर्शाता है। स्विगी का रणनीतिक बदलाव अब लाभप्रदता हासिल करने के लिए स्टोर उत्पादकता में सुधार और फ्लीट लागतों को अनुकूलित करने पर केंद्रित है। कंपनी के पास 4,605 करोड़ रुपये का स्वस्थ नकदी भंडार है, और रैपिडो में अपनी हिस्सेदारी बेचने के बाद प्रो फॉर्मा तरलता 7,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। आगे और पूंजी जुटाने की योजनाएं भी चल रही हैं।

प्रभाव यह खबर भारतीय शेयर बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण है, खासकर उन निवेशकों के लिए जो प्रौद्योगिकी, ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में रुचि रखते हैं। हालांकि स्विगी एक सूचीबद्ध इकाई नहीं है, लेकिन इसका वित्तीय प्रदर्शन और रणनीतिक दिशा भारत में ऑनलाइन फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स बाजार के प्रतिस्पर्धी परिदृश्य और विकास क्षमता में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। यह ज़ोमैटो जैसे सूचीबद्ध खिलाड़ियों के लिए एक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है और इन उच्च-विकास वाली डिजिटल व्यवसायों के प्रति समग्र निवेशक भावना को प्रभावित करती है। लाभप्रदता की ओर कंपनी की प्रगति और ठोस तरलता भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में विश्वास बढ़ा सकती है। रेटिंग: 8/10

कठिन शब्दों की व्याख्या: GOV (ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू): प्लेटफॉर्म द्वारा सुगम किए गए सभी ऑर्डरों का कुल मौद्रिक मूल्य, किसी भी कटौती से पहले। MTU (मंथली ट्रांजैक्टिंग यूज़र्स): उन अद्वितीय ग्राहकों की संख्या जिन्होंने एक महीने के भीतर कम से कम एक खरीद की हो। EBITDA (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई): एक लाभप्रदता मीट्रिक जो गैर-परिचालन व्यय और गैर-नकद शुल्कों को बाहर करता है, परिचालन आय को इंगित करता है। AOV (औसत ऑर्डर वैल्यू): ग्राहक द्वारा प्रति ऑर्डर औसत खर्च। डार्कस्टोर्स: शहरी क्षेत्रों में स्थित छोटे वितरण केंद्र, जिनका उपयोग ऑनलाइन ऑर्डर, विशेष रूप से किराने का सामान और सुविधा वस्तुओं की त्वरित पूर्ति के लिए किया जाता है। QIP (क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट): एक धन उगाहने वाला तंत्र जिससे कंपनियां संस्थागत निवेशकों को प्रतिभूतियां जारी कर सकती हैं।