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31st October 2025, 1:44 AM

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भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात एक महत्वपूर्ण उछाल का अनुभव कर रहा है, जो वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 में तीसरी सबसे बड़ी निर्यात श्रेणी के रूप में स्थापित हुआ है। इस प्रभावशाली वृद्धि का मुख्य श्रेय भारतीय सरकार के घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने के केंद्रित प्रयासों को जाता है, जो विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन योजनाओं, विशेष रूप से उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना के माध्यम से संभव हुआ है। FY26 की पहली छमाही में, इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का निर्यात 22.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में 41.9% की वृद्धि है, जिससे यह सबसे तेजी से बढ़ने वाला कमोडिटी क्षेत्र बन गया और भारत के कुल निर्यात का 10.1% हिस्सा है। संयुक्त राज्य अमेरिका के बाजार ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसने 50% पारस्परिक शुल्कों (reciprocal tariffs) में अस्थायी छूट प्रदान करके समर्थन दिया है। अमेरिका को भारत के समग्र निर्यात में गिरावट के बावजूद, अप्रैल-सितंबर के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं के निर्यात में 100% से अधिक की वृद्धि देखी गई। यह क्षेत्र, जो मुख्य रूप से मोबाइल फोन उत्पादन से संचालित होता है, FY17 में आठवीं रैंक से बढ़कर FY25 में 40 बिलियन डॉलर के निशान को पार कर गया है। यह प्रदर्शन इंजीनियरिंग वस्तुओं और पेट्रोलियम उत्पादों जैसी अन्य प्रमुख निर्यात श्रेणियों के विकास को काफी पीछे छोड़ देता है।
Impact: यह विकास भारतीय शेयर बाजार के लिए अत्यंत सकारात्मक है, जो एक उच्च-मूल्य वाले विनिर्माण क्षेत्र में मजबूत प्रदर्शन का संकेत देता है। इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में लगी कंपनियां, विशेष रूप से मोबाइल फोन और घटक, से अपेक्षित राजस्व में वृद्धि और निवेशकों का ध्यान आकर्षित करने की उम्मीद है। यह निर्यात वृद्धि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सकारात्मक योगदान करती है और इसकी वैश्विक व्यापार स्थिति को मजबूत करती है। हालांकि, अमेरिकी बाजार पर क्षेत्र की मजबूत निर्भरता और स्मार्टफोन की वैश्विक मांग में मंदी मध्यम जोखिम पैदा करती है। Impact Rating: 7/10
Difficult Terms: Reciprocal Tariffs (पारस्परिक शुल्क): एक देश द्वारा दूसरे देश के माल पर लगाया जाने वाला कर या शुल्क, जिसके बदले में वह देश अपने स्वयं के माल पर समान कर लगाता है। Production Linked Incentive (PLI) Scheme (उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना): एक सरकारी पहल जो भारत में निर्मित माल की वृद्धिशील बिक्री के आधार पर कंपनियों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है। Reshoring Manufacturing (विनिर्माण को वापस लाना): विनिर्माण कार्यों को विदेशी स्थानों से वापस अपने देश में लाने की प्रक्रिया। Tapering Off (धीमा होना): वृद्धि की दर में धीरे-धीरे कमी या धीमा होना। Sub-assembly (उप-असेंब्ली): घटकों को असेम्बल करने की प्रक्रिया जो स्वयं असेम्बल किए गए भाग होते हैं और एक बड़े अंतिम उत्पाद का हिस्सा बनते हैं।