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28th October 2025, 9:24 AM

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Infosys, HCL Technologies, Tech Mahindra, Persistent Systems और L&T Technology Services जैसी भारतीय आईटी सेवा कंपनियाँ ऑफशोर और नियरशोर स्थानों पर काम स्थानांतरित करके अपने परिचालन मार्जिन को बढ़ा रही हैं। यह रणनीति अमेरिका सरकार द्वारा H-1B वीज़ा शुल्क में की गई महत्वपूर्ण वृद्धि का सीधा जवाब है, जो $1,000 से बढ़कर सालाना $100,000 हो गई है। ऑफशोरिंग में दूर के देशों में काम ले जाना शामिल है, जबकि नियरशोरिंग इसे कनाडा या मैक्सिको जैसे पड़ोसी देशों में स्थानांतरित करती है। इन तरीकों से श्रम लागत कम होती है, जिससे लाभप्रदता (profitability) में सुधार होता है। उदाहरण के लिए, HCL Technologies ने 110 आधार अंकों (basis points) की मार्जिन वृद्धि देखी, जिसमें सितंबर तिमाही में Tech Mahindra, Persistent Systems, Infosys और LTTS द्वारा इसी तरह की वृद्धि दर्ज की गई। कंपनियाँ इन ऑफशोर/नियरशोर क्षमताओं को मजबूत करना जारी रखने की योजना बना रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रवृत्ति आगामी तिमाहियों के लिए मार्जिन का समर्थन करेगी। हालाँकि, दीर्घकालिक विकास के लिए केवल लागत-बचत के बजाय AI और ऑटोमेशन में पुनर्निवेश की आवश्यकता है। प्रभाव: यह रणनीति भारतीय आईटी कंपनियों की लाभप्रदता को बढ़ाती है, उनके स्टॉक प्रदर्शन और व्यापक भारतीय आईटी क्षेत्र को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। रेटिंग: 8/10 कठिन शब्दों की व्याख्या: परिचालन मार्जिन (Operating Margins): मुख्य व्यावसायिक कार्यों से लाभप्रदता। ऑफशोरिंग (Offshoring): कम लागत के लिए दूर के देशों में काम ले जाना। नियरशोरिंग (Nearshoring): पड़ोसी देशों में काम ले जाना। आधार अंक (Basis Points - bps): प्रतिशत का सौवां हिस्सा (0.01%)। H-1B वीज़ा (H-1B Visa): विशेष व्यवसायों के लिए अमेरिकी कार्य वीज़ा। ग्लोबल डिलीवरी मॉडल (Global Delivery Model): कई वैश्विक स्थानों से सेवाओं की डिलीवरी। AI (Artificial Intelligence - कृत्रिम बुद्धिमत्ता): मानव बुद्धि का अनुकरण करने वाली कंप्यूटर प्रणालियाँ। ऑटोमेशन (Automation): मनुष्यों द्वारा किए जाने वाले कार्यों के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग।