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Updated on 13th November 2025, 6:20 PM
Author
Satyam Jha | Whalesbook News Team
सिस्को के पूर्व CEO जॉन चैंबर्स का अनुमान है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वैश्विक उत्पादकता और आर्थिक विकास को काफी बढ़ाएगा। उनका मानना है कि AI आने वाले वर्षों में भारत की GDP ग्रोथ में दो प्रतिशत अंकों तक का इजाफा कर सकता है, जिससे भारत इस बदलाव में एक मुख्य खिलाड़ी बनेगा। चैंबर्स AI के तेजी से विकास और स्टार्टअप ग्रोथ को बढ़ावा देने व नई नौकरियों के अवसर पैदा करने की क्षमता पर जोर देते हैं, और कार्यबल के पुनः प्रशिक्षण की आवश्यकता पर भी बल देते हैं।
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वैश्विक उत्पादकता और आर्थिक विकास को नया आकार देने के लिए तैयार है, जिसमें भारत एक केंद्रीय भूमिका निभाएगा, ऐसा सिस्को के पूर्व CEO और US-India Strategic Partnership Forum के चेयरमैन जॉन चैंबर्स का कहना है। चैंबर्स का अनुमान है कि AI अगले कुछ वर्षों में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ग्रोथ में दो प्रतिशत अंकों तक का इजाफा कर सकता है। वह इसकी तुलना 1990 के दशक के इंटरनेट बूम से करते हुए कहते हैं कि जो देश AI को अपनाने में अग्रणी रहेंगे, वे इस दशक में वैश्विक आर्थिक विकास का नेतृत्व करेंगे। चैंबर्स यह भी बताते हैं कि AI, इंटरनेट की तुलना में पांच गुना तेजी से प्रगति कर रहा है और तीन गुना अधिक आउटपुट दे रहा है, जिससे स्टार्टअप कहीं अधिक तेजी से आगे बढ़ सकते हैं। भारत अपनी इंजीनियरिंग प्रतिभा, स्टार्टअप इकोसिस्टम और अमेरिकी साझेदारी के कारण विशेष रूप से अच्छी स्थिति में है। वह AI स्टॉक वैल्यूएशन के बारे में चिंताओं को स्वीकार करते हैं लेकिन मानते हैं कि दीर्घकालिक विकास की राह निर्विवाद है, जो शुरुआती इंटरनेट युग की तरह है।