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भारत का आईटी सेक्टर 2030 तक $400 बिलियन तक पहुंचने को तैयार, AI बनेगा मुख्य चालक

Tech

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28th October 2025, 6:20 PM

भारत का आईटी सेक्टर 2030 तक $400 बिलियन तक पहुंचने को तैयार, AI बनेगा मुख्य चालक

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Stocks Mentioned :

Tata Consultancy Services Limited
Infosys Limited

Short Description :

भारत का $264 बिलियन का आईटी सेक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा वैश्विक आउटसोर्सिंग को बदलने के कारण 2030 तक $400 बिलियन से अधिक होने का अनुमान है। वेंचर कैपिटल फर्म बेसेमर वेंचर पार्टनर्स का कहना है कि AI क्षेत्र के अगले विकास चरण को बढ़ावा देगा, जिससे टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड, इंफोसिस लिमिटेड और विप्रो लिमिटेड जैसी स्थापित आईटी कंपनियों और नए AI-फर्स्ट स्टार्टअप्स दोनों के लिए अवसर पैदा होंगे। वैश्विक ग्राहक AI परियोजनाओं पर अपने महत्वपूर्ण बजट का हिस्सा समर्पित कर रहे हैं, और स्थापित कंपनियों व फुर्तीले स्टार्टअप्स दोनों से नवीन समाधानों की खोज कर रहे हैं।

Detailed Coverage :

भारत का वर्तमान में $264 बिलियन का महत्वपूर्ण सूचना प्रौद्योगिकी (IT) क्षेत्र, बेसेमर वेंचर पार्टनर्स के अनुसार 2030 तक $400 बिलियन से अधिक हो सकता है। इस वृद्धि का मुख्य श्रेय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के वैश्विक आउटसोर्सिंग प्रथाओं पर परिवर्तनकारी प्रभाव को दिया जा रहा है। AI को एक व्यवधान (disruptor) के रूप में नहीं, बल्कि भारत के आईटी उद्योग के अगले विकास चरण के लिए एक उत्प्रेरक (catalyst) के रूप में देखा जा रहा है। बेसेमर वेंचर पार्टनर्स के COO और पार्टनर, निथिन केमल ने बताया कि AI आउटसोर्सिंग के विकास को तेज कर रहा है, जिससे ऐसे जटिल कार्यों को सॉफ्टवेयर या सॉफ्टवेयर और मानव विशेषज्ञता के संयोजन से संभाला जा सकता है। यह उन उच्च-मूल्य वाली आउटसोर्सिंग के अवसरों के लिए दरवाजे खोलता है जिन्हें पहले बहुत कठिन माना जाता था। यह बदलाव टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड, इंफोसिस लिमिटेड और विप्रो लिमिटेड जैसी दिग्गज आईटी कंपनियों के साथ-साथ AI-फर्स्ट कंपनियों की नई पीढ़ी के लिए जगह बना रहा है। कंपनियां दक्षता के लिए AI अपनाने के दबाव में हैं, जिससे वैश्विक ग्राहक आउटसोर्सिंग भागीदारों में विविधता ला रहे हैं और स्थापित फर्मों और स्टार्टअप्स दोनों के नवीन समाधानों के साथ प्रयोग कर रहे हैं। कई ग्राहक स्टार्टअप्स के साथ AI-संचालित परियोजनाओं पर अपने प्रौद्योगिकी बजट का 20-30% आवंटित कर रहे हैं। जबकि बड़ी आईटी फर्में AI में निवेश कर रही हैं, गहरी AI विशेषज्ञता और तेजी से पुनरावृति (iterate) करने की क्षमता वाली फुर्तीली (nimble) स्टार्टअप्स को अगली पीढ़ी के AI सेवा प्लेटफ़ॉर्म बनाने में बेहतर स्थिति में देखा जा रहा है। मौजूदा कंपनियों (incumbents) के लिए विलय और अधिग्रहण पर्याप्त नहीं हैं; सफल एकीकरण के लिए स्टार्टअप की मूल भावना (ethos) को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। प्रभाव: यह खबर भारतीय आईटी क्षेत्र पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव का सुझाव देती है, जिससे पर्याप्त राजस्व वृद्धि, रोजगार सृजन और नवाचार हो सकता है। स्थापित कंपनियों को AI को अनुकूलित और एकीकृत करने की आवश्यकता होगी, जबकि स्टार्टअप्स के पास भविष्य के नेताओं के रूप में उभरने का एक प्रमुख अवसर है। क्षेत्र के लिए समग्र दृष्टिकोण बहुत मजबूत है। रेटिंग: 8/10। कठिन शब्द: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI): ऐसी तकनीक जो मशीनों को ऐसे कार्य करने में सक्षम बनाती है जिनमें आमतौर पर मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है, जैसे सीखना, समस्या-समाधान और निर्णय लेना। आउटसोर्सिंग: लागत कम करने या दक्षता में सुधार के लिए व्यावसायिक प्रक्रियाओं या सेवाओं को बाहरी प्रदाताओं को अनुबंधित करना, जो अक्सर दूसरे देशों में होते हैं। वेंचर कैपिटल: निवेशक द्वारा स्टार्टअप्स और छोटे व्यवसायों को दिया जाने वाला धन, जिनमें लंबी अवधि की विकास क्षमता होती है। Incumbents: किसी विशेष बाजार में स्थापित मौजूदा बड़ी कंपनियां। IP Creation: बौद्धिक संपदा का निर्माण, जिसमें अद्वितीय विचारों, आविष्कारों और रचनात्मक कार्यों का विकास शामिल है जिन्हें कानूनी रूप से संरक्षित किया जा सकता है। Nimbleness/Agility: कंपनी की बाजार या पर्यावरण में होने वाले बदलावों को जल्दी और आसानी से अनुकूलित करने की क्षमता।