CLSA के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट सुमित जैन का मानना है कि जेनरेटिव AI (GenAI) भारतीय IT कंपनियों के लिए एक स्ट्रक्चरल लाभ लाएगा, जिससे व्यवधान (disruption) के डर को कम किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि GenAI सॉल्यूशंस जटिल होते हैं, जिनके इंटीग्रेशन के लिए IT सर्विस फर्मों की आवश्यकता पड़ती है। मॉडल अब हेडकाउंट (कर्मचारियों की संख्या) से हटकर प्रति कर्मचारी राजस्व (revenue per employee) बढ़ाने की ओर बढ़ रहा है, जिसमें रीस्किलिंग और AI एजेंट्स की भूमिका होगी। अमेरिका के बाज़ार से सकारात्मक संकेत, जो कि एक प्रमुख राजस्व स्रोत है, एक साइक्लिकल बूम को भी समर्थन दे रहे हैं। CLSA को वित्त वर्ष 27 (FY27) में सेक्टर में 5-7% की ग्रोथ का अनुमान है।
CLSA के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट सुमित जैन ने CITIC CLSA इंडिया फोरम 2025 में कहा कि जेनरेटिव AI (GenAI) भारतीय IT सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण स्ट्रक्चरल अवसर प्रस्तुत करता है, न कि एक विघटनकारी खतरा (disruptive threat)। उनका तर्क था कि बाज़ार इस क्षमता को कम आंक रहा है, साथ ही अमेरिका द्वारा संचालित साइक्लिकल अपटर्न को भी नज़रअंदाज़ कर रहा है।
जैन ने समझाया कि GenAI सॉल्यूशंस की जटिलता का मतलब है कि ग्राहक इन्हें स्वतंत्र रूप से नहीं बना सकते। इसलिए, इन उन्नत तकनीकों को प्रभावी ढंग से तैनात करने के लिए IT सर्विस कंपनियों को सिस्टम इंटीग्रेटर्स के रूप में शामिल करना आवश्यक है। Nvidia और Salesforce के विशेषज्ञों ने भी इस महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला है।
हेडकाउंट बढ़ाने वाला पारंपरिक मॉडल विकसित हो रहा है। जैन ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में प्रति कर्मचारी राजस्व (revenue per employee) में वृद्धि देखी गई है, और यह जारी रहने की उम्मीद है। इस सुधार का श्रेय कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को रीस्किल करने और Microsoft Co-Pilot और Google Gemini जैसे टूल के साथ-साथ मालिकाना AI एजेंट्स (proprietary AI agents) को एकीकृत करने को जाता है। हालांकि नौकरी की वृद्धि सीमित हो सकती है, लेकिन उच्च राजस्व और लाभप्रदता की उम्मीद है।
संयुक्त राज्य अमेरिका, जो भारतीय IT राजस्व का 60-80% हिस्सा है, उत्साहजनक आर्थिक संकेत दिखा रहा है। जैन ने आगामी अमेरिकी मध्य-अवधि चुनाव वर्ष (mid-term election year) और ब्लूमबर्ग की अगले साल के लिए 13% S&P 500 अर्निंग ग्रोथ की भविष्यवाणी का उल्लेख किया, जो 10-वर्षीय औसत से बेहतर है। यह दोहरा दृष्टिकोण - स्ट्रक्चरल और साइक्लिकल - एक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
हाल की तिमाही में सुधार के शुरुआती संकेत देखे गए हैं, और साल-दर-साल (year-on-year) ग्रोथ के एक से दो तिमाहियों के भीतर सुधरने की उम्मीद है। CLSA वित्त वर्ष 27 (FY27) के लिए सेक्टर की ग्रोथ 5-7% रहने का अनुमान लगा रहा है, जो FY26 से एक सुधार है, हालांकि यह अभी भी पिछली दो अंकों की दरों तक नहीं पहुंचा है।
लाभ मार्जिन (profit margins) स्थिर रहने की उम्मीद है, क्योंकि निवेश मुख्य रूप से वर्कफोर्स रीस्किलिंग में है, न कि पूंजी-गहन (capital-intensive) परियोजनाओं में। रुपये का अवमूल्यन (rupee depreciation), मूल्य निर्धारण शक्ति (pricing power), और प्रति कर्मचारी बढ़ा हुआ राजस्व जैसी लागतों की भरपाई करने में मदद करेंगे।
भारतीय IT कंपनियों को क्षमता-आधारित विलय और अधिग्रहण (Mergers & Acquisitions - M&A) के लिए नकदी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जो Accenture जैसे अधिक आक्रामक वैश्विक साथियों के समान है। Tata Consultancy Services द्वारा डेटा केंद्रों में $5-7 बिलियन का नियोजित निवेश GenAI अवसर के लिए स्केल-अप करने का एक उदाहरण था।
Impact:
यह खबर भारतीय IT सेक्टर के लिए अत्यंत सकारात्मक है। यह सुझाव देता है कि जेनरेटिव AI जैसे प्रमुख तकनीकी बदलाव, नौकरियों के नुकसान या राजस्व में गिरावट का कारण बनने के बजाय विकास और लाभप्रदता को बढ़ावा देंगे। इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ सकता है और IT शेयरों के लिए संभावित रूप से उच्च मूल्यांकन (higher valuations) प्राप्त हो सकते हैं।
Difficult Terms Explained: