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भारत घरेलू AI डेवलपमेंट पर ज़ोर दे रहा है, वैश्विक टेक कंपनियों द्वारा डेटा चोरी की चिंताओं के बीच

Tech

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29th October 2025, 9:16 AM

भारत घरेलू AI डेवलपमेंट पर ज़ोर दे रहा है, वैश्विक टेक कंपनियों द्वारा डेटा चोरी की चिंताओं के बीच

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Short Description :

इंडिया AI मिशन के CEO अभिषेक सिंह ने चेतावनी दी है कि OpenAI जैसी ग्लोबल टेक कंपनियों के 'फ्री' AI टूल्स भारतीय यूज़र डेटा का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने डेटा और इनोवेशन पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए भारत के अपने AI मॉडल विकसित करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। सरकार कंप्यूट इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रही है, स्थानीय स्टार्टअप्स को सपोर्ट कर रही है और विदेशी AI टूल्स से भारतीय IT वर्कफ़ोर्स को बचाने के उपायों पर विचार कर रही है। लक्ष्य भारत को पश्चिमी तकनीक का सिर्फ़ उपभोक्ता बनाने के बजाय AI 'यूज़ केस' में लीडर बनाना है।

Detailed Coverage :

इंडिया AI मिशन के CEO और इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव, अभिषेक सिंह ने भारत के डिजिटल भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता जताई है। उन्होंने चेतावनी दी कि OpenAI के ChatGPT जैसे 'फ्री' आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स की पेशकश करने वाली वैश्विक टेक्नोलॉजी फर्में अपने मालिकाना AI मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए भारतीय उपयोगकर्ताओं के डेटा की भारी मात्रा में कटाई कर रही हैं। सिंह ने इस सिद्धांत पर जोर दिया कि 'जब कोई उत्पाद मुफ्त होता है, तो आप ही उत्पाद होते हैं,' ऐसे सेवाओं का उपयोग करने की छिपी हुई लागत पर प्रकाश डाला।

इसका मुकाबला करने के लिए, भारत स्वदेशी AI मॉडल के विकास को बढ़ावा दे रहा है ताकि डेटासेट पर घरेलू नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके और नवाचार को बढ़ावा मिल सके। इंडियाएआई मिशन Sarvam AI, Gnani, और Soket जैसे भारतीय स्टार्टअप्स का सक्रिय रूप से समर्थन कर रहा है, जो भारतीय भाषाओं और डेटा पर प्रशिक्षित फाउंडेशन मॉडल पर काम कर रहे हैं। मिशन कंप्यूट इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बढ़ा रहा है, जिसमें वर्तमान में 38,000 से अधिक GPUs उपलब्ध हैं और और जोड़ने की योजना है।

सिंह ने नोट किया कि हालांकि GPU एक्सेस कोई बाधा नहीं है, लेकिन फंडिंग और स्केलिंग अभी भी चुनौतियां बनी हुई हैं। सरकार AI कंप्यूट सेंटरों के लिए सार्वजनिक-निजी निवेश की योजना बना रही है, जिनकी लागत प्रत्येक 500 करोड़ रुपये से 800 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है। उन्होंने GitHub Copilot जैसे विदेशी AI कोड जनरेटर से भारत के IT वर्कफ़ोर्स के लिए संभावित जोखिम को भी चिह्नित किया, और प्रस्ताव दिया कि Tata Consultancy Services और Infosys जैसी प्रमुख भारतीय IT फर्में एक राष्ट्रीय भारतीय कोड जनरेटर पर सहयोग करें।

इसके अलावा, सरकार कक्षा 5 से AI और डेटा साइंस की शिक्षा को एकीकृत कर रही है और IndiaAI फेलोशिप का विस्तार कर रही है। व्यापक लक्ष्य भारत को AI की 'यूज़ केस कैपिटल' बनाना है।

प्रभाव यह खबर भारतीय टेक्नोलॉजी सेक्टर, IT सेवाओं और स्टार्टअप्स के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। डेटा संप्रभुता और घरेलू AI क्षमताओं को बढ़ावा देने के सरकार के सक्रिय रुख, कंप्यूट इंफ्रास्ट्रक्चर में पर्याप्त निवेश के साथ मिलकर, स्थानीय खिलाड़ियों के लिए महत्वपूर्ण वृद्धि ला सकती है। विदेशी AI फर्मों से संबंधित नीतिगत विचार और IT वर्कफ़ोर्स के लिए कौशल संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करने का सामग्री पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। रेटिंग: 8/10।

परिभाषाएँ: डेटा हार्वेस्टिंग: डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ इंटरैक्ट करने वाले उपयोगकर्ताओं से अक्सर स्पष्ट सहमति के बिना, बड़ी मात्रा में डेटा एकत्र करने की प्रक्रिया। AI मॉडल: विशिष्ट कार्यों को करने के लिए विशाल मात्रा में डेटा पर प्रशिक्षित कंप्यूटर प्रोग्राम, जैसे भाषा को समझना, छवियों को पहचानना या टेक्स्ट उत्पन्न करना। फाउंडेशन मॉडल: व्यापक डेटा पर प्रशिक्षित बड़े AI मॉडल जिन्हें विभिन्न प्रकार के डाउनस्ट्रीम कार्यों के अनुकूल बनाया जा सकता है। GPUs (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स): समानांतर प्रसंस्करण के लिए डिज़ाइन किए गए विशेष माइक्रोप्रोसेसर, जो अपनी उच्च कम्प्यूटेशनल शक्ति के कारण जटिल AI मॉडल को प्रशिक्षित करने और चलाने के लिए आवश्यक हैं। कम्प्यूट इन्फ्रास्ट्रक्चर: कम्प्यूटेशनल कार्यों को विशेष रूप से AI विकास के लिए करने के लिए आवश्यक हार्डवेयर (सर्वर, GPU, नेटवर्किंग) और सॉफ्टवेयर का संयोजन। सार्वजनिक-निजी निवेश: बड़े पैमाने की परियोजनाओं को शुरू करने के लिए सरकारी संस्थाओं (सार्वजनिक) और निजी कंपनियों दोनों द्वारा योगदान की गई फंडिंग और संसाधन।