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30th October 2025, 11:48 AM

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फिजिक्सवाला लिमिटेड (PhysicsWallah Ltd), जो भारत का एक प्रमुख ऑनलाइन एजुकेशन प्रदाता है, अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के करीब है, जिससे संभावित रूप से लगभग ₹3,820 करोड़ (लगभग $431 मिलियन) जुटाए जा सकते हैं। मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, कंपनी संभावित निवेशकों के साथ चर्चा कर रही है और IPO अगले कुछ हफ्तों में लॉन्च हो सकता है। ऑफरिंग में ₹3,100 करोड़ के फ्रेश इश्यू ऑफ शेयर्स शामिल हैं, जो कंपनी को भविष्य के विकास के लिए सीधे पूंजी प्रदान करेंगे। इसके अतिरिक्त, लगभग ₹720 करोड़ का सेकेंडरी सेल कंपोनेंट भी होगा, जहां संस्थापक अलख पांडे और प्रतीक बूब अपनी मौजूदा हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा बेचेंगे। IPO का अंतिम मूल्यांकन और समय-सीमा अभी भी बातचीत के अधीन है और इसमें बदलाव हो सकता है। फिजिक्सवाला का पब्लिक ऑफरिंग ऐसे समय में आ रहा है जब भारत का IPO मार्केट महत्वपूर्ण वृद्धि का अनुभव कर रहा है, जिसमें इस साल नई लिस्टिंग से कुल ₹16 बिलियन के करीब जुटाए गए हैं, जो 2025 के लिए रिकॉर्ड-तोड़ होने की उम्मीदें बढ़ा रहा है। कंपनी के ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस से पता चलता है कि संस्थापक अलख पांडे और प्रतीक बूब प्रत्येक के पास 40.35% हिस्सेदारी है, जबकि वेस्टब्रिज कैपिटल (WestBridge Capital) और हॉर्नबिल कैपिटल (Hornbill Capital) के पास क्रमशः 6.41% और 4.42% हिस्सेदारी है। कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी (Kotak Mahindra Capital Co), एक्सिस बैंक लिमिटेड (Axis Bank Ltd), और जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी (JPMorgan Chase & Co) व गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक (Goldman Sachs Group Inc) की स्थानीय इकाइयों को शेयर बिक्री पर सलाह देते हुए बताया गया है। Impact यह IPO भारतीय शेयर बाजार के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एड-टेक क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन और निवेश क्षमता को उजागर करता है। यह अन्य एड-टेक कंपनियों को पब्लिक लिस्टिंग पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है और भारतीय बाजार में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक निवेश आकर्षित कर सकता है। इस IPO का सफल क्रियान्वयन क्षेत्र में निवेशकों के विश्वास को बढ़ा सकता है और संभावित रूप से अन्य सूचीबद्ध एड-टेक फर्मों के शेयर की कीमतों को भी प्रभावित कर सकता है। Impact Rating: 8/10
Difficult Terms Explained: IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग): यह तब होता है जब कोई प्राइवेट कंपनी पहली बार आम जनता को अपने शेयर पेश करती है। यह कंपनी को बड़ी मात्रा में पूंजी जुटाने और सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली इकाई बनने की अनुमति देता है। Fresh Issue of Shares: इसमें कंपनी निवेशकों को नए बनाए गए शेयर बेचती है। इन नए शेयरों को बेचने से प्राप्त धन सीधे कंपनी के खजाने में जाता है ताकि उसके संचालन, विस्तार या अन्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों को फंड किया जा सके। Secondary Sale of Shares: सेकेंडरी सेल में, मौजूदा शेयरधारक, जैसे संस्थापक, शुरुआती निवेशक, या कर्मचारी, अपने निजी तौर पर रखे गए शेयरों को नए निवेशकों को बेचते हैं। इस प्रकार की बिक्री से प्राप्त आय बेचने वाले शेयरधारकों को जाती है, न कि कंपनी को। Prospectus: यह नियामक अधिकारियों (जैसे भारत में SEBI) के पास दायर एक विस्तृत कानूनी दस्तावेज है जो कंपनी और उसके द्वारा जनता को पेश करने की योजना बनाई गई प्रतिभूतियों के बारे में व्यापक जानकारी प्रदान करता है। इसमें वित्तीय डेटा, व्यावसायिक संचालन, जोखिम कारक और प्रबंधन विवरण शामिल हैं।