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Updated on 15th November 2025, 1:45 PM
Author
Satyam Jha | Whalesbook News Team
पुणे श्रम आयुक्त ने नासेंट आईटी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) द्वारा दायर कई आरोपों के बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को तलब किया है। NITES का दावा है कि कंपनी ने अवैध समाप्ति, गैरकानूनी छंटनी, जबरन इस्तीफे और वैधानिक बकाया रोके रखने का काम किया, जिससे एक औपचारिक सुनवाई की नौबत आई है।
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टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को पुणे श्रम आयुक्त कार्यालय से एक समन मिला है, जिसमें नासेंट आईटी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) द्वारा उठाए गए कई आरोपों का जवाब देना होगा। NITES ने TCS पर कई महीनों से "अवैध रोजगार समाप्ति" (illegal employment termination) और "गैरकानूनी छंटनी" (unlawful layoffs) करने का आरोप लगाया है। यूनियन का दावा है कि कंपनी ने अचानक से कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है, कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया है, उन्हें उनका वाजिब वैधानिक बकाया (statutory dues) नहीं दिया है, और विभिन्न स्थानों पर जबरन प्रथाओं (coercive practices) का इस्तेमाल किया है।
NITES ने बताया है कि उन्होंने प्रभावित कर्मचारियों को औपचारिक शिकायतें दर्ज करने में सहायता की है, जिसके कारण अब यह सुनवाई आयोजित की गई है। यूनियन अन्य कर्मचारियों से, जो गलत तरीके से नौकरी से निकाले जाने, बकाये का भुगतान न होने, या अनुचित व्यवहार जैसी समान चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, आगे आकर अपने अनुभव साझा करने का आग्रह कर रहा है। NITES ने इस बात पर जोर दिया कि श्रम आयुक्त द्वारा कार्यवाही शुरू करना नियोक्ताओं के लिए उचित प्रक्रिया और श्रम कानूनों का पालन करने की कानूनी बाध्यता को उजागर करता है।
यह विकास ऐसे समय में हुआ है जब अन्य आईटी कर्मचारी यूनियनों, जिनमें कर्नाटक स्टेट आईटी/आईटीईएस एम्प्लॉइज यूनियन (KITU), एसोसिएशन ऑफ आईटी एम्प्लॉइज (AITE) - केरल, और यूनियन ऑफ आईटी एंड आईटीईएस एम्प्लॉइज (UNITE) – तमिलनाडु शामिल हैं, ने पहले भी TCS पर इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट्स एक्ट का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था, जब उन्होंने Q2 FY26 में लगभग 6,000 कर्मचारियों को निकाला था। इसके अतिरिक्त, बिहार के एक सांसद ने FY26 के अंत तक TCS द्वारा 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा पर चिंता व्यक्त की थी, और इसे विकास के बजाय मुनाफे को प्राथमिकता देने की ओर बदलाव बताया था।
इसके विपरीत, TCS के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी, सुदीप कुन्नुमल, ने पहले कहा था कि कंपनी शुद्ध रूप से नौकरी सृजनकर्ता बनी हुई है, विकास और प्रतिभा में निवेश कर रही है, और कैंपस हायरिंग की योजना बना रही है, हालांकि आने वाली तिमाहियों या FY26 के लिए विशिष्ट हेडकाउंट लक्ष्यों का खुलासा नहीं किया गया था।
प्रभाव (Impact): यह खबर TCS और संभवतः अन्य बड़ी भारतीय आईटी कंपनियों के प्रति निवेशक भावना को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है, क्योंकि यह महत्वपूर्ण श्रम विवादों और नियामक जांच को उजागर करती है। ऐसे मुद्दों से कानूनी लागत बढ़ सकती है, संभावित जुर्माने लग सकते हैं, और प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है, जो स्टॉक मूल्य में अस्थिरता या गिरावट के रूप में दिखाई दे सकता है। निवेशक TCS की प्रतिक्रिया और श्रम आयुक्त के किसी भी फैसले का बारीकी से इंतजार करेंगे। Rating: 6/10
Difficult Terms: * **Summons**: एक आधिकारिक आदेश जो अदालत या सरकारी प्राधिकरण द्वारा किसी व्यक्ति या संस्था को उनके सामने उपस्थित होने के लिए जारी किया जाता है। * **Allegations**: ऐसे दावे या आरोप कि किसी ने कुछ अवैध या गलत किया है, जिसे अभी तक साबित नहीं किया गया है। * **Illegal Termination**: किसी कर्मचारी को उसके रोजगार से इस तरह से बर्खास्त करना जो श्रम कानूनों या रोजगार अनुबंध का उल्लंघन करता हो। * **Unlawful Layoffs**: कर्मचारियों को उनकी नौकरियों से कानूनी प्रक्रियाओं, अधिकारों या विधानों का उल्लंघन करके निकालना। * **Statutory Dues**: ऐसे भुगतान या लाभ जो किसी नियोक्ता को कानूनी रूप से कर्मचारियों को प्रदान करने के लिए बाध्य हैं, जैसे कि अंतिम वेतन, ग्रेच्युटी, नोटिस वेतन, या विच्छेद पैकेज। * **Coercive Employment Practices**: नियोक्ता द्वारा की जाने वाली ऐसी कार्रवाइयां जिनमें कर्मचारियों को अनुचित नियमों या रोजगार की शर्तों को स्वीकार करने के लिए दबाव, धमकी या बल का प्रयोग शामिल होता है। * **Competent Authority**: कोई व्यक्ति या निकाय जिसे किसी विशिष्ट कार्य को करने या निर्णय लेने के लिए आधिकारिक तौर पर सशक्त या योग्य बनाया गया हो, इस मामले में, श्रम विवादों और शिकायतों से संबंधित। * **Industrial Disputes Act**: भारत में एक कानून जो औद्योगिक संबंधों को नियंत्रित करता है, औद्योगिक विवादों को रोकने और हल करने का लक्ष्य रखता है, और श्रमिकों की भलाई के लिए प्रावधान करता है।