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31st October 2025, 10:47 AM
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Groww पैरेंट कंपनी बिलियनब्रेन गराज वेंचर्स IPO डिटेल्स की घोषणा करती है। लोकप्रिय ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म Groww की कंपनी बिलियनब्रेन गराज वेंचर्स लिमिटेड अगले सप्ताह अपना इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लॉन्च करने के लिए तैयार है। IPO के लिए सब्सक्रिप्शन मंगलवार, 4 नवंबर को शुरू होगा और शुक्रवार, 7 नवंबर को समाप्त होगा। कंपनी ने अपने ऑफर के लिए ₹95 से ₹100 प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है। IPO में ₹10,600 मिलियन का फ्रेश इश्यू ऑफ शेयर्स और 557,230,051 इक्विटी शेयर्स तक का ऑफर फॉर सेल शामिल है। निवेशकों को न्यूनतम 150 शेयर्स के लिए बोली लगानी होगी। अलॉटमेंट के बाद, कंपनी के शेयर्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दोनों पर लिस्ट होंगे, जिसमें NSE को प्राथमिक एक्सचेंज नामित किया गया है। कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, जेपी मॉर्गन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, एक्सिस कैपिटल लिमिटेड, और मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स लिमिटेड IPO का प्रबंधन कर रहे हैं। IPO SEBI के नियमों का पालन करता है, जिसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) के लिए कम से कम 75% आरक्षित है, जिसमें एंकर इन्वेस्टर्स का भी एक हिस्सा शामिल है। नॉन-इंस्टीट्यूशनल बिडर्स को 15% तक मिलेगा, और रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स को शेष 10% मिलेगा। इम्पैक्ट: यह IPO महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक प्रमुख फिनटेक प्लेयर को पब्लिक मार्केट में लाता है। यह काफी निवेशक रुचि आकर्षित कर सकता है, जिससे भारत में अन्य डिजिटल वित्तीय सेवा कंपनियों के वैल्यूएशन सेंटीमेंट को बढ़ावा मिल सकता है। इस IPO की सफलता टेक-फोक्स्ड IPOs की भविष्य की फंडरेज़िंग रणनीतियों को प्रभावित कर सकती है। विस्तृत अलॉटमेंट स्ट्रक्चर विभिन्न निवेशक वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करता है। रेटिंग: 7/10। कठिन शब्द: इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO): पहली बार जब कोई प्राइवेट कंपनी अपने शेयर जनता को पेश करती है, जिससे उन्हें स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड किया जा सके। फ्रेश शेयर सेल: जब कंपनी पूंजी जुटाने के लिए नए शेयर जारी करती है। ऑफर फॉर सेल (OFS): जब मौजूदा शेयरधारक अपने हिस्से का कुछ हिस्सा बेचते हैं। प्राइस बैंड: वह रेंज जिसके भीतर IPO में शेयरों के लिए बोलियां लगाई जा सकती हैं। एंकर इन्वेस्टर्स: बड़े संस्थागत निवेशक जो IPO आम जनता के लिए खुलने से पहले शेयर खरीदने का वादा करते हैं। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs): संस्थाएं जैसे म्यूचुअल फंड, FIIs, और बैंक जो वित्तीय बाजारों में जानकार हैं। नॉन-इंस्टीट्यूशनल बिडर्स (NIBs): हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) और कॉर्पोरेट बॉडीज जो रिटेल निवेशक सीमा से ऊपर के शेयरों के लिए आवेदन करते हैं। रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स (RIIs): व्यक्तिगत निवेशक जो एक निश्चित सीमा तक के शेयरों के लिए आवेदन करते हैं। बुक बिल्डिंग प्रोसेस: IPO के लिए एक विधि जिसमें निवेशक की मांग के आधार पर कीमत तय की जाती है। SEBI: सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया, भारत में सिक्योरिटीज बाजारों के लिए नियामक निकाय। ICDR: इश्यू ऑफ कैपिटल एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स, पब्लिक इश्यूज को नियंत्रित करने वाले SEBI रेगुलेशन। SCRR: सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) रूल्स, सिक्योरिटीज के ट्रेडिंग को नियंत्रित करने वाले नियम।