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3rd November 2025, 5:46 AM
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भारतीय डेटा सेंटर बाज़ार में मजबूत वृद्धि देखी जा रही है, जिसका अनुमान मोर्डोर इंटेलिजेंस (Mordor Intelligence) ने 2030 तक 21.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का लगाया है, जो 2025 के 10.11 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है, और इसकी चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 16.61% है। इस विस्तार को बढ़ती डिजिटल खपत, व्यापक क्लाउड अपनाने, 5G तकनीक के रोलआउट, AI/ML वर्कलोड में प्रगति और डिजिटल इंडिया जैसे सरकारी कार्यक्रमों के साथ-साथ डेटा स्थानीयकरण (data localization) आवश्यकताओं से बढ़ावा मिल रहा है। इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में संचालन करने वाली या प्रवेश करने वाली कंपनियां अनुकूल जनसांख्यिकी (demographics) और सरकारी समर्थन से लाभ उठाने की अच्छी स्थिति में हैं। तीन कंपनियों को उनके रणनीतिक कदमों के लिए उजागर किया गया है: 1. **अनंत राज (Anant Raj)**: एक रियल एस्टेट और अवसंरचना (infrastructure) फर्म जो डेटा सेंटरों में 2.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश कर रही है। इसके प्रौद्योगिकी पार्कों को महत्वपूर्ण आईटी लोड क्षमता (IT load capacity) से सुसज्जित किया जा रहा है, जिसमें मानेसर, पंचकुला और राय में परिचालन और नियोजित विस्तार शामिल हैं। कंपनी ने 'अशोक क्लाउड' (Ashok Cloud) नामक एक संप्रभु क्लाउड प्लेटफॉर्म (sovereign cloud platform) भी लॉन्च किया है। 2. **रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (RailTel Corporation of India)**: एक नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम जो डेटा सेंटरों और साइबर सुरक्षा (cybersecurity) में विविधता ला रहा है। यह 102 स्थानों पर एज डेटा सेंटर (edge data centers) बनाने के लिए साझेदारी कर रहा है और नोएडा में 10 MW डेटा सेंटर स्थापित कर रहा है। रेलटेल ने अनंत राज और एल एंड टी (L&T) जैसी संस्थाओं के साथ को-लोकेशन (colocation) और प्रबंधित सेवाओं (managed services) के लिए समझौता ज्ञापन (MoUs) पर भी हस्ताक्षर किए हैं। 3. **बाजल प्रोजेक्ट्स (Bajel Projects)**: पूर्व में बजाज इलेक्ट्रिकल्स का ईपीसी (EPC) खंड, इसने डेटा सेंटर विद्युतीकरण (data center electrification) को अपने 'रास्ता 2030' (RAASTA 2030) रोडमैप में शामिल किया है। यह पहले से ही को-लोकेशन डेटा सेंटरों के लिए सबस्टेशन (substations) डिजाइन और निर्माण में शामिल है और बिजली अवसंरचना (power infrastructure) और उभरते क्षेत्रों (emerging sectors) में अपनी उपस्थिति का विस्तार करना चाहता है। प्रभाव: यह खबर भारत के डेटा सेंटर बाज़ार के लिए एक महत्वपूर्ण विकास पथ (growth trajectory) को उजागर करती है, जो डिजिटल अवसंरचना में शामिल कंपनियों के लिए मजबूत निवेश क्षमता और विस्तार के अवसरों का संकेत देती है। यह पर्याप्त निवेशक रुचि आकर्षित कर सकता है, जिससे इन और क्षेत्र की अन्य कंपनियों के शेयरों में संभावित रूप से वृद्धि हो सकती है। रेटिंग: 8/10। कठिन शब्द: CAGR: चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (Compound Annual Growth Rate), किसी निश्चित अवधि में किसी निवेश की औसत वार्षिक वृद्धि दर। AI/ML: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग, वे प्रौद्योगिकियाँ जो कंप्यूटर को ऐसे कार्य करने में सक्षम बनाती हैं जिनमें आमतौर पर मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है। डिजिटल इंडिया: नागरिकों के लिए डिजिटल सेवाओं को सुलभ बनाने की एक सरकारी पहल। डेटा स्थानीयकरण के जनादेश: ऐसे नियम जिनके तहत डेटा को देश की सीमाओं के भीतर संग्रहीत करना आवश्यक होता है। आईटी लोड क्षमता: डेटा सेंटर अपने आईटी उपकरणों को अधिकतम कितनी विद्युत शक्ति की आपूर्ति कर सकता है। MW: मेगावाट (Megawatt), शक्ति की एक इकाई। FYXX: वित्तीय वर्ष XX, उस वित्तीय वर्ष का अंत जो उस वर्ष में समाप्त होता है। IaaS: इन्फ्रास्ट्रक्चर एज़ ए सर्विस (Infrastructure as a Service), एक क्लाउड कंप्यूटिंग मॉडल जो वर्चुअलाइज्ड कंप्यूटिंग संसाधन प्रदान करता है। PaaS: प्लेटफॉर्म एज़ ए सर्विस (Platform as a Service), एक क्लाउड कंप्यूटिंग मॉडल जो एप्लिकेशन विकसित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। SaaS: सॉफ्टवेयर एज़ ए सर्विस (Software as a Service), एक क्लाउड कंप्यूटिंग मॉडल जो इंटरनेट पर सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन वितरित करता है। NCR: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Region), दिल्ली के आसपास का शहरी क्षेत्र। नवरत्न PSU: भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लिए एक दर्जा जो उन्हें अधिक स्वायत्तता प्रदान करता है। एज डेटा सेंटर: छोटे, स्थानीयकृत डेटा सेंटर जो विलंबता (latency) को कम करते हैं। को-लोकेशन: आईटी उपकरण रखने के लिए डेटा सेंटर में जगह किराए पर लेना। प्रबंधित सेवाएं: आउटसोर्स आईटी सेवाएं। कवच: भारतीय रेलवे के लिए एक स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली। EPC: इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (Engineering, Procurement, and Construction), एक परियोजना वितरण विधि। GIS: गैस इंसुलेटेड स्विचगियर (Gas Insulated Switchgear), हाई-वोल्टेज स्विचगियर का एक कॉम्पैक्ट प्रकार।