भारत ने महत्वपूर्ण बदलावों के साथ अपने आईटी नियम 2021 को अपडेट किया है, जिससे सहियोग पोर्टल के माध्यम से सामग्री हटाने के लिए सरकारी शक्तियों को बढ़ाया गया है और डीपफेक जैसी 'सिंथेटिक रूप से उत्पन्न जानकारी' की पहचान के लिए प्लेटफार्मों पर नई बाध्यताएं पेश की गई हैं। आलोचकों का कहना है कि इन कदमों से राज्य का नियंत्रण बढ़ेगा, पारदर्शिता कम होगी और संभावित रूप से उपयोगकर्ता की स्वतंत्रता और मध्यस्थ सुरक्षा को कमजोर किया जा सकता है।