वीवो को इस दिसंबर ₹2000 करोड़ की धोखाधड़ी का चार्जशीट! भारत में चीनी स्मार्टफोन कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई!
Overview
भारत की सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) दिसंबर में चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ ₹2000 करोड़ से अधिक के फंड डायवर्जन के आरोप में चार्जशीट दाखिल करेगी। यह वीवो, ओप्पो और शाओमी पर ₹6,000 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की व्यापक जांच का हिस्सा है, जो वीवो के प्रवर्तन निदेशालय (ED) के साथ ₹20,241 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले से ही फंसा होने के अतिरिक्त है।
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SFIO दिसंबर में वीवो के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करेगा
सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) इस दिसंबर चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ अपनी चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रहा है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई ₹2,000 करोड़ से अधिक के कथित फंड डायवर्जन मामले से संबंधित है।
कॉर्पोरेट धोखाधड़ी के आरोप
- वीवो पर कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 447 के तहत आरोप लगाए जा रहे हैं, जो कॉर्पोरेट धोखाधड़ी (corporate fraud) से संबंधित है।
- इस धारा में नागरिक (civil) और आपराधिक (criminal) दोनों दंड का प्रावधान है, जिसका अंतिम निर्धारण रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) द्वारा किया जाएगा।
- अधिकारियों ने कहा है कि वीवो इंडिया द्वारा फंड डायवर्जन और लाभ की हेराफेरी (profit siphoning) का स्पष्ट मनी ट्रेल (money trail) सबूतों के साथ मिला है।
चीनी ब्रांडों की व्यापक जांच
- वीवो, ओप्पो और शाओमी की विस्तृत जांच में ₹6,000 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी का संदेह है।
- यह भारत में काम कर रही इन प्रमुख चीनी स्मार्टफोन ब्रांडों के लिए महत्वपूर्ण अनुपालन चुनौतियों (compliance challenges) को दर्शाता है।
- SFIO, जो कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) के तहत एक विशेष एजेंसी है, ने RoC रिपोर्ट के बाद मार्च में अपनी जांच शुरू की थी।
पहले से प्रवर्तन निदेशालय (ED) का मामला
- वीवो पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा 2022 में शुरू किए गए एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) मामले में शामिल है।
- इस ED मामले में आरोप है कि वीवो ने एक जटिल कॉर्पोरेट संरचना के माध्यम से करों से बचने के लिए ₹20,241 करोड़ भारत से बाहर भेजे थे।
- वीवो के शीर्ष अधिकारियों, जिनमें इसके सीईओ (CEO) और सीएफओ (CFO) भी शामिल हैं, को पहले दिल्ली की एक अदालत ने ED की जांच के संबंध में तलब (summon) किया था।
वीवो के संचालन और वेंचर्स पर प्रभाव
- वीवो भारतीय स्मार्टफोन बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी है।
- कंपनी वर्तमान में डिक्सन टेक्नोलॉजीज के साथ प्रस्तावित विनिर्माण संयुक्त उद्यम (JV) के लिए भारतीय सरकार से प्रेस नोट 3 (PN3) अनुमोदन की प्रतीक्षा कर रही है।
- इस JV में डिक्सन, वीवो की भारत विनिर्माण इकाई का 51% हिस्सा अधिग्रहित करेगा, और इसके लिए मंजूरी आवश्यक है क्योंकि वीवो एक चीनी इकाई है।
- कंपनी के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि वीवो चार्जशीट आधिकारिक तौर पर दाखिल होने के बाद सरकारी निष्कर्षों को चुनौती देने की योजना बना रहा है।
प्रभाव
- यह आसन्न चार्जशीट भारत में वीवो और अन्य चीनी प्रौद्योगिकी फर्मों पर विनियामक जांच (regulatory scrutiny) को तेज करती है, जिससे उनके बाजार संचालन और भविष्य की निवेश योजनाओं को प्रभावित कर सकती है।
- इसका डिक्सन टेक्नोलॉजीज के साथ चल रहे JV जैसे सरकारी अनुमोदनों पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
- यह मामला विदेशी संस्थाओं के लिए मजबूत वित्तीय अनुपालन (financial compliance) और भारतीय कॉर्पोरेट कानूनों के पालन के महत्व को उजागर करता है।
- प्रभाव रेटिंग: 8/10।

