भारत की आईटी (IT) और आईटी-सक्षम सेवा (ITES) फर्मों को नए श्रम संहिताओं (Labour Codes) के लागू होने से अपने पेरोल लागत में 5-10% तक की महत्वपूर्ण वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है। प्रमुख बदलावों में यह अनिवार्य किया गया है कि मूल वेतन (basic salary) कुल मुआवजे (total compensation) का कम से कम 50% होना चाहिए, जिससे वैधानिक अंशदान (statutory contributions) बढ़ जाएंगे। 40 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य वार्षिक स्वास्थ्य जांच और उच्च अनुपालन लागत (compliance costs) भी बोझ बढ़ाएगी।