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30th October 2025, 4:39 AM

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कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस, जो वर्तमान में नैस्डैक (Nasdaq) पर सूचीबद्ध है, भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों पर अपने शेयरों की लिस्टिंग की जटिल और दीर्घकालिक संभावना का मूल्यांकन कर रहा है। प्रबंधन ने संभावित सार्वजनिक पेशकश के निहितार्थों का आकलन करने के लिए भारत और अमेरिका दोनों में हितधारकों से बातचीत की है। मुख्य वित्तीय अधिकारी जतिन दलाल ने कहा कि हालांकि कोई निर्णय नहीं लिया गया है, कंपनी अपने शेयरधारकों के सर्वोत्तम हित में कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।
वित्तीय प्रदर्शन के मामले में, कॉग्निजेंट ने तीसरी तिमाही 2025 में 5.42 बिलियन डॉलर का राजस्व दर्ज किया, जो स्थिर मुद्रा (constant currency) के आधार पर साल-दर-साल 6.5% की वृद्धि है। ऑपरेटिंग मार्जिन 16% रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.4 प्रतिशत अंक का सुधार है। चौथी तिमाही के लिए, कंपनी 5.27 बिलियन डॉलर से 5.33 बिलियन डॉलर के बीच राजस्व की उम्मीद कर रही है, जो स्थिर मुद्रा (constant currency) में 2.5% से 3.5% की वृद्धि को दर्शाता है।
कंपनी ने पूरे वर्ष के राजस्व वृद्धि अनुमान को भी बढ़ाकर स्थिर मुद्रा (constant currency) में 6% से 6.3% की सीमा में कर दिया है। यह आशावाद महत्वपूर्ण डील हासिल करने से प्रेरित है, जिसमें साल-दर-तारीख $100 मिलियन या उससे अधिक के कुल अनुबंध मूल्य (TCV) वाले 16 बड़े अनुबंध शामिल हैं, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जुड़ाव से मूल्यवान रूपांतरण पर मजबूत ध्यान केंद्रित किया गया है। सीईओ रवि कुमार सिंगिसेट्टी ने छोटे सौदों के लिए विवेकाधीन खर्च (discretionary spending) में एक वापसी देखी, जो काफी हद तक AI नवाचार से प्रेरित है, और विश्वास व्यक्त किया कि बुनियादी ढांचा खर्च (infrastructure spending) सेवाओं की मांग को बढ़ाएगा।
कॉग्निजेंट ने यह भी संकेत दिया है कि अमेरिकी वीजा नीतियों में हाल के बदलावों से इसके संचालन या वित्त पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि कंपनी ने स्थानीय हायरिंग और नियरशोर क्षमताओं (nearshore capacities) को बढ़ाकर H-1B वीजा पर अपनी निर्भरता कम कर दी है।
प्रभाव यह खबर भारतीय आईटी क्षेत्र में निवेशक विश्वास को काफी बढ़ावा दे सकती है, खासकर यदि कॉग्निजेंट लिस्टिंग के साथ आगे बढ़ता है, जिससे एक और प्रमुख वैश्विक आईटी खिलाड़ी भारतीय एक्सचेंजों पर आएगा। मजबूत नतीजे और बढ़ा हुआ अनुमान भी क्षेत्र में लचीलापन और विकास क्षमता का संकेत देते हैं। संभावित लिस्टिंग से बाजार की तरलता (liquidity) बढ़ सकती है और भारतीय निवेशकों को एक वैश्विक आईटी दिग्गज तक बेहतर पहुंच मिल सकती है। भारतीय शेयर बाजार, विशेष रूप से आईटी क्षेत्र पर प्रभाव रेटिंग 7/10 है।